Pyar bhi inkaar bhi book and story is written by Kishanlal Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Pyar bhi inkaar bhi is also popular in Adventure Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
प्यार भी इंकार भी - Novels
by Kishanlal Sharma
in
Hindi Adventure Stories
सूरज दूर क्षितिज में कब का ढल चुका था।शाम अपनी अंतिम अवस्था मे थी।धरती से उतर रही अंधेरे की परतों ने धरती को अपने आगोश में समेटना शुरू कर दिया था।आसमान मे मखमली बादल छितरे पड़े थे।लेकिन बरसात का अंदेशा नही था।
जुहू पर अच्छी खासी भीड़ थी। बिजली के खम्भो पर लगी ट्यूब लाइट जल चुकी थी।रंग बिरंगे कपड़ो मे लिपटे हर उम्र,हर वर्ग के मर्द औरत समुद्र की ठंडी लहरों का आनंद ले रहे थे।सब अपने मे मस्त।कौन क्या कर रहा है इसकी सुध लेने वाला कोई नही।
सूरज दूर क्षितिज में कब का ढल चुका था।शाम अपनी अंतिम अवस्था मे थी।धरती से उतर रही अंधेरे की परतों ने धरती को अपने आगोश में समेटना शुरू कर दिया था।आसमान मे मखमली बादल छितरे पड़े थे।लेकिन बरसात का ...Read Moreनही था।जुहू पर अच्छी खासी भीड़ थी। बिजली के खम्भो पर लगी ट्यूब लाइट जल चुकी थी।रंग बिरंगे कपड़ो मे लिपटे हर उम्र,हर वर्ग के मर्द औरत समुद्र की ठंडी लहरों का आनंद ले रहे थे।सब अपने मे मस्त।कौन क्या कर रहा है इसकी सुध लेने वाला कोई नही।चारुलता और देवेन एक दूसरे का हाथ थामे एक छोर से दूसरे
बरसात में नहायी डामर की काली सड़क नागिन सी पसरी पड़ी थी।कभी कभी कोई कार शोर मचाती हुई देवेन के आगे से गुज़र जाती थी।कुछ देर बाद सामने से लाल रंग की बस आती हुई नजर आयी।बस देवेन के ...Read Moreआकर रुकी थी। लाल रंग की साड़ी पहने चारुलता उसमे से उतरी थी।काफी देर से देवेन उदास खड़ा था लेकिन चारुलता की देखते ही उसकी आँखों मे चमक आ गई थी।ऐसे बिगड़े मौसम में भी चारुलता ने अपना वादा निभाया था।देवेन मुस्कराते हुए आगे बढ़ा और उसका हाथ पकड़ लिया था।"तुम्हे आये देर हो गई?"देवेन का हाथ थामे उसके साथ
"फिर?"चारुलता को चुप देखकर देवेन बोला था।"पहले राघवन तन्खाह मिलने पर मुझेे घर खर्चे के लिए पैसा देता था ।लेकिन ज्यो ज्यो शराब की मात्रा बढ़ती गई।पेेेसे देेंने में ...Read Moreकटौती करता गया। जब मैैंन पैसे कम पड़ने की बात की तो वह बोला," तुम्हारी जवानी पर पैसा लुटाने वाले बहुत मिल जाये गे ।तुम्हे मेरे से पैसे लेंने की कया ज़रूरत है।?यह सुनकर मेरी आँखों मे आंसू छलक आये थे।"आज भी उस बात को याद करके उसकी आंखें नम हो गई थी।देवेन ने उसके कंधे पर हाथ रखकर उसे सांत्वना दी थी।"उस दिन मैं उसकी बातें सहन
"क्या प्यार का मतलब सिर्फ शादी ही है?"चारुलता ने प्रश्न किया था।"प्यार को सामाजिक सम्मान प्रदान करने के लिए शादी का प्रावधान है।विवाह मर्द और औरत को प्यार करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है।"देवेन बोला था।"देवेन मै तुम्हारी बात ...Read Moreसहमत नही हूँ,"चारुलता बोली,"मै तुम्हे तहेदिल से प्यार करती हूं।मन से ही नही तन से भी तुम्हारी हो चुकी हूँ।अगर तुम अकेले रहना नही चाहते टी मै तुम्हारे साथ रहने के लिए भी तैयार हूँ।पर मै तुम्हारे साथ शादी के बंधन मे नही बंध सकती।""क्यो?"चारुलता की बात सुनकर देवेन आश्चर्य से बोला,"जब तुम मेरे साथ रहने के लिए तैयार हो,टी