भारत - Novels
by नन्दलाल सुथार राही
in
Hindi Poems
भारत की विविधताओं एवं यहाँ की संस्कृति पर एक काव्य ग्रंथ जिसमें अलग-अलग कविताओं का संग्रह है। जिसकी शुरुआत "भारत" कविता से कर रहा हूँ । आशा है आप इस रचना को उचित प्रोत्साहन देंगे जिससे मैं इसके आगे ...Read Moreभाग में अन्य काव्य रचनायें भी प्रकाशित कर सकूं। आपके प्रेम और स्नेह को आतुर। - नन्दलाल सुथार"राही"
भारत की विविधताओं एवं यहाँ की संस्कृति पर एक काव्य ग्रंथ जिसमें अलग-अलग कविताओं का संग्रह है। जिसकी शुरुआत "भारत" कविता से कर रहा हूँ । आशा है आप इस रचना को उचित प्रोत्साहन देंगे जिससे मैं इसके आगे ...Read Moreभाग में अन्य काव्य रचनायें भी प्रकाशित कर सकूं। आपके प्रेम और स्नेह को आतुर। - नन्दलाल सुथार"राही" (१)भारत भरत भारत राम भारत ब्रह्मा विष्णु महेश भारत देवो का निवास भारत। थार भारत पहाड़ भारत बर्फ, मैदान, पठार भारत है पवित्र भूमि
भारत - भाग .2आपके प्रेम और प्रोत्साहन के कारण "भारत "काव्य-संग्रह का दूसरा भाग आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ। आशा है इसे भी आपके प्रेम और प्रोत्साहन का लाभ अवश्य प्राप्त होगा। भाग- 2 की पहली काव्य रचना ...Read Moreसवेरा" है जिसमें एक नेतृत्व कर्ता के समक्ष आने वाली चुनोतियों और उसके लिए प्रेरणादायक पंक्तियां लिखने का प्रयास किया है। दूसरी काव्य रचना "नींव" में समाज के उन वर्गों के कार्यो और बलिदान का वर्णन है जो अपना संपूर्ण जीवन अंधेरे में ही बिता देते है ताकि हम प्रकाशमान हो सके
आपके स्नेह और प्रेम के कारण भारत काव्य संग्रह का भाग तीन प्रस्तुत कर रहा हूँ। भाग तीन की थीम भारत की "आध्यात्मिकता" है। भारत का धर्म सम्पूर्ण विश्व का सबसे प्राचीन और सबसे सहिष्णु धर्म है। इस सनातन ...Read Moreकी दो प्रमुख धाराएं है आदर्श के पर्याय श्रीराम और हर बंधन से परे श्रीकृष्ण। पहली काव्य रचना श्री कृष्ण के जीवन के कुछ पलों पर आधारित है "श्याम" और दूसरी काव्य रचना "श्री राम का पता" है जिसमें ये बताने का प्रयास किया गया है कि आखिर अगर हमें भगवान राम की खोज करनी है और उसे ढूंढना है तो
जय हिन्द'भारत' काव्य संग्रह के अंतर्गत भाग तीन में भारत की सगुण भक्ति धारा के प्रमुख एवं भारत की सांस्कृतिक धारा के सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रभु श्रीराम एवं श्री कृष्ण से सम्बंधित काव्य रचनाएं प्रस्तुत की गई थी और अब ...Read Moreकाव्य संग्रह भाग चार के अंतर्गत प्रस्तुत है निर्गुण धारा की काव्य रचनाएं । आशा है आप पढ़ने के पश्चात उचित प्रोत्साहन के रूप में अपने अनमोल वाक्य द्वारा मेरे मनोबल में वृद्धि करेंगे। इस भाग की पहली कविता और 'भारत' काव्य संग्रह के अंतर्गत नोवीं रचना 'तुम कौन हो?' है। जिसमें आत्म साक्षात्कार की बात कही गयी है।भाग चार की दूसरी