Chat Box book and story is written by Anju Choudhary Anu in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Chat Box is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
चैट बॉक्स... - Novels
by Anju Choudhary Anu
in
Hindi Moral Stories
आज फिर से स्वाति को नींद नहीं आ रही थी, वो बैचेनी से अपने बिस्तर पर करवटे बदलते बदलते थक गई तो, अपने बेड की साइड की लाइट को ऑन कर दी और उठ कर पानी का गिलास एक ही घूँट में खत्म कर दिया,फिर अपना चश्मा लगा कर पास पड़े मोबाइल से ही वक़्त देखा तो रात के ३.२५ हो रहे थे|फिर उसने मोबाइल से ही फेसबुक लॉग इन कर...उस में आए मेसेज को देखने लगी | मेसेज पर अभी सरसरी नज़र डाल ही रही थी कि तभी एक क्लिक की आवाज़ के साथ उसे वंदना का मेसेज मिला’....
भाग १ आज फिर से स्वाति को नींद नहीं आ रही थी, वो बैचेनी से अपने बिस्तर पर करवटे बदलते बदलते थक गई तो, अपने बेड की साइड की लाइट को ऑन कर दी और उठ कर पानी का ...Read Moreएक ही घूँट में खत्म कर दिया,फिर अपना चश्मा लगा कर पास पड़े मोबाइल से ही वक़्त देखा तो रात के ३.२५ हो रहे थे|फिर उसने मोबाइल से ही फेसबुक लॉग इन कर...उस में आए मेसेज को देखने लगी | मेसेज पर अभी सरसरी नज़र डाल ही रही थी कि तभी एक क्लिक की आवाज़ के साथ उसे वंदना का
भाग 2 एक ही झटके से स्वाति ने उसे अपने से अलग किया और कुछ देर गौर से देखने के बाद वो बोली ''ओह! वंदना ....मेरी गुड़िया'' और स्वाति का गला भर आया ,उसे चेहरे को पकड़ कर अपनी ...Read Moreझुका कर स्वाति ने उसका माथा चूम लिया और कुछ पलों के लिए वो आगे कुछ नहीं बोली पाई |पर उसने वंदना की सिर से पैर तक बहुत गौर से देखा...बहुत शालीन लग रही थी....जैसे स्वाति ने सोचा था ठीक वैसी ही थी उसकी वंदना | वंदना ने सफ़ेद सूट, सफ़ेद दुप्पटे के साथ पहना हुआ था और पैरों में
भाग ३ पाँच सालों के दौरान मुझे बहुत सी बुक्स पढ़ने, टीवी देखने और समझने का मौका मिला, भाई मुझे बुक्स लाकर देते,मैं पढ़ती और पढ़ कर उन्हें वापिस कर देती कि कहीं मेरे कमरे में ये सब किताबे ...Read Moreकर भाई और भाभी के बीच कोई झगड़ा ना हो जाए |ना चाहते हुए भी घर के हर काम की ज़िम्मेदारी मैंने अपने ऊपर ली हुई थी क्यों कि मैं भाभी को ऐसा कोई मौका नहीं देना चाहती थी कि मेरी वजह से उन दोनों में लड़ाई हो जाए | दी..मेरा भाई बहुत अच्छा है, जानती हो क्यों...क्योंकि उन्हें कभी
भाग 4 २७ की उम्र में भी मेरी हर हरकत अब मुझे १७-१८ साल की लकड़ी जैसी लगती थी पर मेरी सब शंकाएँ,नितिन को लेकर मेरा लंबा सा इंतज़ार तब खत्म हुआ जब शादी के दो महीने के बाद ...Read Moreने आकार मेरे आगे अपने प्यार का इज़हार किया था | दी...उस वक्त मुझे कुछ समझ नहीं आया कि मैं उसे क्या जबाब दूँ | बस मुझे शर्म आ गई और मैंने अपनी नज़रे झुका ली |ये जिंदगी का पहला अवसर था जब किसी ने मुझ से प्यार होने की बात कही थी |'' वंदना ने नज़र घुमा कर स्वाति
भाग 5 वंदना ने अपनी सिसकियों में बात को जारी रखते हुए कहा, , ...दीदी....मैंने अपने रेप की बात भाभी से करना चाहती थी...पर नहीं कर पाई...भाई को बताना चाहती थी...पर नहीं बता पाई...मेरे माँ-बाबा नहीं है...ना कोई बहन...भतीजी ...Read Moreभांजी जिसे मैं अपने दिल के ज़ख्म दिखा सकती...मैं अन्दर ही अन्दर टूटती रही, पल पल मरती रही...मेरे चेहरे की हँसीं छिन चुकी थी कि नितिन ने मुझे और मेरे दिल को क्यों नहीं समझा ...ऐसे कैसे मुझे किसी के भी हवाले कर दिया | ‘हाँ माना जिंदगी में प्यार के साथ सेक्स बहुत जरुरी है ...पर इतना भी जरुरी