मोनू , बब्बू और शेर महाशय - Novels
by Premyad kumar Naveen
in
Hindi Children Stories
मीना अपने लड़के को दवा लाने को कहती है,और मोनू अपनी टूक टूक (सायकल) में सवार हो कर पर्चा हाथ मे लेकर निकलने लगता है। वो अपने घर के मुख्य दरवाजे के पास पहुँचा ही होता है,की तभी घर के अंदर से मीना आवाज लगाती है.! ओ मोनू रुक ..? (मीना ----- मोनू की मम्मी )अरे पूरी बात सुनके तो जा..!यहां वहां घूमने और खेलने मत लग जाना।और तुझे इतनी दूर जाने को नही कह रही सिर्फ बाजू वाले गली शर्मा जी के स्टोर में जाकर दवा लानी है।इतना दूर नही भेज रही,जो तू अपना टूक-टूक लेकर जा रहा है।
मीना अपने लड़के को दवा लाने को कहती है,और मोनू अपनी टूक टूक (सायकल) में सवार हो कर पर्चा हाथ मे लेकर निकलने लगता है। वो अपने घर के मुख्य दरवाजे के पास पहुँचा ही होता है,की तभी घर ...Read Moreअंदर से मीना आवाज लगाती है.! ओ मोनू रुक ..? (मीना ----- मोनू की मम्मी )अरे पूरी बात सुनके तो जा..!यहां वहां घूमने और खेलने मत लग जाना।और तुझे इतनी दूर जाने को नही कह रही सिर्फ बाजू वाले गली शर्मा जी के स्टोर में जाकर दवा लानी है।इतना दूर नही भेज रही,जो तू अपना टूक-टूक लेकर जा रहा है।
अब तक आपने पढ़ा ... मोनू ― आंटी जी आप ठीक कह रही है पर मुझे दवा ले जाने में तीन से चार बार गड़बड़ी हो गई है। पर्चे में कुछ और दवा होती है और स्टोर वाले कुछ ...Read Moreदे देते है। इसलिए मुझे बब्बू की मदद चाहिए उसे इंग्लिश आती है दवा कौन सा है वही है कि नही ये बस बतायेगा । मैं इंग्लिश में कमजोर हूँ ना तो मैं उसे अपने साथ ले जाऊं हम जल्द ही आ जायेंगे। आंटी ― ठीक है बेटा मोनू जाओ पर जल्द आ जाना कहि रुक कर खेलने-कूदने ना लग