Meet book and story is written by Vaidehi Vaishnav in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Meet is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मीत - Novels
by Vaidehi Vaishnav
in
Hindi Love Stories
मुझें गाने सुनते हुए काम करने की आदत हैं । आज भीं जब मैं अपने कमरें की सफ़ाई कर रहीं थीं तब आदतन मैंने रेडियो ऑन कर लिया था।
उम्र का दौर था या इश्क़ का जोर तय करना मुश्किल था पर जब भीं बालासुब्रमण्यम की आवाज़ में कोई गीत सुनती थीं तो दिल करता उनके गाये गीतों को सुनकर उम्र गुजार दूँ ।
“तेरे मेरे बीच में कैसा है ये बंधन अनजाना… मैंने नहीं जाना… तूने नहीं जाना…”
आज गीत औऱ गायक की मखमली आवाज़ जिसकी मैं दीवानी थीं ,,चुभ रहें थें किसी शूल की तरह । आज जब विविध भारती ट्यून किया औऱ उस पर यह गीत बजने लगा तो अचानक किसी का चेहरा जहन में आ गया , मुझें लगा जैसे मेरी रगों में बहता सारा खून सुख गया। बिन पानी के जैसे मछली तड़पती हैं ठीक वैसे ही मेरा मन तड़प उठा। मैंने तुंरत रेडियों बंद कर दिया।
कमरें में बिखरे सामान के बीचो-बीच मैं धम्म से बैठ गई। कमरें के सामान से ज़्यादा बिखरा हुआ मेरा मन था , जिसे समेटने की , समझाने की मैंने बहुत कोशिश की । अंदर से उठ रहीं हुक , पीड़ा औऱ सवालों की ज्वाला को शांत करने का कोई भी उपाय मेरे पास नहीं था। आँखों से आँसू की बूंदे छलक आई।
काश ! मेरे अंतर्मन के द्वंद से मैं जीत पाती। मेरा मन संसद सदन की तरह हो गया था जहाँ प्रश्नकाल का सत्र चल रहा था। हर तरफ़ से प्रश्नों का शोर ,,औऱ शोर में एक ही सवाल - मीत आख़िर तुमनें ऐसा क्यों किया..?
मुझें गाने सुनते हुए काम करने की आदत हैं । आज भीं जब मैं अपने कमरें की सफ़ाई कर रहीं थीं तब आदतन मैंने रेडियो ऑन कर लिया था। उम्र का दौर था या इश्क़ का जोर तय करना ...Read Moreथा पर जब भीं बालासुब्रमण्यम की आवाज़ में कोई गीत सुनती थीं तो दिल करता उनके गाये गीतों को सुनकर उम्र गुजार दूँ । “तेरे मेरे बीच में कैसा है ये बंधन अनजाना… मैंने नहीं जाना… तूने नहीं जाना…” आज गीत औऱ गायक की मखमली आवाज़ जिसकी मैं दीवानी थीं ,,चुभ रहें थें किसी शूल की तरह । आज जब
मन कभी-कभी थोड़ा ठहरना चाहता है, खोजता है ज़रा सा सुकून और अपने हिस्से का शांत कोना। मीत की यादें जो बिन बुलाए मेहमान की तरह वक़्त - बेवक्त चली आती थीं - छीन रहीं थीं मेरे मन का ...Read Moreमैंने फ़िर एक गहरी साँस छोड़ी और धीमे से बुदबुदाई – “मीत, आई मिस यू!” “मिस यू टू प्रिया !” ख़ामोशी ने हूबहू मीत की आवाज़ में ज़वाब दिया, उदासियों में उम्मीद के मोती पिरोती आवाज़! मन किया मीत को फ़ोन करूँ औऱ पूछ लूँ वो सारे सवाल जो मेरे भीतर किसी ज्वाला से धधक रहें हैं , जो हर
मुझें कुछ समझ ही नहीं आ रहा था किअचानक से क्या हो गया ? मेरी ज़िंदगी में जैसे भूकंप आ गया था जिसका केंद्र मेरा मन था औऱ लगा मेरा पूरा शरीर दरक गया , दर्द की दरारें भी ...Read Moreगहरी कि कोई यदि ज़रा सी भी ठेस पहुँचा दे तो मैं टूटकर बिखर जाऊँ ।मीत मेरे जीवन की धुरी था। मेरा सब कुछ सिमट जाता था उसके इर्द-गिर्द। मेरे दुःख, तकलीफें, ख़ुशी और ढेर सारी ख्वाहिशें भी। जैसे उसका हाथ पकड़कर पहाड़ों पर घूमने की ख्वाहिश, किसी मंदिर पर उसके नाम की मन्नत का धागा बाँधने की ख्वाहिश या
अब तक आपने पढ़ा - मन बहलाने के लिए प्रिया म्यूजिक सिस्टम ऑन कर देती है।अब आगे..मैं चाय का प्याला लेकर सोफ़े पर आकर बैठ गई । संगीत की धुन मद्धम हो गई औऱ अतीत की बातें याद आने ...Read More। मीत की न जाने कितनी यादें है जो हौले हौले एक कली की पंखुड़ियों की तरह खुलती चली गई। पर ये वो यादें औऱ बातें हैं जिन पर पहले मैंने कभी ध्यान ही नहीं दिया । मसलन उसका बातूनी स्वभाव , उसका हर किसी से दोस्ती कर लेना , हमेशा सिर्फ अपने ही बारे में बातें करना , मुझसें
अब तक आपने पढ़ा - मीत को लेकर प्रिया असमंजस की स्थिति में है।अब आगे...मैं आज की पीढ़ी के अनुसार बोरिंग हो सकती हूँ पर हम दोनों जब भी साथ रहें ज़िन्दगी खुशनुमा सी लगीं । पर अब मीत ...Read Moreलिए मेरी भावना बदल रहीं हैं..बदलतीं भावनाओं के बावजूद मन अब भी मीत से बंधा हुआ था। मीत हर बात में अच्छा था.. शायद मैं ही समझ नहीं पाई उसकी बात को। मन अब भी मीत की पैरवी कर रहा था।मैंने अलमारी से हरे रंग की ड्रेस निकाली जो कपड़ो की तह में सबसे नीचे रखी हुई थीं । जबसे