Trupti book and story is written by Saroj Verma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Trupti is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
तृप्ति - Novels
by Saroj Verma
in
Hindi Love Stories
एक वैभवशाली राज्य में, अरे,श्याम...... आज ठीक से मृदंग क्यो नही बजा रहे,आज तुम्हारे सुर ठीक से क्यो नही लग रहे, कमलनयनी बोली। आज मेरा मन थोड़ा विचलित है,राजनर्तकी जी,श्याम बोला। क्यो विचलित है? अच्छा चलो तो मेरे साथ नृत्य का अभ्यास करो, कमलनयनी बोली। श्याम कमलनयनी के साथ नृत्य का अभ्यास करने लगता है!! "कमलनयनी, पल्लव देश के राजा कर्णसेन की राजनर्तकी है,कर्णसेन , कमलनयनी से बहुत प्रेम करते हैं,उसे अपनी प्रेमिका मानते हैं लेकिन कमलनयनी उनसे सिर्फ प्रेम का दिखावा करती है ताकि उसका राजनर्तकी का पद बना रहे,उसे सिर्फ अपने एशो-आराम का लोभ
एक वैभवशाली राज्य में, अरे,श्याम...... आज ठीक से मृदंग क्यो नही बजा रहे,आज तुम्हारे सुर ठीक से क्यो नही लग रहे, कमलनयनी बोली। ...Read Moreमेरा मन थोड़ा विचलित है,राजनर्तकी जी,श्याम बोला। क्यो विचलित है? अच्छा चलो तो मेरे साथ नृत्य का अभ्यास करो, कमलनयनी बोली। श्याम कमलनयनी के साथ नृत्य का अभ्यास करने लगता है!! "कमलनयनी, पल्लव देश के राजा कर्णसेन की राजनर्तकी है,कर्णसेन , कमलनयनी से बहुत प्रेम करते हैं,उसे अपनी प्रेमिका मानते हैं लेकिन कमलनयनी उनसे सिर्फ प्रेम का दिखावा करती है ताकि उसका राजनर्तकी का पद बना रहे,उसे सिर्फ अपने एशो-आराम का लोभ
प्रात: काल का समय ___ मंदिर का प्रांगण, अभी सूरज ने अपना प्रकाश चारों तरफ नहीं बिखेरा है,सब जगह साज-सजावट चल रही है, मंदिर में आज देवी दुर्गा की नई मूर्ति की स्थापना होनी है ...Read Moreकि पड़ोसी राज्य के राजा ने मित्रता-स्वरूप भेंट की है,उसी का समारोह है,राज्य के सभी वासियों के लिए भोज-भण्डारा है,राजा का आदेश है कि किसी भी घर में चूल्हा नहीं जलना चाहिए। दिन चढ़े तक प्रजा उपस्थित हो गई, सुबह से कढाव चढ़ गये थे प्रजाजन के लिए खाने-पीने की उचित ब्यवस्था थी,सब खाने का आनंद लें रहे थे, तभी घोषणा हुई
रोते हुए कमलनयनी मंदिर से वापस आ गई,उसे आज बार बार रोना आ रहा था,वो कितने अच्छे मन से मंदिर गई थी लेकिन पुरोहित जी ने दूर से ही देखकर बाहर निकाल दिया,इन सबका वो पुरोहित जी से उत्तर ...Read Moreथी और उसने मन बना लिया को वो उनके निवास जाकर इस प्रश्न का उत्तर पूछेगी क्योंकि मंदिर में तो उसका प्रवेश निषेध है और महल में उनको अपने कक्ष में बुलाना उचित नहीं होगा। उसने मयूरी से पता करवाया कि पूजा-पाठ करके वो कब अपने निवास को निकलते हैं,हम तभी पहुंचेंगे, उनके घर, मयूरी सब कुछ पता करके
रोते हुए कमलनयनी मंदिर से वापस आ गई,उसे आज बार बार रोना आ रहा था,वो कितने अच्छे मन से मंदिर गई थी लेकिन पुरोहित जी ने दूर से ही देखकर बाहर निकाल दिया,इन सबका वो पुरोहित जी से उत्तर ...Read Moreथी और उसने मन बना लिया को वो उनके निवास जाकर इस प्रश्न का उत्तर पूछेगी क्योंकि मंदिर में तो उसका प्रवेश निषेध है और महल में उनको अपने कक्ष में बुलाना उचित नहीं होगा। उसने मयूरी से पता करवाया कि पूजा-पाठ करके वो कब अपने निवास को निकलते हैं,हम तभी पहुंचेंगे, उनके घर, मयूरी सब कुछ पता करके
रोते हुए कमलनयनी मंदिर से वापस आ गई,उसे आज बार बार रोना आ रहा था,वो कितने अच्छे मन से मंदिर गई थी लेकिन पुरोहित जी ने दूर से ही देखकर बाहर निकाल दिया,इन सबका वो पुरोहित जी से उत्तर ...Read Moreथी और उसने मन बना लिया को वो उनके निवास जाकर इस प्रश्न का उत्तर पूछेगी क्योंकि मंदिर में तो उसका प्रवेश निषेध है और महल में उनको अपने कक्ष में बुलाना उचित नहीं होगा। उसने मयूरी से पता करवाया कि पूजा-पाठ करके वो कब अपने निवास को निकलते हैं,हम तभी पहुंचेंगे, उनके घर, मयूरी सब कुछ पता करके