Charchit yatrakathae by MB (Official) | Read Hindi Best Novels and Download PDF Home Novels Hindi Novels चर्चित यात्राकथाएं - Novels Novels चर्चित यात्राकथाएं - Novels by MB (Official) in Hindi Travel stories (53) 6.7k 10.6k 82 इब्नबतूता (1304-1368-69) मोरक्को का निवासी, 22 वर्ष की आयु में यात्रा पर प्रस्थान। 28 वर्ष तक अरब, पूर्वी अफ्रीका, भारत, चीन, फारस, दक्षिणी रूस, मिस्र, फलासतीन् , स्पेन आदि का भ्रमण। अगले दिन हम सुलतान मुहम्मद शाह की अनुपस्थिति ...Read Moreदेहली पहुँचे। यह हिन्दुस्तान का महानगर है। एक विशाल और शानदार शहर। खूबसूरत और शक्तिशाली। यह चारों ओर एक ऐसी दीवार से घिरा हुआ है जिसके समान संसार में कोई दीवार नहीं। यह हिन्दुस्तान का ही सबसे बड़ा शहर नहीं है, बल्कि सभी मुस्लिम राज्यों में सबसे बड़ा शहर है। मैं 8 जून 1334 को सुलतान तिलबेट के दुर्ग से लौट आया जोकि राजधानी से सात मील दूर था। वजीर ने हमें सुलतान के पास जाने का आदेश दिया। घोड़ों, ऊँटों, फल, तलवारों आदि के उपहारों के साथ दुर्ग के द्वार पर पहुँचे। हरेक का सुलतान से परिचय कराया गया और प्रत्येक की स्थिति के अनुसार उसे सुलतान ने उपहारों से सम्मानित किया। जब मेरी बारी आयी, मैंने देखा कि सुलतान एक कुरसी पर विराजमान हैं। जब मैं दो बार सलाम कर चुका तो सुलतान के अमीर ने कहा-बिस्मिल्लाह मौलाना बदरुद्दीन। हिन्दुस्तान में मुझे बदरुद्दीन के नाम से बुलाया जाता था। और मौलाना शब्द आदर के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। मैं सुलतान के निकट पहुँचा। उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। मेरे हाथ को हौले से दबाया और मेरा हालचाल पूछा। Read Full Story Listen Download on Mobile Full Novel चर्चित यात्राकथाएं - 1 (16) 1.6k 1.3k इब्नबतूता (1304-1368-69) मोरक्को का निवासी, 22 वर्ष की आयु में यात्रा पर प्रस्थान। 28 वर्ष तक अरब, पूर्वी अफ्रीका, भारत, चीन, फारस, दक्षिणी रूस, मिस्र, फलासतीन् , स्पेन आदि का भ्रमण। Listen Read चर्चित यात्राकथाएं - 2 (12) 832 1.1k शहंशाह अकबर के जमाने में लिखी मुगलिया सल्तनत का असली दस्तावेज है - शाहनामा। इसे फिरदौसी, पूरा नाम अबुल कावीमे मंसूर, ने लिखा। फिरदौसी का जन्म खुरासान के शादाब गाँव में सन् 932 ई० में हुआ था। कन्नौज के राजा ...Read Moreने लगातार दस रातों तक दस सपने देखे। दसों सपने देखकर वह बहुत पसोपेश में पड़ा, जब कुछ भी समझ में न आया तो उसने अपने दरबार में विद्वान तपस्वी मेहराम को बुलवाया और दसों सपने सुनाये- Listen Read चर्चित यात्राकथाएं - 3 548 791 मैंने हिन्दुस्तान को जीतने के लिए अपने लश्कर के सेनापतियों से मशवरा किया, चुनांचे उन्होंने मुझे विभिन्न मशवरे दिये। अमीरजादा