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न्याय - Novels
by Kishanlal Sharma
in
Hindi Women Focused
" अरी उठना नही है क्या?कब तक खाट मे पड़ी रहेगी।चाय बन गई।अब तो उठ जा"।छमिया के बार बार आवाज देने पर कमली उठी तो थी,लेकिन माँ के पास न आकर सीधी नाली की तरफ भागी थी।नाली पर बैठकर कमली उबकाई लेेंने लगी।उसे देखकर छमिया ने पूूछा था," क्या हुआ री?"माँ की बात का कमली ने कोई जवाब नही दिया।वह नाली पर बैठी उबकाई लेती रही।बेटी को उबकाई लेते देखकर छमिया को अचानक ध्यान आया।बेेटी एक तारीख को महिनेे से हो जाती थी।लेकिन एज तारीख तो कब की गुज़र गई।।दूसरी एक तारीख आने वाली थी।लेकिन कमली महीने से नहीं हुई
" अरी उठना नही है क्या?कब तक खाट मे पड़ी रहेगी।चाय बन गई।अब तो उठ जा"।छमिया के बार बार आवाज देने पर कमली उठी तो थी,लेकिन माँ के पास न आकर सीधी नाली की तरफ भागी थी।नाली ...Read Moreबैठकर कमली उबकाई लेेंने लगी।उसे देखकर छमिया ने पूूछा था," क्या हुआ री?"माँ की बात का कमली ने कोई जवाब नही दिया।वह नाली पर बैठी उबकाई लेती रही।बेटी को उबकाई लेते देखकर छमिया को अचानक ध्यान आया।बेेटी एक तारीख को महिनेे से हो जाती थी।लेकिन एज तारीख तो कब की गुज़र गई।।दूसरी एक तारीख आने वाली थी।लेकिन कमली महीने से नहीं हुई
दुनिया की ऊंच नीच बताई थी।कुंवारी माँ बनने के क्या दुष्परिणाम हो सकते है।बेटी को समझाए थे।माँ के समझाने के बावजूद कमली बोली,"मैं बच्चा नही गिराउंगी।""बिना बाप का बच्चा हरामी कहलाता है।""ऐसा नही होगाकमली अनपढ़ नही थी।गांव के सरकारी ...Read Moreमें उसने आठवीं तक शिक्षा पायी थी।घर में टी वी था।जिसे वह देखती थी।उसने अपना इरादा साफ जाहिर कर दिया था।बेटी की बात सुनकर छमिया सोचने लगी।छमिया की रिश्तेदारी कई शहरों में थी।पुरानी पीढ़ी के उसके हम उम्र तो अब भी सफाई का काम ही करते थे।लेकिन आज़ादी के बाद पैदा हुए नई पीढ़ी के पढ़ लिखकर नोकरी भी करने
"तेरा दिमाग तो खराब नही हो गया।पागलों की सी बात कर रही है।तू होश में तो है।अछूतों को मेरे घर की देहरी लांघने की इज़ज़त नही है।और तू अपनी बेटी को मेरे घर की बहू बनाने की बात कर ...Read Moreहै"।छमिया की बात सुनकर ठाकुर आग बबूला हो गया।"मैं अछूत हूँ।तेरी नज़र में मेरी बेटी भी अछूत है।कमली से जबरदस्ती करते समय तेरे बेटे को ख्याल नही आया कि वह अछूत है।उसे छूना भी तुम्हारे यहाँ वर्जित है।"छमिया ने ठाकुर पर कटाक्ष किया था।"मेरे बेटे ने तेरी बेटी के साथ कोई नया काम नही किया है।ठाकुर खानदान के लोग न