इश्क. - Novels
by om prakash Jain
in
Hindi Short Stories
वेदांत बीस बरस में बहुत तरक्की कर लिया है ।फ़िल्म निर्माता और उपन्यास कार लेखक भी है।बंगले के लान में मैना पक्षी के जोड़े को देखते ही रहा जाता है ।दोनों में इश्क हो रहा था ।रामू काका कहता है-चाय प्याली को बढ़ाते हुए।
काका मन भर अभी चाय पी लिया हूँ।कुदरत ने कई हसीन मोहबातें दिया है।मैना की ओर इशारा करते हुए।ओह!सब समझ गया ।कब से तुम्हे इश्क का बुखार चढने लगा है।काका आप से मैने कोई बात छुपाई है क्या ??
"नही तो कब सिकायत किया है "
यही तो मुझे एक लड़की से प्यार हो गया है।मेरे सपनें में आई थी।
चलता हूँ कीचन देखना है।
सुनों काका आज न मच्छी भात बनाना ठीक है तुम्हारी मर्जी कहते हुए प्याली ट्रे लेकर चले गए।काका के जाने के दो मिनट नहीं हुए होंगे शेखर का फोन आया ।हेलो ,वेदांत तेरी सपने वाली बाजार में दिखी थीं ।
वेदांत बीस बरस में बहुत तरक्की कर लिया है ।फ़िल्म निर्माता और उपन्यास कार लेखक भी है।बंगले के लान में मैना पक्षी के जोड़े को देखते ही रहा जाता है ।दोनों में इश्क हो रहा था ।रामू काका कहता ...Read Moreप्याली को बढ़ाते हुए। काका मन भर अभी चाय पी लिया हूँ।कुदरत ने कई हसीन मोहबातें दिया है।मैना की ओर इशारा करते हुए।ओह!सब समझ गया ।कब से तुम्हे इश्क का बुखार चढने लगा है।काका आप से मैने कोई बात छुपाई है क्या ?? "नही तो कब सिकायत किया है "
वेदांत और सिम्मी की अटूट प्रेम कहानी ।आप ने इश्क 1पढ़ा, पाठक गणों का स्नेह और प्यार मिला ।आगे लिखने की जिज्ञासा मेरे मन के कल्पना में होने लगा।मैं आप के बहुत -बहुत शुक्र गुजार हुँ।सिम्मी ,शेखर ...Read Moreसाथ अपने घर में ।आ गया बेटी।हाँ, ये शेखर हैं ,मेरे अमेरिका वाली सहेली की भाई।रात हो गया है जा बेटा।सिम्मी ,वेदांत की याद में ख्वाब देख रही है।सतरंगी सपने ।पापा ,सिम्मी के बेडरूम में कंबल देने ।सोने दे पापा ,नींद आ रही थी।चलता हूँ ।अच्छा सुभह बताना अमेरिका वाली सहेली कैसी है।जा ना पापा ,बहुत सुंदर ,अमीर है।वेदांत की तस्वीर दीखने
शेखर -सिम्मी से भाभी मत आना तुम ।अब सेचुवेसन बदल गया है ।मैं तुम्हें लेने आधे रस्ते तक लेने पहुँच गया हूँ ।तुम घर वापस चले जाइये ।अब फ़िल्म की गति बदलने लगी है ।वेदांत दीवाना हो गया है ...Read More,कैसे ।तुम ही पूछ लेती तो भला है ।हम कहा दे तो हमारा कचूमर ही निकाललेगा ।बात करती हूं ।ओके भाभी।तुम स्वीट बाय हो ।शेखर बहुत खुश होता है ।मन ही मन सोचता है ।वेदांत का मजा चखाऊउंगा ।भाभी तुम न आये तो बढ़िया।करनाल की पहाड़ी जंगलो से धिरी हुई है ।जंगली जानवरों का दिन में ही डर बना रहता
इश्क़ तीन आप लोगों ने पढ़ा, मुझे निरंतर अच्छा रिस्पांस मिल राहा है ,जिसके लिए आप सभी पाठकों को मेरा अभिवादन । वेदांत कहता है - राज सर आप का बहुत -बहुत ...Read More,आप ने मुझे पहचाना और मेरे टैलेंट को समझा है ।सर मैं बॉम्बे तो आ सकता हूँ ,परंतु मेरा अपने राज्य के भाखा- बोली और यहॉं की संस्कृति से अपने दिल और भावनात्मक रूप से मेरा जुड़ाव है।मुझे अपने छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करना है।बॉम्बे फ़िल्म इंडस्ट्रीज में बहुत मेहनत और टैलेंट की जरूरत होता है ,मुझसे नहीं होगा । राज सर-मैं कहाँ
वेदांत अपने बेड रूम में बैठा हुआ है। पंखे की ओर उसकी नजर टिकी हुई है। और अतीत को सोच रहा है ।जिस तरह फंखा अपने द्वारा सेट किए हूए गति में घूम रहा है उसी तरह ही ...Read Moreजिंदगी है ।हमारी जिंदगी की रिमोट भगवान के हाँथ में है ।सुनहरा कलर की घड़ी दीवाल में टंगी हुई है ।अपना समय सेकंड ,मिनट ,घंटे में चल रहा है ।हमें इसी समय के मुक़ाबिक शेड्यूल बनाना होगा ।फिर पंखे से अपना निगाह हटा कर अपने सूटिंग के काम मे ध्यान जाता है । कल की जितना सूट किये है उसकी समीक्षा
