Barkha bahar aai book and story is written by Saroj Verma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Barkha bahar aai is also popular in Women Focused in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
बरखा बहार आई - Novels
by Saroj Verma
in
Hindi Women Focused
क्यों री! आज क्या बो रही है क्यारी मे? नयनतारा की साथी लीला ने पूछा।।
थोड़ी सी भिण्डी और बैंगन,नयनतारा बोली।।
देख तो कितने बादल चढ़े हुए है,अभी बारिश आने वाली है,वैसे भी सावन का महीना है,तेरे बीज बारिश पड़ने से बिखर जाऐगें,ये टेम ना था इन्हें बोने का,नयनतारा की साथी लीला बोली।।
जीजी.... जिन्दगी तो वैसे भी बिखरी हुई है,बीजों के बिखरने से क्या फरक पडने वाला है?नयनतारा बोली।।
क्यों री हमेशा ऐसी बुझी बुझी सी बातें क्यों करती है? नयनतारा की साथी लीला बोली।।
तो जीजी! तुम ही बताओ,इस जेल की चारदिवारी में इन्सान कैसीं बातें करें?नयनतारा बोली।।
तू अपने आप को दोषी क्यों समझती है? ठीक किया तूने उसका कत्ल करके,वो इसी लायक था,मुझे देख मैने अपनी बेटी के बलात्कारी को काटकर रख दिया और इसका मुझे कोई अफसोस नहीं है,कैसे माफ कर देती उसे,उसकी वजह से ही तो मेरी बेटी ने फाँसी लगा ली थी,लीला बोली।।
क्यों री! आज क्या बो रही है क्यारी मे? नयनतारा की साथी लीला ने पूछा।। थोड़ी सी भिण्डी और बैंगन,नयनतारा बोली।। देख तो कितने बादल चढ़े हुए है,अभी बारिश आने वाली है,वैसे भी सावन ...Read Moreमहीना है,तेरे बीज बारिश पड़ने से बिखर जाऐगें,ये टेम ना था इन्हें बोने का,नयनतारा की साथी लीला बोली।। जीजी.... जिन्दगी तो वैसे भी बिखरी हुई है,बीजों के बिखरने से क्या फरक पडने वाला है?नयनतारा बोली।। क्यों री हमेशा ऐसी बुझी बुझी सी बातें क्यों करती है? नयनतारा की साथी लीला बोली।। तो जीजी! तुम ही बताओ,इस जेल की चारदिवारी में इन्सान
उसने मुझे सुन्दर कहा तो मैने भी पूछ लिया.... सब तो मुझे बदसूरत कहते हैं,तुमने मुझे सुन्दर क्यों कहा? वो बोला.... तुम सुन्दर हो इसलिए सुन्दर कहा.... तुम झूठ कहते हो,मैं बिल्कुल भी सुन्दर नहीं हूँ,मैने कहा।। जो मन ...Read Moreअच्छे होतें हैं वो हमेशा सुन्दर होते हैं,वो बोला।। तभी बारिश की बूँदों की रफ्तार बहुत तेज हो गई और हम अपने ठहरने के लिए कोई जगह ढ़ूढ़ने लगें,मैने कहा उस पेड़ के तले चलें,वो बोला... पागल हो क्या? बिजली गिर पड़ी तो।। तब मैने कहा.... वो देखो किसी की झोपड़ी दिखाई दे रही है।। उसने कहा ,चलो....
मैं ये सोच ही रही थी कि मेरे पति ने मुझे झापड़ क्यों मारा? तभी मेरे पति ने मेरे बाल पकडे़ और मुझे खड़ा करके पूछा.... तूने माँ को क्यों बताया कि रात मैं घर नहीं लौटा। ...Read Moreपूछा था तो मैंने हाँ में सिर हिलाकर बता दिया,मैने कहा ।। तो उन्होंने मुझे जोर का धक्का दिया तो एक बार फिर से मैं जमीन पर गिर पड़ी और वें फिर से बाहर चले गए,तो ये थी मेरे पति वीरेन्द्र से मेरी पहली मुलाकात।। फिर ये सिलसिला ऐसे ही लगातार जारी रहने लगा,वें रात रातभर घर से गायब