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भारत के गावों में स्वतंत्रा संग्राम - Novels
by Brijmohan sharma
in
Hindi Moral Stories
यह लघु उपन्यास ग्रामीण भारत में स्वतंत्रता व गांधीजी के आन्दोलन के प्रति अलख जगाने की लोमहर्षक अनकही दस्तान है I
२ स्वतत्रता सेनानी द्वारा हरिजन उत्थान का प्रयास करने पर जाति वालो, ग्रामीणों द्वारा भारी अपमान कारण, उन पर हमला करना व पंचायत में पेशी कर गाँव से निष्कासन तक की चुनौती का सकट उत्पन्न करना
३ भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिऐ गांधीजी के महत्वपूर्ण आंदोलनों का संक्षिप्त विवरण
३ स्वतंत्रता प्रप्ति पर स्वतंत्रता सेनानी से सभी पंचों सरपंचों व ग्रामीणों द्वारा माफी मांगना व इक्यावन सजे धजे बैलो वाली बैलगाड़ी पर बिठाकर जुलुस निकालकर अभूतपूर्व रूप से सम्मानित करना ।
४ शहीदे आजम भगतसिंग, चंद्रशेखर आजाद व रानी लक्षमीबाई के संघर्ष पर आधारित नाटक ।
(ऐक अनकही दास्तान ) 1 ग्रन्थ की विशेषताएं:यह लघु उपन्यास ग्रामीण भारत में स्वतंत्रता व गांधीजी के आन्दोलन के प्रति अलख जगाने की लोमहर्षक अनकही दस्तान है I २ स्वतत्रता सेनानी द्वारा हरिजन उत्थान का प्रयास करने पर जाति ...Read Moreग्रामीणों द्वारा भारी अपमान कारण, उन पर हमला करना व पंचायत में पेशी कर गाँव से निष्कासन तक की चुनौती का सकट उत्पन्न करना ३ भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिऐ गांधीजी के महत्वपूर्ण आंदोलनों का संक्षिप्त विवरण ३ स्वतंत्रता प्रप्ति पर स्वतंत्रता सेनानी से सभी पंचों सरपंचों व ग्रामीणों द्वारा माफी मांगना व इक्यावन सजे धजे बैलो वाली बैलगाड़ी
2 १८५७ का गदरदेश की आम जनता के साथ हिंदुस्तान के रजवाडो व अंग्रेजी सेना के भारतीय सैनिको में अंग्रेजी शासन के विरुद्ध विद्रोह पनप रहा था। अंग्रेज चाहे जिस राजा का राज्य बिना कारण बताऐ छीन लेते थे। ...Read Moreने ऐक नया कानून पास कर किसी भी संतानहीन राजा के राज्य को अपने शासन में मिलाने का कानून पास कर दिया व अनेक सूबो व राज्यों पर अपना अधिकार कर लिया। चित्र क्र 3इस कानून के कारण झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, फिरोजशाह आदि अनेक लोगो ने अंग्रेजो के विरुद्ध विद्रोह का बिगुल बजा दिया I उधर अंग्रेजी
3 रोलट ऐक्टसन १९१९ में अंग्रेजी शासन ने ऐक खतरनाक कानून “ रोलट ऐक्ट “ पास कर दिया जिसके अनुसार वे किसी भी भारतीय को बिना कारण बताऐ, कभी भी,कितने समय के लिऐ गिरफ्तार कर सकते थे I इस ...Read Moreतानाशाही कानून से पूरे देश में जनता में रोष की लहर फ़ैल गई I अंग्रेजी शासन के विरुद्ध जगह जगह हड़ताल प्रदर्शन का सिलसिला चल निकला I चित्र क्र 5पंडित शिव भी पुरे जोश के साथ इस आन्दोलन में कूद पड़े I पहले उन्होंने अपने कार्यकर्ताओ के साथ गावों में इस रोलट ऐक्ट की विभीषिका समझाते हुऐ ग्रामीणों में जाग्रति
4 नमक सत्याग्रहसन् 1930 में गांधीजी ने अंग्रेजी शासन को चुनौती देने के लिऐ नमक सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की । उन्हे गुजरात में समुद्र किनारे नमक बनाकर अंग्रेजी सरकार के कानुन को तोड़ना था । इसके लिऐ उन्होंने ...Read Moreसत्याग्रही कार्यकर्ताओं के साथ समुद्र की ओर कूच किया । समय के साथ इस में पूरे देश से उत्साही लोग जुड़ते गऐ । कुछ समय बाद ही यह जुलूस हजारों कर्यकर्ताओं के ऐक विशाल जनसैलाब में तब्दील हो गया । जिस जिस रास्ते से यह जुलूस निकलता देखने वालों का जमघट लग जाता । इस जुलूस पर दर्शनार्थी फूल बरसाते
5 मंदिर दर्शनहरिजन विद्यालय का काम जोर शोर से चल रहा था। छात्र संख्या मे नित्य वृद्धि हो रही थी। उस दिन सवेरे मंदिर मे आरती हो रही थी। भक्तो की भारी भीड़ आरती गा रही थी। भक्त शंख,घंटाल ...Read Moreताली बजा रहे थे। अंत मे भगवान की जय जयकार के साथ प्रसाद का वितरण हुआ । कुछ देर बाद भक्तों की भीड़ बाहर निकलने लगी। लोगों ने देखा कि मंदिर के सामने कुछ दूरी पर ऐक व्रक्ष के नीचे कुछ हरिजन भगवान का दर्शन कर रहे हैं। ऐक प्रभावशाली व्यक्ति उन पर क्रोधित होते हुऐ बोला, ‘तुम्हारी मंदिर के