Meet - 4 in Hindi Love Stories by Vaidehi Vaishnav Vatika books and stories PDF | मीत (भाग-४)

मीत (भाग-४)

अब तक आपने पढ़ा - मन बहलाने के लिए प्रिया म्यूजिक सिस्टम ऑन कर देती है।

अब आगे..

मैं चाय का प्याला लेकर सोफ़े पर आकर बैठ गई । संगीत की धुन मद्धम हो गई औऱ अतीत की बातें याद आने लगीं । मीत की न जाने कितनी यादें है जो हौले हौले एक कली की पंखुड़ियों की तरह खुलती चली गई। पर ये वो यादें औऱ बातें हैं जिन पर पहले मैंने कभी ध्यान ही नहीं दिया । मसलन उसका बातूनी स्वभाव , उसका हर किसी से दोस्ती कर लेना , हमेशा सिर्फ अपने ही बारे में बातें करना , मुझसें बिना पूछें उसकी पसन्द का खाना ऑर्डर कर देना , हमेशा लोंगो के अनुसार रहना..कई मायनों में वो मुझसें बिल्कुल अलग था l मेरा उसके साथ रहने का फैसला अब कई सवाल खड़े कर रहा था। मेरी ज़िंदगी का नायक अब मुझें खलनायक लग रहा था ।

मेरे जेहन में मिसेज़ मेहता की बातें घूमने लगीं । वो मितेश को ज़रा भीं पसन्द नहीं करतीं थीं औऱ अक्सर मीत को लेकर मेरे कान भरा करतीं थीं। मैं मीत के खिलाफ एक शब्द भी नहीं सुन पाती थीं औऱ मिसेज़ मेहता को झिड़क दिया करतीं थीं। मेरी झिड़की सुनने के बाद भी वो यहीं कहती - सही लड़का नहीं हैं मितेश , तुम पछताओगी ।

क्या मिसेज़ मेहता सच कहती थीं..? पर अब भी मेरा मन उनकी बात से कोई ताल्लुक नहीं रखता था। मेरा सर दर्द से फट रहा था औऱ आँखे भारी होने लगीं थीं। कब नींद आ गई पता ही न चला।

डोरबेल की आवाज़ से नींद खुली। सुबह के 9 बज रहें थें। दरवाजा खोला तो दूधवाले भैया खड़े थें। मुझें देखते ही वो बोले - दीदी तबियत तो ठीक हैं न ? मैंने हाँ कहा औऱ दूध लेकर अंदर आ गई।

मैंने बॉस को कॉल करने के लिए मोबाईल स्विच् ऑन किया तो मीत के संदेशों की झड़ी लग गई । उसने कई बार कॉल भी किया हुआ था। मैंने सन्देश को पढ़ने में कोई रुचि नहीं ली औऱ बॉस को कॉल करके ऑफिस से 3-4 दिन की छुट्टी का कहा और बॉस सहजता से मान गए। मैं कॉल पर ही थीं कि कॉल वेटिंग में मीत का कॉल था।

मेरे फोन रखतें ही मोबाईल फिर से बज उठा। मीत का ही कॉल था। अनमने मन से मैंने कॉल रिसीव किया । कहाँ हो तुम..? ऑफिस क्यो नहीं आई..? सब ठीक तो हैं न..? औऱ ये फ़ोन क्यों बंद था..? उसने एक ही सांस में सारे सवाल एकसाथ पूछ लिए थे। मैंने कहा - " तबियत ठीक नहीं हैं । वो गुस्से से बोला - तबियत ठीक न होने पर डॉक्टर को दिखाते हैं न कि मोबाईल बंद कर लेते हैं। मैं आ रहा हूँ तैयार रहना। फिर चलते हैं डॉक्टर के पास। इतना कह कर उसने फ़ोन कट कर दिया।

न चाहते हुए भीं मैं तैयार होंने लगी थीं । मैंने तय किया कि मीत से अपने मन की बात कह दूँगी। तभी हमारा आने वाला कल तय होगा। हम हमसफ़र रहेंगे या फ़िर दोनो के रास्ते अलग हो जाएंगे ?

शेष अगलें भाग में...

क्या मीत और प्रिया एकसाथ रहेंगे या दोनों के रास्ते अलग हो जाएंगे। जानने के लिए कहानी के साथ बने रहें।

धन्यवाद।

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Abcd Ijdg

Abcd Ijdg 5 months ago

कमाल

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