पीर मुहम्मद ने हिन्दुस्तान को फतह करने और वहाँ धन-दौलत को हासिल करने की तजवीजें पेश कीं। अमीरजादा मुहम्मद ...Read Moreने वहाँ के मजबूत किलों का जिक्र किया और कहा कि हाथियों का भी बन्दोबस्त होना चाहिए। सुलतान हसीन ने कहा कि अगर हम हिन्दुस्तान पर कब्जा कर लें तो दुनिया का एक चौथाई हिस्सा हमारा हो जाएगा। कई सरदारों ने कहा कि अगर हमने हिन्दुस्तान फतह कर लिया और वहाँ स्थायी तौर पर रहने लगे तो हमारे बेटे और पोते अपनी फौजी तंजीम से खारिज हो जाएँगे और इस तरह हमारी नस्ल बरबाद हो जाएगी। लेकिन चूँकि मैं अपने दिल में हिन्दुस्तान को फतह करने का दृढ़ संकल्प कर चुका था, इसलिए मैंने यह कहकर उनका मुँह बन्द कर दिया कि मैं कुरान मजीद से फाल निकालता हूँ और जो फाल निकली, उसके अनुसार अमल किया जाएगा। Listen Read चर्चित यात्राकथाएं - 4 544 830 सूरत नगर में एक कहवाघर था जहाँ अनेकानेक यात्री और विदेशी दुनिया भर से आते थे और विचारों का आदान-प्रदान करते थे। एक दिन वहाँ फारस का एक धार्मिक विद्वान आया। पूरी जिन्दगी ‘प्रथम कारण’ के बारे में चर्चा ...Read Moreउसका दिमाग ही चल गया था। उसने यह सोचना शुरू कर दिया था कि सृष्टि को नियन्त्रण में रखनेवाली कोई उच्च सत्ता ही नहीं है। इस व्यक्ति के साथ एक अफ्रीकी गुलाम भी था, जिससे उसने पूछा-बताओ, क्या तुम्हारे खयाल में भगवान है? गुलाम ने अपने कमरबन्द में से किसी देवता की लकड़ी की मूर्ति निकाली और बोला - यही है मेरा भगवान जिसने जिन्दगी भर मेरी रक्षा की है। गुलाम का जवाब सुनकर सभी चकरा गये। उनमें से एक ब्राह्मण था। वह गुलाम की ओर घूमा और बोला - ब्रह्म ही सच्चा भगवान है। एक यहूदी भी वहाँ बैठा था। उसका दावा था - इस्रायलवासियों का भगवान ही सच्चा भगवान है, वे ही उसकी चुनी हुई प्रजा हैं। एक कैथोलिक ने दावा किया - भगवान तक रोम के कैथोलिक चर्च द्वारा ही पहुँचा जा सकता है। Listen Read चर्चित यात्राकथाएं - 5 480 987 अमरीकी लेखक मार्क ट्वेन (1835-1910) अपनी हास्य रचनाओं के लिए विश्व-विख्यात हैं। लेकिन हास्य का यह माद्दा उनकी अपनी जिन्दगी की भी सबसे बड़ी खासियत था। ‘टॉम सॉयर’ और ‘हकलबेरी फिन’ जैसे उपन्यासों का रचयिता यह लेखक पहले दर्जे ...Read Moreघुमक्कड़ भी था। 20 जनवरी 1896! बड़ा रोशन दिन था। यों भी बम्बई में सर्दी नहीं होती पर जाड़ों के दिन बेहद खुशनुमा होते हैं। रोशनी और गुलाबी खुनकी। ऐसे ही खुशनुमा दिन एक लहीम-शहीम, शक्ल-सूरत से आर्य दिखने वाला व्यक्ति बम्बई में उतरा। वह सफेद सूट पहने था और स्ट्रा का हैट लगाये था। वह भारत घूमने और व्याख्यान देने आया था। Listen Read चर्चित यात्राकथाएं - 6 377 766 ऐल्डस हक्सले का जन्म 1894 में हुआ। पहले पत्रकारिता की और फिर आलोचना लिखने लगे। ‘लिम्बो’ (कहानी