देखो भारत की तस्वीर - Novels
by बेदराम प्रजापति "मनमस्त"
in
Hindi Poems
जीवन अनुनादों के संग में,धर्म धरा पर,पावन धरती।
नद-नादी संगीत सुभेरी,जीवन को अल्हादित करती।
थोड़ा सा अवलोकन कर लो,यहाँ पर आकर मेरे भाई।
भारत को ही स्वर्ग बनाती,पंचमहल की प्यारी धरती।
मस्जिद,गुरुद्वारे,गिर्जाघर,इस धऱती की आन-बान हैं।
पर्वत,खाई,द्वीप,कछारें,ऋषियों की प्यारी पहिचान हैं।
कई तरह के ...Read Moreकी पहिचान बनी यह।
स्वर्ग कहीं यदि है दुनियाँ में,उसकी ही यह तान-बान है।।
भलाँ धरा लघुकाय दिख रही,पर यह तो है भारत मेरा।
सबकुछ यहाँ दिखलाता मुझको,प्यारों भरा सुबह का डेरा।
लाल किले सी कई प्राचीरें,सुबह-शाम सी बतियातीं हैं।
हैं मनमस्त धाम बैकुण्ठी,पंचमहल का गौरव मेरा।।
देखो भारत की तस्वीर 1 ...Read More(पंचमहल गौरव) काव्य संकलन समर्पण- परम पूज्य उभय चाचा श्री लालजी प्रसाद तथा श्री कलियान सिंह जी एवं उभय चाची श्री जानकी देवी एवं श्री जैवा बाई जी के श्री चरणों में श्रद्धाभाव के साथ सादर। वेदराम प्रजापति मनमस्त भाव सुमन- पावन धरती की सौंधी-सौंधी गंध में,अपनी विराटता को लिए यह पंचमहली गौरव का काव्य संकलन-देखो भारत की तस्वीर के साथ महान विराट भारत को अपने आप में समाहित किए हुए भगवान राम और भगवान कृष्ण के मुखार बिन्द में जैसे-विराट स्वरुप का दर्शन हुआ था
देखो भारत की तस्वीर 2 ...Read More(पंचमहल गौरव) काव्य संकलन समर्पण- परम पूज्य उभय चाचा श्री लालजी प्रसाद तथा श्री कलियान सिंह जी एवं उभय चाची श्री जानकी देवी एवं श्री जैवा बाई जी के श्री चरणों में श्रद्धाभाव के साथ सादर। वेदराम प्रजापति मनमस्त भाव सुमन- पावन धरती की सौंधी-सौंधी गंध में,अपनी विराटता को लिए यह पंचमहली गौरव का काव्य संकलन-देखो भारत की तस्वीर के साथ महान विराट भारत को अपने आप में समाहित किए हुए भगवान राम और भगवान कृष्ण के मुखार बिन्द में जैसे-विराट स्वरुप का दर्शन हुआ था उसी
देखो भारत की तस्वीर 3 ...Read More(पंचमहल गौरव) काव्य संकलन समर्पण- परम पूज्य उभय चाचा श्री लालजी प्रसाद तथा श्री कलियान सिंह जी एवं उभय चाची श्री जानकी देवी एवं श्री जैवा बाई जी के श्री चरणों में श्रद्धाभाव के साथ सादर। वेदराम प्रजापति मनमस्त भाव सुमन- पावन धरती की सौंधी-सौंधी गंध में,अपनी विराटता को लिए यह पंचमहली गौरव का काव्य संकलन-देखो भारत की तस्वीर के साथ महान विराट भारत को अपने आप में समाहित किए हुए भगवान राम और भगवान कृष्ण के मुखार बिन्द में जैसे-विराट स्वरुप का दर्शन हुआ था उसी
देखो भारत की तस्वीर 4 ...Read More(पंचमहल गौरव) काव्य संकलन समर्पण- परम पूज्य उभय चाचा श्री लालजी प्रसाद तथा श्री कलियान सिंह जी एवं उभय चाची श्री जानकी देवी एवं श्री जैवा बाई जी के श्री चरणों में श्रद्धाभाव के साथ सादर। वेदराम प्रजापति मनमस्त भाव सुमन- पावन धरती की सौंधी-सौंधी गंध में,अपनी विराटता को लिए यह पंचमहली गौरव का काव्य संकलन-देखो भारत की तस्वीर के साथ महान विराट भारत को अपने आप में समाहित किए हुए भगवान राम और भगवान कृष्ण के मुखार बिन्द में जैसे-विराट स्वरुप का दर्शन हुआ था उसी
