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एसिड अटैक - Novels
by dilip kumar
in
Hindi Thriller
एसिड अटैक (1) ‘‘हाँ, हूँ, ठीक ही था’’ ऐसे जवाब सुन-सुन देवधर जान गये कि सेलेना उकता रही थी। देवधर ने उसे आराम करने देना ही मुनासिब समझा। थोड़ा बुरा तो लगा था देवधर को, कि उनकी बेटी उनकी चिंताओं को शायद समझ कर भी समझना नहीं चाहती। बेटी के कमरे से निकल कर वे चौपाइयां गाकर स्वयं को व्यस्त करने की कोशिशें करने लगे। मगर अतीत शायद आज देवधर को राहत देने के पक्ष में नहीं था। देवधर को सेलेना का कोडाईकैनाल का टूर काफी भारी पड़ा था। वे उच्च रक्तचाप के मरीज थे। वे ही जानते थे कि
एसिड अटैक (1) ‘‘हाँ, हूँ, ठीक ही था’’ ऐसे जवाब सुन-सुन देवधर जान गये कि सेलेना उकता रही थी। देवधर ने उसे आराम करने देना ही मुनासिब समझा। थोड़ा बुरा तो लगा था देवधर को, कि उनकी बेटी उनकी ...Read Moreको शायद समझ कर भी समझना नहीं चाहती। बेटी के कमरे से निकल कर वे चौपाइयां गाकर स्वयं को व्यस्त करने की कोशिशें करने लगे। मगर अतीत शायद आज देवधर को राहत देने के पक्ष में नहीं था। देवधर को सेलेना का कोडाईकैनाल का टूर काफी भारी पड़ा था। वे उच्च रक्तचाप के मरीज थे। वे ही जानते थे कि
एसिड अटैक (2) यो अपनी तरफ से डॉ0 शीला ने पहल करके कभी भी प्रोफेसर साहब से संपर्क बनाने की कोशिशें नहीं की थी। मगर प्रोफेसर साहब के ई-मेल अलबŸा उन्हें इस बाबत मिलते रहते थे कि, अपनी कुशल ...Read Moreमनायें, हालात की मजबूरियों को समझें और गर मुमकिन हो तो शांत को लेकर आयें और कनाडा घूम जायें। वैसे डॉ0 शीला अतीत को भूली नहीं थी, मगर वर्तमान का सत्य भी भयावाह ही था। ये बात उन्हें खासी नागवार गुजरती थी कि उस क्रिस्तानी महिला से कानूनन आज तक प्रोफेसर साहब के संबंध-विच्छेद नहीं हुये थे और जिन्दगी के
एसिड अटैक (3) उसके बाद उसने बाहर आकर बेमन से सिगरेट सुलगा ली थी। शांत का जेहन अचानक बेचैन हो उठा था। पीछे से देवधर रोते-बिलखते शांत के पास पहुंचे, और सेलेना के जन्म से लेकर इस हादसे के ...Read Moreकी परिस्थितियों तक की अपनी पूरी राम कहानी बिलख-बिलख कर बताने लगे। अनमने भाव से शांत ने चेहरा पीछे घुमाया तो दरवाजे पर चाय लिये खड़ी महराजिन भी रो रही थीं। मिनटों में ही दृश्य बदल चुका था। दोनों का रूदन तेज हो चला था। महराजिन पछाडे़ खाकर रोने लगीं, देवधर भी बार-बार अपनी छाती पीट कर रो रहे थे।
एसिड अटैक (4) वो बस सेलेना के मन की थाह लेना चाहता था। वो गम्भीर बात उसने यूं ही चलताऊ लहजे में पूछी’’ सेलेना, मान लो तुम्हे कल को पता चल जाये कि तुम्हारे चेहरे पर तेजाब किसने फेंका ...Read Moreतब तुम उस शख्स का क्या करोंगी’’। सेलेना इस सवाल के लिए कतई तैयार न थी। उसके चेहरे पर कई भाव आये-गये, हालांकि शांत पूरी तरह से तैयार था सेलेना के चेहरे के भावों को पढ़कर उसके मन की थाह लेने को। अगर चेहरा सामान्य होता तो उसे कुछ अता-पता भी लगता। मगर उस वीभत्स चेहरे के भावों को शांत
एसिड अटैक (5) सेलेना मिन्नतें कर रही थी। मगर शांत निश्चयात्मक स्वर में बोला ‘‘वो पैसे के लिए मना कर देतीं, तो शायद मुझे उतना बुरा नहीं लगता। लेकिन उन्होंने तुम्हारे चरित्र पर उंगली उठाई, बस इसी बात से ...Read Moreखून खौल उठा’’। थोड़ा ठहरकर, वो रहस्योद्घाटन करते हुये बोला ‘‘मेरी माँ और पापा की शादी आज तक नहीं हुयी है। न कानूनन, न प्रेम विवाह। बिना ब्याही माँ हैं वो। खुद को नहीं देखती, तुम पर खामखां शक करती हैं और हाँ, मेरा दूसरा विकल्प भी जान लो। माँट्रियल मेरा दूसरा विकल्प है। वहां मेरी ज्यादा पूछ होगी, यहाँ