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ऑफ्टर लव - Novels
by Mr Rishi
in
Hindi Love Stories
ये कहानी शुरू होती है एक बड़े से बंगलो से जिस के बाहर एक नेम प्लेट लगा हुआ था। जिस पे सिंघानिया निवास लिखा हुआ होता है।बंगलो के बाहर बहुत सी रंग बिरंगी महंगी महंगी गाड़िया लगी होती थी। नौकर चाकर अपने अपने काम में व्यस्त थे, कोई कार साफ कर रहा था ,तो कोई पौधों को पानी डाल रहा था।
तभी अंदर से विक्रम सिंघानिया अपनी बेटी को आवाज देते है,"श्रद्धा, बेटी आज कॉलेज नहीं जाना हैं क्या?"... श्रद्धा अपने कमरे में अब तक सो रही थी, सूरज की रौशनी खिड़की से अन्दर आ रही थीं। कमरे में जहा ताहा कपड़े और किताबे बिखरी पड़ी हुई थी।
तभी वहा एक नौकर आता है उसके हाथ में कॉफी और पानी का ग्लास था। ओ अन्दर आता है और उसे पास के टेबल पर रखते हुए वही खड़ा हो कर कहता है"छोटी मालकीन आपकी कॉफी आ गई हैं।"इतना कहता हैं और वहा से बाहर निकल जाता है।
मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली श्रद्धा सिंघानिया जो की एक बहुत ही बड़े बाप की बिगड़ी हुई बेटी है, इस के लिए पैसा पानी के तरह है। ये अपने पिता के दौलत और शौहरत पर इतना गुमान करती है ...Read Moreये उसके आगे किसी को कुछ नही समझती है। और हो भी क्यों ना पिता ने इतने लाड प्यार से जो पाला था। श्रद्धा का एक boyfriend भी है,करण खुराना जो की second year में है। पर एक दिन किसी बात को लेकर श्रद्धा और करण के बिच कहा सुनी हो जाति है जिस वजह से उन दिनों का ब्रेकअप हो जाता है। और फिर शुरू होती है श्रध्दा और ऋषि की कहानी
श्रद्धा फूल को जैसे ही अपने बैग में रखने ही वाली थी,की तभी करण वहा आ जाता है और श्रद्धा के हाथ से फूल छीन कर अपने हाथों से मिसते हुए श्रद्धा से पुछता है" तुम ये फूल क्यों ...Read Moreउसने आखिर ऐसा क्या कहा जो तुमने ये फूल लिया? "..... श्रद्धा चौकते हुए बोलती है"क्या बात कर रहे हो तुमने ही तो उससे बोला, की जाओ उसे फूल देकर आओ?"करण फूल को फेकते हुए कहता है"तो ये बात है अब देखो कैसे उसे उसकी औकात दिखाता हूं मुझसे होशियारी किया हैं ना अब दिखाता हूं क्या चीज़ हू मैं!"...
क्लास ओवर होते ही सब क्लॉस से निकलने लगते है ।जैसे ही ऋषि बाहर आ ही रहा होता है।की करण और उसके के दोस्त उसके क्लास में घुस आते है,और उसे रोकते हुए करण कहता है।"क्यों बे जब मैन ...Read Moreकहा की जाके तू उसे प्रोपोज करेगा तो फिर मेरा नाम क्यों लिया?"ऋषि कुछ बोलता उससे पहले करण ने फिर से एक थप्पड़ मार दिया,ये सब एक लड़का देख रह था,जो की ऋषि का ही क्लासमेट था। दिखने में मोटा और सावले रंग उसका नाम साहिल होता है,उससे देखा नही गया और वो आकर करण से कहता है"अरे भाई जाने
ऋषि अपने हाथ में कोल्ड कॉफी लिया हुआ था, करण ऋषि के हाथ से कॉफी छिन कर उसके मुंह पर फेंकता है,और फिर कॉलर पकड़ कर श्रद्धा के सामने ला कर उससे माफ़ी मांगने के लिए कहता हैं,"चल sorry ...Read More"....तभी साहिल आकार कहता है,"भाई ऋषि की कोई गलती नही है जो भी हुआ है अनजाने में हुआ है।"... "अब तू बताएगा मुझे?__क्या करना है क्या नहीं"... करण ये कहते हुए साहिल को धक्का देता। श्रद्धा चुप चाप सब देख रही होती है। करण ऋषि से दोबारा कहता है"मैन बोला ना sorry बोल इसे!" ऋषि के होंठो से खून बह
श्रद्धा अपने कमरे में आईने के सामने बैठी खुदको निहारे जा रही थी और मन ही मन में सोच रही थी,("आखिर करण ऐसा क्या सरप्राइज़ देने वाला है?") श्रद्धा यही सोच रही थी की तभी वहा एक औरत आती ...Read Moreजो की श्रद्धा के घर में खाना बनाने का काम किया करती है। श्रद्धा उसे अंदर आने को कहती है......"हां आ जाओ"ओ अंदर आकर श्रद्धा से डरते हुए कहती है"छोटी मालकीन ओ मुझे आंठ दस दिन के लिए छूटी चाहिए था।मेरी बेटी का तबियत आज कल बहुत खराब रहता है।".....ये सुनते ही श्रद्धा उस पर चिल्लाते हुए कहती है..."क्या??छूटी चाहिए,,