Aisa Kyo - 4 in Hindi Science-Fiction by Captain Dharnidhar books and stories PDF | ऐसा क्यों ? - 4 - फूल बत्ती और लंबी बत्ती कब जलानी चाहिए ?

ऐसा क्यों ? - 4 - फूल बत्ती और लंबी बत्ती कब जलानी चाहिए ?

आजकल दीपक जलाने की बात होती है तो फूल बत्ती या लंबी बत्ती मे कोई भेद न मानते हुए कोई भी बत्ती जलादी जाती है ।

दीप ज्योति का महत्व-

दीपक प्रज्वलित करने के लिए एक वैदिक मंत्र अक्षर बोला जाता है " ऊं अग्निर्ज्योति: ज्योतिरग्नि स्वाहा सूर्यो ज्योति: ज्योति: सूर्यो स्वाहा ....... इस मंत्र का भावार्थ है कि अग्नि तत्व का प्रतीक ज्योति है और ज्योति ही अग्नि है ,ज्योति ही सूर्य है और सूर्य ही ज्योति है । अर्थात इससे हमे समझ मे आजाता है कि पांच तत्वों मे अग्नि का महत्व हमारे जीवन मे बहुत बड़ा है । "तमसो मा ज्योतिर्गमय " अर्थात अन्धकार से उजाले की ओर बढे । अंधकार को अज्ञान का प्रतीक तो उजाले को ज्ञान का प्रतीक मानते है । अंधेरे और उजाले का प्रभाव हमारे मन व बुद्धि पर पड़ता है तो इससे हमारा स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है ।
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदाम्। शत्रुबुद्धिविनाशाय दीप ज्योति नमोऽस्तु ते।।
दीपक की ज्योति कल्याणकारी आरोग्यता देने वाली, धन संपत्ति देने वाली, शत्रु भाव वाली बुद्धि को नष्ट करने वाली ऐसी दीप ज्योति को नमस्कार है ।।
दीपो ज्योति परं ब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तु ते।।
दीपक की ज्योति परं ब्रह्म है,दीपक की ज्योति भगवान जनार्दन है, दीप ज्योति मेरे पापो को हर लेवे मै संध्यादीप को नमस्कार करता हूँ ।।

दीप ज्योति प्रतिदिन घर मे जलाने से नकारात्मकता खत्म हो उदास मन प्रफुल्लित हो जाता है ,मन के प्रसन्न रहने से द्वेष भाव शत्रु भाव समाप्त होता है ।

दीपक की शुभ स्थिति

शुभ दीपक वह है जिसके चारो तरफ दो फिट की दूरी पर गर्माहट महसूस हो रही हो । दीपक की ज्योति इतनी प्रबल हो की दो फिट तक उसकी गर्मी महसूस की जा सके ।

दीपक के लाभ

दीपक का प्रभाव देखना हो तो 21 दीपक अपने आस पास जलाये दो फिट की दूरी बनाकर बैठ जाये । धीरे धीरे आपका मन सकारात्मक ऊर्जा से ओतप्रोत हो जायेगा । अच्छे विचार आने लगेंगे ,मुख पर स्वाभाविक मुस्कान तैरने लगेगी ।
दीपक मे गाय के शुद्ध घी का उपयोग होना चाहिए । यदि हम रसोई में दीपक प्रतिदिन जलाते है तो घर मे आरोग्यता आती है । घर मे जहां अंधेरा रहता है वहा नकारात्मक ऊर्जा अपना डेरा डाल लेती है । अंधेरे मे तमोगुण बढता है तमोगुण से निद्रा आती है इसलिए लोग रात्रि मे अंधेरे मे सोना पसंद करते हैं ।
मनोरोगी ऐसे भी देखे होंगे जिन्हें अंधेरा पसंद होता है । वे उजाला बंद करके रखते है । कुछ ऐसे भी देखे होंगे जिन्हे अंधेरे से डर लगता है वे रात मे भी उजाला रखते है । अतः प्रकाश का प्रभाव हमारे ऊपर पड़ता है किंतु वह दीपक के प्रकाश का हो उसमे भी गाय का घी उपयोग मे लिया हो, जिसकी पौष्टिकता भी हवा मे घुलमिल गयी हो उसका प्रभाव व बिजली के प्रभाव मे अन्तर होगा ।

फूल बत्ती व लंबी बत्ती

दीपक में फूल बत्ती कब जलाये और कब लंबी बत्ती जलाये ?
फूल बत्ती देवताओं को प्रसन्न करने के लिए जलाई जाती है । और लंबी बत्ती माता भगवती को प्रसन्न करने के लिए जलाई जाती है ।
लंबी बत्ती लंबी उम्र के लिए , वंश की वृद्धि के लिए, रोग दूर करने के लिए , विजय प्राप्ति के लिए, धन संपदा व यश वृद्धि के लिए, जलाई जाती है । ऐसे समझ सकते हैं बढोतरी के लिए लंबी बत्ती का दीपक जलाना चाहिए।
आरती में फूल बत्ती लेनी चाहिए, भगवान शिव विष्णु गणपति आदि देवताओ के लिए दीपक मे फूल बत्ती लेनी चाहिए। अतः दीपावली पर्व जो पांच दिन का प्रकाशोत्सव है , इसमे लंबी बत्ती के दीपक जलाने चाहिए। सब जगह संभव न हो तो लक्ष्मी जी के आगे तो लंबी बत्ती का ही उपयोग करना चाहिए।
धन संपत्ति के लिए मिट्टी के दीपक लेने चाहिए। दीपावली पर मीठा तेल या सरसो का तेल उपयोग मे ले सकते है । शुद्ध देशी घी के लक्ष्मी पूजन मे पांच दीपक जरूर जलाने चाहिए।
कुछ अपवाद -
तुलसी, पीपल, कुलदेवी , पितरो को लंबी बत्ती का दीपक जलाते है ।
✍कैप्टन

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Captain Dharnidhar
Bhagyashree Pareek
Hannah

Hannah 8 months ago

nice..

Anirudh  Pareek

Anirudh Pareek 8 months ago

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