Ab jaag jaao book and story is written by सिद्धार्थ शुक्ला in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Ab jaag jaao is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
अब जाग जाओ - Novels
by सिद्धार्थ शुक्ला
in
Hindi Moral Stories
#अब_जाग_जाओ_भाग१हल्की ठंड के मौसम में जब साफ आसमान होता है तो चंद्रमा की चांदनी अपना अलौकिक रूप लिए बरस रही होती है । चांदनी रात में किसी बगीचे में टहलना एक अनोखे सुख से भर देता है। जब आपके पैर सूखे पत्तों पर पड़ते हैं तो पत्तो से उठी आवाज़ आपके मौन को और गहन कर देती है। तब आपको एहसास होता है कि फूलों और विशाल वृक्षो के साथ साथ इन सूखे पत्तों का भी बग़ीचे के सौंदर्य में अपना महत्व है।मैं उन भाग्यशाली व्यक्तियों में से हूं जिनका जन्म भारत मे हुआ और भारत मे ही रहते हैं।
#अब_जाग_जाओ_भाग१हल्की ठंड के मौसम में जब साफ आसमान होता है तो चंद्रमा की चांदनी अपना अलौकिक रूप लिए बरस रही होती है । चांदनी रात में किसी बगीचे में टहलना एक अनोखे सुख से भर देता है। जब आपके ...Read Moreसूखे पत्तों पर पड़ते हैं तो पत्तो से उठी आवाज़ आपके मौन को और गहन कर देती है। तब आपको एहसास होता है कि फूलों और विशाल वृक्षो के साथ साथ इन सूखे पत्तों का भी बग़ीचे के सौंदर्य में अपना महत्व है।मैं उन भाग्यशाली व्यक्तियों में से हूं जिनका जन्म भारत मे हुआ और भारत मे ही रहते हैं।
"भगत सिंह ... "! यह नाम उस युवक के मुख से सुन कर मैं चौका। "ये कैसे हो सकता है , आप को तो अंग्रेजो ने ... " आगे के अल्फ़ाज़ मैं बोल नही पाया और इतने में ही ...Read Moreदिव्य पुरुष ने अपना दाहिना हाथ मेरे कंधे पर रख दिया। हाथ बेहद मजबूत था मानो दो चार हाथियों का बल उसमे हो। "चलो ये बताओ तुम्हारे नजरिये में इंकलाब क्या है"? मुझे यकीन नही हो रहा था कि मैं मेरे नायक भगत सिंह के समक्ष बैठा हूँ, उन्होंने मुस्कुराते हुए सवाल पूछा ।मैंने कहा - "अन्याय के विरोध में आंदोलन?" जवाब