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न्याय by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
" अरी उठना नही है क्या?कब तक खाट मे पड़ी रहेगी।चाय बन गई।अब तो उठ जा"।छमिया के बार बार आवाज देने पर कमली उठी तो थी,लेकिन...
न्याय by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
दुनिया की ऊंच नीच बताई थी।कुंवारी माँ बनने के क्या दुष्परिणाम हो सकते है।बेटी को समझाए थे।माँ के समझाने के बावजूद कमली ब...
न्याय by Kishanlal Sharma in Hindi Novels
"तेरा दिमाग तो खराब नही हो गया।पागलों की सी बात कर रही है।तू होश में तो है।अछूतों को मेरे घर की देहरी लांघने की इज़ज़त नही...