गैंगस्टर - Novels
by Sonu Rj
in
Hindi Detective stories
मैं हुँ ग्रेगरी मेकवान और ये है मेरी कहानी साल 1988. सुरत गुजरात मै तब 17 साल का था वो मेरी पहली बडी़ लूट उस दिन के पहले की दो रात मे ...Read Moreनही पाया था घर का अकेला मदँ अब मे था और मुझे ही घर चलाना था रास्ता जो भी हो मौ और मेरा दोस्त शकील उघार ली हूई मारुति 800 मै बेड़े ईतजार कर रहे थे लोकल बैंक को उस कमँचारी के अाने खबर के अनुसार आज वो करीब पचास लाख ट्रांसफर करने वाला था| तीन घंटे वहीं बैड़े रहने के बाद एक एंबेसडर कार वहाँ से गूजरी | वो उसी की थी |
मैं हुँ ग्रेगरी मेकवान और ये है मेरी कहानी साल 1988. सुरत गुजरात मै तब 17 साल का था वो मेरी पहली बडी़ लूट उस दिन के पहले की दो रात मे ...Read Moreनही पाया था घर का अकेला मदँ अब मे था और मुझे ही घर चलाना था रास्ता जो भी हो मौ और मेरा दोस्त शकील उघार ली हूई मारुति 800 मै बेड़े ईतजार कर रहे थे लोकल बैंक को उस कमँचारी के अाने खबर के अनुसार आज वो करीब पचास लाख ट्रांसफर करने वाला था| तीन घंटे वहीं बैड़े रहने के बाद एक एंबेसडर कार वहाँ
मैं जेल में गया था तब ग्रेगरी था , अब मैं एक मंजा हुआ गुनहगार 'गनमेन गैरी बन चूका था और मेरी माँ को सामने खड़ा था जिसके लिए मैं अब भी छोटा बच्चा था ! मुझे वो ...Read Moreयाद आ गया जब मुझे जेल में गए कुछ दिन ही हुए थे और मेरी माँ मुझे मिलने आई थी ! वो बहुत दुखी थी ! ग्रेगरी ये मुझे क्या हो गया है ! मैने तुझे टीवी पे देखा था , पुलिस ने मार दिया होता तुझे तो? उस दिन जब अठारह महीने बाद मैं जेल से वापस आया तब न