Mistery of an invisible village book and story is written by Mukesh nagar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mistery of an invisible village is also popular in Children Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
अदृश्य गाँव का रहस्य - Novels
by Mukesh nagar
in
Hindi Children Stories
अदृश्य गाँव का रहस्य भाग 1 *********************** यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक नहीं है, और सत्य कहकर मैं फँसना नहीं चाहता...किसी को वचन दिया है। अतः इसे आधा सच और आधा झूठ मान सकते हैं। जिस अदृश्य गाँव की यह कहानी है, वहाँ कोई भी जा नहीं सकता इसलिए कोई मुझपर केस वेस भी नहीं कर सकता।मेरा एक मित्र संजू उस रहस्यमयी गाँव में ही रहता था , उसी ने सुनाई थी यह रहस्य भरी कहानी...।बात कोई ज्यादा पुरानी भी नहीं है किंतु मैं जितना चाहूँगा उतना ही सुनाऊँगा...ज्यादा कुछ पूछियेगा नहीं। रहस्य बड़ा है, कहानी भी डरावनी
अदृश्य गाँव का रहस्य भाग 1 *********************** यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक नहीं है, और सत्य कहकर मैं फँसना नहीं चाहता...किसी को वचन दिया है। अतः इसे आधा सच और आधा झूठ मान सकते हैं। जिस अदृश्य गाँव ...Read Moreयह कहानी है, वहाँ कोई भी जा नहीं सकता इसलिए कोई मुझपर केस वेस भी नहीं कर सकता।मेरा एक मित्र संजू उस रहस्यमयी गाँव में ही रहता था , उसी ने सुनाई थी यह रहस्य भरी कहानी...।बात कोई ज्यादा पुरानी भी नहीं है किंतु मैं जितना चाहूँगा उतना ही सुनाऊँगा...ज्यादा कुछ पूछियेगा नहीं। रहस्य बड़ा है, कहानी भी डरावनी
(गतांक से आगे..) उस अनोखे से गाँव के यह चार बच्चे।राजू और मुन्ना एक ही कक्षा के छात्र थे। संजू और जीतू उन दोनों से एक-एक कक्षा नीचे...परंतु चारो की मित्रता बड़ी सुदृढ़ थी। इन बच्चों की गुरुकुल की ...Read Moreअभी ख़त्म ही हुई थी। उन्हें छुट्टियों की तो जैसे प्रतीक्षा ही थी। गरमी की इन दुपहरियों में आम के वृक्षों से अंबिया तोड़ने की योजना उन चारों ने बना ही रखी थीं। इस बार वे शहर घूमना भी चाहते थे पर उधर शहर की बीमारी ने यह योजना धराशायी कर दी थी।"हुर्रे...।"सन्ध्या की चौपाल में कुँए की खुदाई की
वामन गुरु उत्तर की तरफ चले गए थे। वह कुएँ की निचली दीवार पर कभी ध्यान से कुछ देखते तो कभी अपनी अँगुलियों से उसे ठोकते। ऐसा लगता था कुछ खोजने का प्रयास कर रहे थे। नट्टू और बद्री ...Read Moreसहायता से राजू और मुन्ना ने दो तीन घंटे में तीन फीट से अधिक खुदाई कर दी थी। जीतू और संजू भी पीछे नहीं थे, खुदाई के साथ साथ ही वे दोनों मिट्टी को बाल्टियों में भर देते और रस्सी को हिलाते, संकेत पाकर उसे ऊपर खींच लिया जाता था। मिटटी पोली और बिना पत्थर की होने से कार्य उम्मीद
उन्होंने मन ही मन में कहा और सबके पास आकर बैठ गए।वामन देव के बैठने पर उनकी लंबी दाढ़ी जमीन को छू रही थी।बद्री ने उन्हें भी सत्तू खाने को दिया।नट्टू कुछ देर उन्हें देखता रहा। फिर बोल पड़ा।" ...Read Moreआप आज्ञा दें तो मैं कुछ कहूँ।""हाँ हाँ बोलो न..." गुरूजी हँसे।" महाराज ! आखिर ई सब का हो रहा है। हम आखिर कहाँ जा रहे हैं, हमे करना क्या है? खाना और पानी भी अब ज्यादा बचा नहीं है।"कहकर वह चुप हो गया।"...और किसी के भी मन में यह विचार आ रहा है?"गुरूजी मुस्कुराए और सबकी तरफ देखा।" बोलो