Ek julus ke sath - sath book and story is written by Neela Prasad in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Ek julus ke sath - sath is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
एक जुलूस के साथ – साथ - Novels
by Neela Prasad
in
Hindi Moral Stories
एक जुलूस के साथ – साथ नीला प्रसाद (1) होटल के डाइनिंग हॉल में दो कोनों पर खड़े हमदोनों की नजरें अनायास मिल गईं। फिर उन नजरों के मिलन से बने पुल पर तेजी से बहती- तैरती, पिघली हुई यादें आने- जाने लगीं। वे बहुत तकलीफदेह यादें थीं- व्यवस्थित, चमकदार, चिकने जीवन की परतों में छेद कर उन्हें अव्यवस्थित, बदरंग, खुरदुरा, बदशक्ल बना देने वाली यादें... यादें, जिन्हें अतीत के गैरफैशनेबल कपड़ों की तरह हमने वर्तमान के फैशनेबल कपड़ों की तमाम तहों के नीचे दबा दिया था, अब असुविधा उत्पन्न करती हुई, जादू से सब उलट- पलट कर, सतह पर
एक जुलूस के साथ – साथ नीला प्रसाद (1) होटल के डाइनिंग हॉल में दो कोनों पर खड़े हमदोनों की नजरें अनायास मिल गईं। फिर उन नजरों के मिलन से बने पुल पर तेजी से बहती- तैरती, पिघली हुई ...Read Moreआने- जाने लगीं। वे बहुत तकलीफदेह यादें थीं- व्यवस्थित, चमकदार, चिकने जीवन की परतों में छेद कर उन्हें अव्यवस्थित, बदरंग, खुरदुरा, बदशक्ल बना देने वाली यादें... यादें, जिन्हें अतीत के गैरफैशनेबल कपड़ों की तरह हमने वर्तमान के फैशनेबल कपड़ों की तमाम तहों के नीचे दबा दिया था, अब असुविधा उत्पन्न करती हुई, जादू से सब उलट- पलट कर, सतह पर
एक जुलूस के साथ – साथ नीला प्रसाद (3) मैं अगली क्लास में नहीं गई। पेड़ के तने से सटी खड़ी कुछ सोचने की कोशिश करती रही पर दिमाग शून्य था। सुजाता मुझे देख मुस्कुराई। ‘तुम उन लोगों में ...Read Moreजो जिंदगी भर पानी के किनारे खड़े तैरने का आनंद लेने का दावा करते रहते हैं। जिंदगी में कभी तो समूह के लिए खतरा उठाना सीख! जिंदगी भर डर-डर कर, सामने दीख रही समस्याओं से मुंह छुपाती जियोगी क्या!’ कल रात सुजाता ने व्यंग्य में कहा था। विनीता ने सीधे निमंत्रण दे डाला- ‘तुम भी तो विक्टिम हो, आ जाओ
एक जुलूस के साथ – साथ नीला प्रसाद (2) लतादी कौन हैं? उनके पास इतनी ताकत कैसे है?? अगर वे जी.वी के विरोध में हैं तो फिर इस हॉस्टल से निकाल क्यों नहीं दी जातीं?, इन सारे सवालों के ...Read Moreहमें हफ्ते भर के अंदर ही अंजलीदी की मार्फत मिल गए। ‘लतादी बर्निंग फायर आफ वीमेंस कालेज हैं ।’ उन्होंने हमें गर्व से बताया।‘वे एक बड़े पुलिस अधिकारी की बेटी हैं। उन्हें इस हॉस्टल से हटाया गया तो वे जी.वी के किस्से अखबारों में छपवा देंगी, क्योंकि उनके चाचा जर्नलिस्ट हैं। जी.वी उन्हें मजबूरी में इस हॉस्टल में रखे हुए