Murder (A Murder Mystery) book and story is written by Atul Kumar Sharma ” Kumar ” in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Murder (A Murder Mystery) is also popular in Thriller in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मर्डर (A Murder Mystery) - Novels
by Atul Kumar Sharma ” Kumar ”
in
Hindi Thriller
( A Murder Mystery ) ( अगले दिन सुबह पुलिस थाने में ) " यार साठे मुझे समझ नही आता, ये आज़कल माता पिता अपने बच्चों को बचपन मे ही पैसा कमाने की मशीन बनाने में क्यो तुले हैं। और ये टी वी चेनल्स बस इनको पैसे और अपनी टी आर पी से मतलब है। तीन जजेस को बैठा देंगे कंटेस्टेंट को परखने के लिए, भले उन तीन लोगो ने कभी खुद जिंदगी में अपने टेलेंट से कुछ हासिल ना किआ हो, पर प्रतिक्रिया और निर्णय तो ऐसे सुनाते हैं मानो पता नही कितना टेलेंट कूट कूट के भरा हो
( A Murder Mystery ) ( अगले दिन सुबह पुलिस थाने में ) "" यार साठे मुझे समझ नही आता, ये आज़कल माता पिता अपने बच्चों को बचपन मे ही पैसा कमाने की मशीन बनाने में क्यो तुले हैं। ...Read Moreये टी वी चेनल्स बस इनको पैसे और अपनी टी आर पी से मतलब है। तीन जजेस को बैठा देंगे कंटेस्टेंट को परखने के लिए, भले उन तीन लोगो ने कभी खुद जिंदगी में अपने टेलेंट से कुछ हासिल ना किआ हो, पर प्रतिक्रिया और निर्णय तो ऐसे सुनाते हैं मानो पता नही कितना टेलेंट कूट कूट के भरा हो
"" अरे सर ये लोग नशेड़ी है। इस सुनसान जगह पर गांजा खींचकर यूँ ही पड़े रहते हैं। ताकि यहाँ किसी की नज़र ना पड़े इनपर।"" साठे डंडे तो ऊनको हिलाने लगता है। "" अरे सर कोई फायदा ...Read Moreइन लोगो के हाथ पाँव मे इतनी भी जान नही होती कि ये खड़े हो सकें। क्या किसी को मारेंगे।"" साठे मुंह बनाते हुए बोला। "" किसी को भी कभी कम मत आंका करो साठे। जिनसे उम्मीद नही होती वही बड़े बड़े कांड कर जाते हैं। मेने अबतक कि अपनी पुलिस की नॉकरी में बहुत देखा है ये सब।"".. ( थाने
कुछ देर बाद अंकित के घर पहुँचकर उन लोगो से भी पूछताछ होती है। अंकित एक मध्यमवर्गीय परिवार का साधारण लड़का था। उसके पिताजी सरकारी मुलाज़िम थे।और डिपार्टमेंट की तरफ से ही मिले एक फ्लैट में रहते थे।अंकित ...Read Moreसभी घरवालों को अपने सामने बैठाकर इंस्पेक्टर विजय उनसे सवाल करना शिरू करते हैं। इंस्पेक्टर विजय की बात सुनकर सभी एक दूसरे का चेहरा देखने लगे जाते हैं। सभी के चेहरों पर एक डर साफ झलकने लगता है। इंस्पेक्टर विजय उनकी इस रहस्मयी चुप्पी को भाँपकर फिर कड़क स्वर में उनसे पूछते हैं। इस बार अंकित के पापा प्रेम नामदेव बोलना
"" साठे पहले तो उस अंकित को बुलाओ। उससे डिटेल में बात करते हैं। फिर उस लड़के क्या नाम बताया था उसका...हाँ संतोष उसे भी हाज़िर करो। अब यही लोग बताएंगे बाकी की बात। और जरा मिसेज लीला हिंदुजा ...Read Moreकुंडली भी पता करो। ""..विजय साठे को इशारा करते हैं। "" सर उस गाड़ी और गन की जांच रिपोर्ट आ गई है। ""..वो फ़ाइल विजय को देते हुए बोला। कुछ देर में अंकित पुलिस थाने में इंस्पेक्टर विजय के समक्ष बैठे हुए। "" सर आपको बता तो चुका हूं। "" अंकित थोड़ा डर जाता है। वो बाकी की सारी बातें