देखो भारत की तस्वीर 5 ...Read More(पंचमहल गौरव) काव्य संकलन समर्पण- परम पूज्य उभय चाचा श्री लालजी प्रसाद तथा श्री कलियान सिंह जी एवं उभय चाची श्री जानकी देवी एवं श्री जैवा बाई जी के श्री चरणों में श्रद्धाभाव के साथ सादर। वेदराम प्रजापति मनमस्त भाव सुमन- पावन धरती की सौंधी-सौंधी गंध में,अपनी विराटता को लिए यह पंचमहली गौरव का काव्य संकलन-देखो भारत की तस्वीर के साथ महान विराट भारत को अपने आप में समाहित किए हुए भगवान राम और भगवान कृष्ण के मुखार बिन्द में जैसे-विराट स्वरुप का दर्शन हुआ था
देखो भारत की तस्वीर 6 ...Read More(पंचमहल गौरव) काव्य संकलन समर्पण- परम पूज्य उभय चाचा श्री लालजी प्रसाद तथा श्री कलियान सिंह जी एवं उभय चाची श्री जानकी देवी एवं श्री जैवा बाई जी के श्री चरणों में श्रद्धाभाव के साथ सादर। वेदराम प्रजापति मनमस्त भाव सुमन- पावन धरती की सौंधी-सौंधी गंध में,अपनी विराटता को लिए यह पंचमहली गौरव का काव्य संकलन-देखो भारत की तस्वीर के साथ महान विराट भारत को अपने आप में समाहित किए हुए भगवान राम और भगवान कृष्ण के मुखार बिन्द में जैसे-विराट स्वरुप का दर्शन हुआ था उसी
देखो भारत की तस्वीर 7 ...Read More(पंचमहल गौरव) काव्य संकलन समर्पण- परम पूज्य उभय चाचा श्री लालजी प्रसाद तथा श्री कलियान सिंह जी एवं उभय चाची श्री जानकी देवी एवं श्री जैवा बाई जी के श्री चरणों में श्रद्धाभाव के साथ सादर। वेदराम प्रजापति मनमस्त भाव सुमन- पावन धरती की सौंधी-सौंधी गंध में,अपनी विराटता को लिए यह पंचमहली गौरव का काव्य संकलन-देखो भारत की तस्वीर के साथ महान विराट भारत को अपने आप में समाहित किए हुए भगवान राम और भगवान कृष्ण के मुखार बिन्द में जैसे-विराट स्वरुप का दर्शन हुआ था उसी
देखो भारत की तस्वीर 8 ...Read More(पंचमहल गौरव) काव्य संकलन समर्पण- परम पूज्य उभय चाचा श्री लालजी प्रसाद तथा श्री कलियान सिंह जी एवं उभय चाची श्री जानकी देवी एवं श्री जैवा बाई जी के श्री चरणों में श्रद्धाभाव के साथ सादर। वेदराम प्रजापति मनमस्त भाव सुमन- पावन धरती की सौंधी-सौंधी गंध में,अपनी विराटता को लिए यह पंचमहली गौरव का काव्य संकलन-देखो भारत की तस्वीर के साथ महान विराट भारत को अपने आप में समाहित किए हुए भगवान राम और भगवान कृष्ण के मुखार बिन्द में जैसे-विराट स्वरुप का दर्शन हुआ था उसी
देखो भारत की तस्वीर 9 ...Read More(पंचमहल गौरव) काव्य संकलन समर्पण- परम पूज्य उभय चाचा श्री लालजी प्रसाद तथा श्री कलियान सिंह जी एवं उभय चाची श्री जानकी देवी एवं श्री जैवा बाई जी के श्री चरणों में श्रद्धाभाव के साथ सादर। वेदराम प्रजापति मनमस्त भाव सुमन- पावन धरती की सौंधी-सौंधी गंध में,अपनी विराटता को लिए यह पंचमहली गौरव का काव्य संकलन-देखो भारत की तस्वीर के साथ महान विराट भारत को अपने आप में समाहित किए हुए भगवान राम और भगवान कृष्ण के मुखार बिन्द में जैसे-विराट स्वरुप का दर्शन हुआ था
देखो भारत की तस्वीर 10 ...Read More(पंचमहल गौरव) काव्य संकलन समर्पण- परम पूज्य उभय चाचा श्री लालजी प्रसाद तथा श्री कलियान सिंह जी एवं उभय चाची श्री जानकी देवी एवं श्री जैवा बाई जी के श्री चरणों में श्रद्धाभाव के साथ सादर। वेदराम प्रजापति मनमस्त भाव सुमन- पावन धरती की सौंधी-सौंधी गंध में,अपनी विराटता को लिए यह पंचमहली गौरव का काव्य संकलन-देखो भारत की तस्वीर के साथ महान विराट भारत को अपने आप में समाहित किए हुए भगवान राम और भगवान कृष्ण के मुखार बिन्द में जैसे-विराट स्वरुप का दर्शन हुआ