Kartvya book and story is written by RISHABH PANDEY in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Kartvya is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
कर्तव्य - Novels
by RISHABH PANDEY
in
Hindi Fiction Stories
घड़ी की टिक-टिक से पूरा कोर्ट रूम गूंज रहा था चारों ओर सन्नाटे का माहौल था लेकिन ऐसा नही था कि कोर्ट रूम में कोई था नही वहाँ पर कुल मिला कर यदि देखा जाता तो कम से कम तीस लोग थे। वकीलों का एक ग्रुप कुछ कागजी कार्यवाही करने में व्यस्त था। तो एक ग्रुप बेपरवाही से कार्यवाही पूरी होने का इन्तेजार कर रहा था। कोर्ट के सरकारी कर्मचारी बार-बार घड़ी को देखे जा रहे थे और देखते भी क्यों न सरकारी कर्मचारी पाँच बजे के बाद खुद को दफ्तर में किसी नरक से कम नही मानता है लेकिन आज मजबूरी थी मजिस्ट्रेट साहब भी अपनी न्याय की कुर्सी पर बैठे थे उनकी भी जिद्द थी कि आज ही फैसला सुनाया जायेगा।
घड़ी की टिक-टिक से पूरा कोर्ट रूम गूंज रहा था चारों ओर सन्नाटे का माहौल था लेकिन ऐसा नही था कि कोर्ट रूम में कोई था नही वहाँ पर कुल मिला कर यदि देखा जाता तो कम से कम ...Read Moreलोग थे। वकीलों का एक ग्रुप कुछ कागजी कार्यवाही करने में व्यस्त था। तो एक ग्रुप बेपरवाही से कार्यवाही पूरी होने का इन्तेजार कर रहा था। कोर्ट के सरकारी कर्मचारी बार-बार घड़ी को देखे जा रहे थे और देखते भी क्यों न सरकारी कर्मचारी पाँच बजे के बाद खुद को दफ्तर में किसी नरक से कम नही मानता है लेकिन