Tumhara Naam book and story is written by Kishanlal Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Tumhara Naam is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
तुम्हारा नाम - Novels
by Kishanlal Sharma
in
Hindi Moral Stories
"तुम्हारा कार्ड।"
पोस्टमेन की आवाज सुनकर मनीष बाहर गया था।पोस्टमेन ने उसे लिफाफा पकड़ाया था।मनीष ने खोलकर देखा।शादी का कार्ड था।वह श्रेया के कमरे में कार्ड देने गया।श्रेया को कार्ड देते हुए बोला,"तुम्हारा नाम होना चाहिये था लेकिन मनीषा का नाम है"
मनीष दिल्ली का रहने वाला था।यही पैदा हुआ और पढ़ा था।और पढ़ाई पूरी करने के बाद पूना में उसे नौकरी मिल गयी।वह दो तीन महीने बाद छुट्टी लेकर माता पिता से मिलने आता रहता था।पिछली बार आया तब वह कनॉट प्लेस गया था।वहाँ उसकी नज़र बस में चढ़ती युवती पर पड़ी और वह पहली नज़र में ही भा गयी।और फिर उसने उस युवती को खूब खोजा।पर व्यर्थ।दिल्ली जैसे महानगर में आसान नहीं था।ऐसा करनाऔर वह वापस पूना आ गया था।लेकिन उस युवती का चेहरा यहां आकर भी भुला नही था।इस बार वह देहली गया तो माँ उस से बोली,"एक रिशता आया है।लड़की देख आना।"
"तुम्हारा कार्ड।"पोस्टमेन की आवाज सुनकर मनीष बाहर गया था।पोस्टमेन ने उसे लिफाफा पकड़ाया था।मनीष ने खोलकर देखा।शादी का कार्ड था।वह श्रेया के कमरे में कार्ड देने गया।श्रेया को कार्ड देते हुए बोला,"तुम्हारा नाम होना चाहिये था लेकिन मनीषा का ...Read Moreहै"मनीष दिल्ली का रहने वाला था।यही पैदा हुआ और पढ़ा था।और पढ़ाई पूरी करने के बाद पूना में उसे नौकरी मिल गयी।वह दो तीन महीने बाद छुट्टी लेकर माता पिता से मिलने आता रहता था।पिछली बार आया तब वह कनॉट प्लेस गया था।वहाँ उसकी नज़र बस में चढ़ती युवती पर पड़ी और वह पहली नज़र में ही भा गयी।और फिर
और उनकी पढ़ाई पूरी हो गयी।कालेज की पढ़ाई पूरी होते ही मनीषा की शादी की बात होने लगी।तब वह पवन से मिली और बोली,"पवन घर मे मेरे रिश्ते की बात चल रही है।""एक ने एक दिन तो यह बात ...Read Moreही थी।""तुम जानते हो मैं तुमसे प्यार करती हूँ।""प्यार मैं भी करता हूँ।""पवन मैं तुम्हे अपना बनाना चाहती हूँ।तुमसे शादी करके तुम्हारी पत्नी बनना चाहती हूँ।""तुम अच्छी तरह जानती हो यह मुमकिन नही है।""मुमकिन क्यो नही है?""मुझसे पूछ रही हो।तुम जानती हो तुम कहाँ और मैं कहाँ?तुम अमीर मैं गरीब।""प्यार अमीर गरीब,ऊंच नीच, छू त अछूत को नही मानता।""तुम बिल्कुल