Motorni ka Buddhu book and story is written by सीमा बी. in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Motorni ka Buddhu is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मॉटरनी का बुद्धु - Novels
by सीमा बी.
in
Hindi Fiction Stories
"मॉटर जी खाना लग गया है, आप जल्दी से आ जाओ हम दोनो को बहुत जोरों की भूख लगी है", आवाज सुनकर भूपेंद्र जी ने जल्दी से अपनी किताब बंद की और डायनिंग टेबल पर पहुँच गए, जहाँ उनका इंतजार बेसब्री से हो रहा था। खाने के दौरान तीनों लोग अपनी अपनी बातें बता कह -सुन रहे थे।" मॉटर जी खाना बनाने के लिए अब कुक रख दो, मेरे पेपर आने वाले हैं, खाना बनाने की दिक्कत होगी"! "मुझे पता है बेटा, मैंने बात कर ली है, लीला काकी कल से ही आ जाएगी"!
मॉटरनी का बुद्धु.....(भाग-1)"मॉटर जी खाना लग गया है, आप जल्दी से आ जाओ हम दोनो को बहुत जोरों की भूख लगी है", आवाज सुनकर भूपेंद्र जी ने जल्दी से अपनी किताब बंद की और डायनिंग टेबल पर पहुँच गए, ...Read Moreउनका इंतजार बेसब्री से हो रहा था। खाने के दौरान तीनों लोग अपनी अपनी बातें बता कह -सुन रहे थे।" मॉटर जी खाना बनाने के लिए अब कुक रख दो, मेरे पेपर आने वाले हैं, खाना बनाने की दिक्कत होगी"! "मुझे पता है बेटा, मैंने बात कर ली है, लीला काकी कल से ही आ जाएगी"!भूपेंद्र जी की बात सुन
मॉटरनी का बुद्धु (भाग-2)भूपेंद्र का जवाब सुन वो खिलखिला कर हँस दी और वो उसे देखते ही रह गए। आजकल की भाषा में सोचे तो मैगी जैसे बाल थे हल्के भूरे रंग के, रंग कुछ ज्यादा ही सफेद था ...Read Moreआँखे सुंदर तो थी पर ज्यादा बड़ी नहीं थी। मुस्कुराते हुए दोनो गालो में पडने वाले गड्डे देखते ही बन रहे थे। अगर लड़की से पिटने का इरादा नहीं तो घूर क्यों रहे है, भूपेंद्र जी को अपनी और एकटक निहारते देख वो चिल्लाती हुई सी बोली और आगे चलने लगी, उसे जल्दी थी अपनी सहेलियों के पास जाने की.....पर
मॉटरनी का बुद्धु (भाग-3)भूपेंद्र का M.A हो गया और संध्या की B.A...!दोनो एक दूसरे के टच में रहे। एक दूसरे को बातें बताना उन दोनो को ही अच्छा लग रहा था। भूपेंद्र को टीचर बनना था तो उसने बी.एड ...Read Moreएडमिशन ले लिया उसने संध्या को भी बी.एड करने के लिए मना लिया। अनमने मन से ही सही उसने एडमिशन ले लिया। धीरे धीरे संध्या को भी अच्छा लगने लगा। भूपेंद्र के घर के हालात ज्यादा अच्छे नहीं थे तो उसने अपने दोस्त के कहने पर जूनियर्स को पढाना शुरू कर दिया। उसके अंदर अपने परिवार के लिए कुछ करने
मॉटरनी का बुद्धु (भाग-4)सुबह सुबह वॉक पर जाना भी तो उन्होंने संध्या की वजह से शुरू किया था। वो हमेशा उन्हें आलसी और लापरवाह कह कर चिढाया करती और कई बार चिढ़ भी जाते तो बस उलझ जाते अपनी ...Read Moreसे और कहते," तुम्हें मेरी कद्र नहीं है, तुमसे अच्छी तो हमारी पड़ोसन मिस चंचल है, कुँआरी और ऊपर से ब्यूटीफुल भी है.. .....कितने प्यार से अपने घर बुलाती है, वो तो मैं तेरा सोच कर जाता नहीं, वरना वो तो पलके बिछाए बैठी है", कह वो तो नहाने चले गए पर जब बाहर निकले तो बाथरूम के बाहर ही
मॉटरनी का बुद्धु...(भाग-5)"गुप्ता सर कैसे आना हुआ आपका"? भूपेंद्र ने पूछा तो वो बोले," सर मुझे 15 दिन की छुट्टी चाहिए, मेरी वाइफ की तबियत ठीक नहीं है, पर स्कूल में बच्चों के एग्जाम्स हैं और अभी कोर्स बाकी ...Read Moreगुप्ता जी बहुत परेशान थे...."गुप्ता जी आप सुचित्रा मैडम से बात कर लीजिए वो एडजस्ट करेगी आपने भी किया था न जब वो शादी मैं गयी थीं"भूपेंद्र जी ने सुझाव दिया पर गुप्ता सर की टैंशन कम होती दिखी नहीं उनके चेहरे से। "सर सुचित्रा मैडम से बात की थी पर वो भी कुछ दिनो की छुट्टी पर जाने का