सिम्मी ने निकली अपने घर से , पापा के सामने से फ़ुर्र से वेदांत के घर जाने के लिए ।परंतु वेदांत के बंगले में 9बजे तक सिम्मी नहीं आई है ।सिम्मी तो सुभह ही बड़े जोश से वेदांत से ...Read Moreका फैसला करने और वेदांत से लड़ने के मूड में प्रस्थान किया है।पर सिम्मी को क्या प्रॉब्लम हो गया होगा।मैं जानने के लिए उतावला हो गया ।मामला क्या है ।हल्की ठंडी हवा चल रही है ।दसहरा पर्व हो चुका है।खलयानो में धान की फसल लहलहा रही है ।प्रकृति की हरा रंग लिए हुए धान की बालियाँ माथा झुकाये किसान को
शेखर मेडिकल कॉलेज पहुँचता हैं।रुम नम्बर306 में सिम्मी मरीज बन कर बेड में लेटी हुई है।और खिडकी की बाहर अमरूद की पेड़ में नजर टिकाई हुई है उस पेड़ में दो चिड़या को आँख मिचौली करते हुए देखती है।वेदांत ...Read More याद में खो जाती है।और कई हसीन सपनें दिन में ही देखने लगती है।सिम्मी वेदांत के इश्क में पागल हो चुकी है।अपने आप में बाते करने लगती है।मैं बड़ा भाग्यशाली औरत हुँ कि वेदांत जैसा महान व्यक्ति के अर्धांगनी बनूँगी।मैं एक गाँव की भोली -भली सूरत वाली लड़की हूं।मैं चकाचौन्द की दुनिया से अनभिज्ञ हूँ।मोनिका के बारे में उस सज्जन
️️सिम्मी का एक्सिडेंट हो जाता है ।सिम्मी बाल -बाल बच जाती है।और उसके सामने अपने प्रेम को पाने के लिए संघर्ष है।शेखर ने सिम्मी को वेदांत के घर ले जाता है ।सातवें भाग में आप ने पढ़ा ...मुझे सभी ...Read Moreका बहुत अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है।मातृ भारती के सभी पाठकजनों को सःहिर्दय धन्यवाद देता हूँ। अब भाग 8 में सिम्मी के साथ क्या होता है। सिम्मी ,वेदांत केे बेड रूम में लेेटी हुई है।दर्द की दवाई के सेेवन से गहरी नींद आ जाती है।और वेदांत के मख़मली विस्तर में सकुंन की नींद से सोई
शेखर सिम्मी को उसके घर बाइक से पहुँचाने जाता है।सिम्मी के घर वाले शेखर को ताने कंज रहे हैं ।पिताजी सिम्मी के बारे में कहा रहा है -जब भी देखो सहेली ,सहेली,अमेरिका वाली सहेली के नाम ले कर हमें ...Read Moreतो नही कर रही है।आज शेखर को आ जाने दो सच्चाई उगलवा कर रहूंगा।माँ कहती है- शेखर भला इंसान है । तुम्हारी बेटी का कोई चक्कर वक्कर तो नहीं चल हा है । मै क्या जानू बेटी की तू माँ है दूसरे से भला कौन जानेगा ।पिता जी कहते है-सिम्मी के मालिक आ कर निराश हो कर चला गया ।ये
सिम्मी अपने कमरे में बहुत ब्याकुल है।अपने प्यार की बया अपने माता -पिता से कैसे करे।पिता जी उस चपरासी लड़के से शादी करने को विवश कर रहे है।सिम्मी कहती है अपने मन में मेरे दिल में सिर्फ वेदांत है।कैसे ...Read Moreदूसरे लड़के से विवाह कर सकती हूं।बहुत बड़ा धोखा होगा।वेदांत मेरा दिल का धड़कन है।उनके दिल के किनारे किनारे चलती हूं।रोने लग जती है। मां सिम्मी के रोने की आवाज सुन लेती है।बेटी मय कुछ नहीं कर सकती जैसा तेरे बाबू निर्णय लेंगे ।ओ अटल है।तू चपरासी लड़के से शादी कर ले। शेखर ,वेदांत से जम कर लड़ाई होता है
मुझे मातृभारती में पाठकों का बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है । सिम्मी ,अपने प्रेमी को ले कर बहुत ब्याकुल हैं।उनके पिता जी सिम्मी की शादी चपरासी से करना तय हो ही रहा है ।सिम्मी अपने मन की बात ...Read More,बाप को बताती है।सिम्मी के बात को गम्भीरता से नहीं ले रहे हैं ।। वेदांत ,सिम्मी को ले कर सीरियस है।और काका को भी कहा दिया है ।सिम्मी इस घर की बहू बनेगी।आज काका बहुत खुश है।वेदांत के बंग्ले में खुशी,हर्ष,उल्लाश औऱ उमंग की लहरें हल -चल होने लगी है।काका नाचने लगे है।और विवाह गीत गा रहा है ।छत्तीसगढ़ी ददरिया
इश्क की कहानी पढकों की पसंद के हिसाब से बिलकुल सही बैठ रहा है। राज वेदान्त को बॉम्बे आने का बारबार ऑफर देता है ।वेदान्त, राज सर का इज्जत करता है ।परंतु बॉम्बे जाने को सोचता है।होम प्रोडक्सन का ...Read Moreशेखर के जिम्मेेेदारी में सोप देना चाहता है।फिर विचार में डूब जाता है ।सिम्मी का ख्याल कौन रखेगा। सिम्मी ,वेदान्त की यादें में डूबी हुई है ।सावन की फुवार में मोरनी बन कर जंगलो में बहुत नाचने का मन होता है।मीठी मीठी सपने ।उस सपने में जो आंनद है उसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। शेखर ,पाव भाजी लेने मार्केट