संग्रह) ‘क्रीम मेलो’ (उपन्यास), ‘प्वाइण्टकाउण्टर प्वाइण्ट’ उनकी प्रसिद्ध कृतियाँ हैं। उन्होंने कई देशों की यात्राएँ कीं। यह यात्रा-वृत्त उनकी कृति ‘दि जेस्टिंग ...Read Moreसे लिया गया है। Listen Read चर्चित यात्राकथाएं - 7 501 1.1k निकोलाई मनूची का जन्म सन् 1639 के आसपास वीनस (इटली) में हुआ बताते हैं। वह चौदह साल की उम्र में घर से भागकर समरकन्द होते हुए ईरान पहुँचा, फिर हिन्दुस्तान। प्रस्तुत हैं निकोलाई मनूची के कुछ संस्मरण, जो हमारी ...Read Moreयात्रा को समृद्ध करते हैं। Listen Read चर्चित यात्राकथाएं - 8 421 862 कुरुमण्डल तट की सीमाओं में आजकल कुछ ऐसे ब्राह्मण भी देखने में आते हैं जिन्होंने परम्परागत आलस्य को तजकर फ्रांसीसी और अँग्रेज नागरिकों के साथ लेन-देन शुरू कर लिया है और ये दोनों, या दोनों में से एक भाषा ...Read Moreदुभाषिये का काम करने लगे हैं। Listen Read चर्चित यात्राकथाएं - 9 476 934 भारतीय शाही नौसेना की बगावत बुधवार की शाम को शुरू हुई। अगले रविवार को मैं हमेशा की भाँति बटालियन ऑफिस में काम कर रही थी। डब्ल्यू ए. सीज बटालियन हेडक्वार्टर्स में काम करने के लिए नहीं है। फिर भी ...Read Moreवहाँ रुकी थी क्योंकि मुझे इस बात से खुशी मिलती कि मैं अकेली सैनिकों के पास रहूँगी - उन्हीं की तरह। Listen Read चर्चित यात्राकथाएं - 10 422 854 29 वर्षीय डेविड रेन अँग्रेजी के युवा लेखक हैं। वह अक्सर इंग्लैण्ड और स्पेन में रहते हैं। प्रारम्भ के कई वर्षों तक आप इंग्लैण्ड और अमरीका की गुप्त पत्रिकाओं में कविताएँ लिखते रहे। आपने लन्दन के कई प्रमुख पत्रों ...Read Moreलिए विएतनाम और अल्जीरिया से सम्बन्धित लेख लिखे हैं। कुछ कहानियों के अतिरिक्त उन्होंने अपना पहला उपन्यास भी लिखा है। Listen Read चर्चित यात्राकथाएं - 11 541 1k पिछले सोमवार को इट्रेटट में एक भारतीय राजा, बापूसाहब खण्डेराव घाटगे की मृत्यु हो गयी, जो बम्बई प्रेसिडेंसी के गुजरात प्रान्त-स्थित बड़ौदा रियासत के महाराजा गायकवाड़ के रिश्तेदार थे। इसके लगभग तीन हफ्ते पहले सड़कों पर करीब दस नौजवान ...Read Moreका एक दल देखा गया था, जो ठिगने कद के, नाजुक, एकदम काले थे, सिलहटी रंग के सूट पहने और कपड़े की चौड़ी-ऊँची टोपियाँ लगाये हुए थे। प्रमुख पश्चिमी राष्ट्रों की सैनिक संस्थाओं का अध्ययन करने यूरोप आये थे। इस दल में तीन राजा, एक उच्च वर्ण का मित्र दुभाषिया और तीन नौकर थे। Listen Read More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Novel Episodes Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Humour stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Social Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything MB (Official) Follow