ऐसा क्यों ? - Novels
by Captain Dharnidhar
in
Hindi Science-Fiction
आजकल के दौर में तो घरों में संभवतः तीन रोटी एक साथ परोसते देख भी ले तो हमें आश्चर्य नही होगा । किन्तु अधिकतर आपने देखा होगा थाली में तीन रोटी नहीं परोसते दो ही परोसते हैं इसके पीछे ...Read Moreतो कारण होगा ।
चलिए आज हम इस पर चर्चा करते हैं फिर अन्य विषय पर चर्चा करेंगे ।
?थाली में दो रोटी - शुरूआत में दो रोटी थाली में परोसते हैं फिर क्रम चाहे बदल जाता हो । अधिकतर लोगों से इस विषय पर हम बात करेंगे तो वे यही कहेंगे इसमें ऐसा कोई लोजिक नहीं है यह सब अपनी मन मर्जी पर निर्भर है कितनी भी परोसी जा सकती है किन्तु यह सही नहीं है हमने बड़े बुढ्ढों के मुँह से सुना है पहले दो ही रोटी परोसनी है ।
आजकल के दौर में तो घरों में संभवतः तीन रोटी एक साथ परोसते देख भी ले तो हमें आश्चर्य नही होगा । किन्तु अधिकतर आपने देखा होगा थाली में तीन रोटी नहीं परोसते दो ही परोसते हैं इसके पीछे ...Read Moreतो कारण होगा ।चलिए आज हम इस पर चर्चा करते हैं फिर अन्य विषय पर चर्चा करेंगे । थाली में दो रोटी - शुरूआत में दो रोटी थाली में परोसते हैं फिर क्रम चाहे बदल जाता हो । अधिकतर लोगों से इस विषय पर हम बात करेंगे तो वे यही कहेंगे इसमें ऐसा कोई लोजिक नहीं है यह सब अपनी
ऐसा क्यों होता है इसके पीछे कोई वैज्ञानिक या आध्यात्मिक आधार है या कोई स्वास्थ्य से जुड़ी कोई बात है जानते इस लेख मे - विवाह - विवाह संस्कार प्रायः सभी समुदायों में होता है सनातन धर्म में भी ...Read Moreरस्मों के साथ सम्पन्न होता है भारतवर्ष में विवाह से पूर्व होने वाली कई रस्में हैं जो सभी जगह पर कुछ भिन्नता के साथ करवाई जाती है जो सांस्कृतिक रूप से हिन्दु विवाह में एक रिवाज के रूप में सब जगह पर प्रचलित हैं आज हम हल्दी रस्म के बारें में चर्चा करेंगे । हल्दी रस्म- विवाह से सात दिन
तिलक लगाने के पीछे का रहस्य- हमारे शरीर में तीन नाड़ियां हैं इड़ा पिंगला सुषुम्ना ये नाड़ियां मूलाधार से रीढ के साथ ऊपर चलती हैं किन्तु सुषुम्ना दोनों भ्रकुटियों के मध्य जिसे आज्ञाचक्र भी कहते है वहां आकर फिर ...Read Moreचक्र में जाती है । आज्ञाचक्र में तिलक लगाने से सुषुम्ना को ऊर्ध्वगामी होने में सहायता मिलती है । आज्ञाचक्र का स्थान गर्म होता है इस स्थान पर चंदन का तिलक लगाने से ज्ञान की वृद्धि होती है इस लिए इस स्थान पर तिलक लगाया जाता है । तिलक स्त्री-पुरूष दोनों को लगाना चाहिए किन्तु महिलाएं तो इसे अनिवार्य रूप
आजकल दीपक जलाने की बात होती है तो फूल बत्ती या लंबी बत्ती मे कोई भेद न मानते हुए कोई भी बत्ती जलादी जाती है । दीप ज्योति का महत्व- दीपक प्रज्वलित करने के लिए एक वैदिक मंत्र अक्षर ...Read Moreजाता है " ऊं अग्निर्ज्योति: ज्योतिरग्नि स्वाहा सूर्यो ज्योति: ज्योति: सूर्यो स्वाहा ....... इस मंत्र का भावार्थ है कि अग्नि तत्व का प्रतीक ज्योति है और ज्योति ही अग्नि है ,ज्योति ही सूर्य है और सूर्य ही ज्योति है । अर्थात इससे हमे समझ मे आजाता है कि पांच तत्वों मे अग्नि का महत्व हमारे जीवन मे बहुत बड़ा है