KATIL HASINA book and story is written by DINESH DIVAKAR in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. KATIL HASINA is also popular in Horror Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
कातिल हसीना - Novels
by DINESH DIVAKAR
in
Hindi Horror Stories
"हां मेरी प्यारी मम्मी आ रहा हूं यार आप इतना जोर देकर बार-बार क्यों बोल रहे हो" मनोज ने अपनी मम्मी से कहा।
"बार-बार इसलिए बोलना पड़ रहा है क्योंकि तुम पिछले 2 साल से घर नहीं आए हो, बस आऊंगा आऊंगा बोल रहे हो" मम्मी भावुक होते हुए बोली "घर में इतना बड़ा पूजा और फंक्शन हो रहा है इसमें तुम नहीं आओगे तो कैसे चलेगा।"
"ओफ्फो मम्मी आप भी ना, ठीक है इस बार सच में आ रहा हूं वो भी पूरे 1 सप्ताह के लिए तब आप सबके साथ रहूंगा, अब खुश हो आप" मनोज बोला।"
"हां जब तुम आओगे तब मैं खुश होंगी" मम्मी ने यह कहकर कॉल को कट कर दी।
"ओफ्फो मम्मी भी ना, इतना सारा काम होता है ऑफिस में कि छुट्टी ही नहीं मिलती तो घर कैसे जाऊं, खैर अब मम्मी ने बोला है तो जाना तो पड़ेगा ही कैसे भी करके इस बार" मनोज नाश्ता बनाते हुए खुद से ही बातें कर रहा था। वह एक प्राइवेट ऑफिस में जॉब करता है जहां उसका बॉस बहुत स्ट्रिक्ट है इसलिए बहुत कमी छुट्टी मनोज को मिल पाता है लेकिन मनोज को कैसे भी करके इस बार घर जाना ही था तो उसने जल्दी से नाश्ता बना कर तैयार किया और थोड़ा सा खाकर ऑफिस की ओर चल पड़ा।
"हां मेरी प्यारी मम्मी आ रहा हूं यार आप इतना जोर देकर बार-बार क्यों बोल रहे हो" मनोज ने अपनी मम्मी से कहा। "बार-बार इसलिए बोलना पड़ रहा है क्योंकि तुम पिछले 2 साल से घर नहीं आए हो, ...Read Moreआऊंगा आऊंगा बोल रहे हो" मम्मी भावुक होते हुए बोली "घर में इतना बड़ा पूजा और फंक्शन हो रहा है इसमें तुम नहीं आओगे तो कैसे चलेगा।" "ओफ्फो मम्मी आप भी ना, ठीक है इस बार सच में आ रहा हूं वो भी पूरे 1 सप्ताह के लिए तब आप सबके साथ रहूंगा, अब खुश हो आप" मनोज बोला।" "हां
मनोज "थैंक यू सर कहकर" बॉस के केबिन से बाहर निकला और खुद से ही बढ़ बढ़ाते हुए बोला "बुरा हुआ बाॅस के साथ पर उन्होंने गलती ही ऐसी की थी तो वो सब तो होना ही था खैर ...Read Moreऐसा बिल्कुल नहीं करना मैं अपनी फैमिली को अब टाइम दुंगा।यह कहकर मनोज जल्दी-जल्दी अपना काम निपटाने लगा लेकिन काम करते-करते कब शाम हो गई उसे पता ही नहीं चला वह जल्दी ऑफिस का काम खत्म करके अपने रूम में पहुंचा और फ्रेश होकर खाना बनाने लगा। इसी सब में रात के 12 बज गए वह बेड में जैसे ही
"हांजी बिल्कुल" सोनम ने जवाब दिया मनोज मुस्कुराते हुए बोला "जी वैसे नंबर कहां से मिल गया आपको मेरा""यह मत पूछिए वरना जिसके पास से ली हूं वह मार डालेगी मुझे" सोनम ने तेजी से जवाब दिया।"अरे बता भी ...Read Moreमनोज जोर देते हुए बोला।"नहीं प्लीज ना मम्मी की कसम दी है वरना आपको बता देती, निराश नहीं करती" सोनम बोली।मनोज अपना पूरा बैग पैक करके बिस्तर में लेट गया और सोनम को मैसेज किया "चलिए कोई बात नहीं""हा अब आप भी बताइए कुछ या हमसे ही पूछते रहेंगे सारी रात" सोनम मुस्कुराती हुई बोली।"जी पूछिए ना क्या जानना है
मनोज ने आंख खोली तो देखा सुबह के 6 बज चुके थे वहीं वह जल्दी से आंख मलता बिस्तर पर बैठ गया वह हैरान था कि वह इतनी देर तक कैसे सो सकता है उसकी तो आज 6 बजे ...Read Moreट्रेन थी वह अपना सर पकड़ कर बैठ गया तभी उसे सोनम की याद आई वह इधर उधर अपना मोबाइल ढूंढने लगा। मोबाइल ओपन करके देखा तो सोनम के पंद्रह बीस मिस काल और बहुत सारे मैसेजेस थे वह तेरी से सोनम को काल करता है तो उधर से नाराज़ भरी आवाज आती है "हमसे मिलने का मन नहीं था
इधर जब वह बस मैं बैठ गया और बस भी अपने गंतव्य की ओर चल पड़ी तब सोनम का मैसेज आया "नहीं आए ना आप...!! क्यों... मैं कितनी देर इंतजार करती रही कि आप आएंगे...!! मेरी नजरें आपको ही ...Read Moreरही थी और मेरे कान आपकी आवाज को...! लेकिन आप नहीं आए" सोनम उदास होते हुए बोली।"मैं आया था सोनम आप लोग तो दिखे ही नहीं, कितनी देर इंतजार किया आपका बट वहां पर तो कोई था ही नहीं बस मैं अकेला था काफी देर तक कोई नहीं दिखा तो मैं वहां से चला गया" मनोज बस कंडक्टर को बस