monu, babbu aur sher mahasay - 2 in Hindi Children Stories by Premyad kumar Naveen books and stories PDF | मोनू ,बब्बू और शेर महाशय - भाग 2 मोनू ,बब्बू और शेर महाशय - भाग 2 702 2k अब तक आपने पढ़ा ... मोनू ― आंटी जी आप ठीक कह रही है पर मुझे दवा ले जाने में तीन से चार बार गड़बड़ी हो गई है। पर्चे में कुछ और दवा होती है और स्टोर वाले कुछ और दे देते है। इसलिए मुझे बब्बू की मदद चाहिए उसे इंग्लिश आती है दवा कौन सा है वही है कि नही ये बस बतायेगा । मैं इंग्लिश में कमजोर हूँ ना तो मैं उसे अपने साथ ले जाऊं हम जल्द ही आ जायेंगे। आंटी ― ठीक है बेटा मोनू जाओ पर जल्द आ जाना कहि रुक कर खेलने-कूदने ना लग जाना । अब आंटी बब्बू को आवाज लगाती है। बब्बू ― क्या हुआ मम्मी अपने कमरे से चिल्लाकर कहता है। आंटी ― अरे नीचे तो आ मोनू आया है। बब्बू ― आ रहा हूँ..! बब्बू पेन कॉपी लेकर भागता-भागता वहां आता है। फिर आंटी उसे मेरे साथ जाने कहती है। और कहेगी भी क्यों नही मैंने बब्बू की तारीफ जो कर दी थी । पर वो तारीफ झूठी नही थी और ना ही हमने झूठ बोला था,झूठ यही था कि हम पास के स्टोर में नही बल्कि शहर के मेडिकल स्टोर में दवा लेने जाने वाले थे। आंटी ― बब्बू जा जल्दी कपड़े बदल लें और फ्रेश हो जा बब्बू ― सब ठीक तो है मम्मी मैं जा रहा हूँ । और पेन जेब मे रख लेता है । कॉपी को वही सोफ़े में रख देता है । और मम्मी से कहता है ये मेरे स्ट्डी रूम में रख देना। आंटी ― जल्दी आना होम वर्क भी करना है । बब्बू ने भी चिल्लाकर हाँ कहा , और हम निकल गए दवा लेने बब्बू ― मोनू हम कहां जा रहे है,तुमने कहां की हम मेडिकल स्टोर जायेगे । मोनू ― हा यार बब्बू हम मेडिकल स्टोर ही जा रहे है । यहाँ हमारे गाँव मे मुझे वो दवा मिली ही नही तो हम शहर जा रहे है। बब्बू ― यार मोनू पर शहर तो 15 किलोमीटर दूर है।हम टूक-टूक में ही जायेंगे तो शाम हो जाएगा और घर मे डॉट भी पड़ेगा । चल वापस बोल देना यहां किसी भी स्टोर में वो दवा नही मिला या अपने पापा से मंगा लेना । मोनू ― नही भाई बब्बू मम्मी को वो दवा आज ही चाहिए और पापा को क्या परेशान करना मुझे एक शॉर्ट कट रास्ता पता है । जो जंगल के रास्ते से होकर सीधे शहर को निकलता है। बब्बू ― यार मोनू तुझे कैसे पता..? मोनू ― मैं अपने पापा के साथ शहर उसी रास्ते से जाता हूँ तो मुझे पूरा रास्ता पता है। बब्बू ― पर मोनू उस रास्ते से जाने में खतरा है।मोनू ― नही कोई खतरा नही है। हम तो उसी रास्ते से आते जाते है। और बब्बू देख बातें करते करते हम पूरा जंगल पर कर शहर पहुँच गए। बब्बू ― अरे हा भाई मोनू हम तो शहर पहुँच भी गए । अब जल्दी मेडिकल स्टोर मिल जाये और तेरी दवा भी फिर जल्द घर लौट जाए । मोनू ― अरे यार बब्बू वो देख मेडिकल स्टोर चल जल्दी टूक-टूक घुमा ले ।कहानी जारी है ...... ‹ Previous Chapterमोनू ,बब्बू और शेर महाशय - भाग 1 Download Our App Rate & Review Send Review Be the first to write a Review! More Interesting Options Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Premyad kumar Naveen Follow Novel by Premyad kumar Naveen in Hindi Children Stories Total Episodes : 2 Share You May Also Like मोनू ,बब्बू और शेर महाशय - भाग 1 by Premyad kumar Naveen