Dushchak book and story is written by Kishanlal Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Dushchak is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
दुष्चक्र - Novels
by Kishanlal Sharma
in
Hindi Moral Stories
नारंग ने हाथ मे बंधी घड़ी में समय देखा।रात के साढ़े नौ बजे थे।इस स्टेशन से छोटी लाइन की अंतिम ट्रेन कुमायूं एक्सप्रेस जाती थी।इस ट्रेन के छूटने में आधा घण्टा शेष रह गया था। लेकिन किसी यात्री के लगेज बुक कराने आने के आसार नजर नही आ रहे थे।न जाने आज सुबह उठते ही किस मनहूस का मुंह देख लिया था कि वह दो बजे ड्यूटी पर आया तब से अब तक तीन ट्रेनें जा चुकी थी।लेकिन कोई भी यात्री उसके पास माल बुक कराने के लिए नही आया था।
मानाकि आज शहर में हड़ताल थी।हमारे देश मे हड़ताल होना आम बात है।किसी ने किसी बात को लेकर चाहे जब हड़ताल हो जाती है।लेकिन फिर भी पूरी तरह नही होती। आज से पहले ऐसा कभी नही हुआ था कि हड़ताल वाले दिन कोई माल बुक कराने के लिए न आया हो।लेकिन आज क्लॉक रूम में लगेज रखने या लेने वाले ही आ रहे थे।
नारंग ने हाथ मे बंधी घड़ी में समय देखा।रात के साढ़े नौ बजे थे।इस स्टेशन से छोटी लाइन की अंतिम ट्रेन कुमायूं एक्सप्रेस जाती थी।इस ट्रेन के छूटने में आधा घण्टा शेष रह गया था। लेकिन किसी यात्री के ...Read Moreबुक कराने आने के आसार नजर नही आ रहे थे।न जाने आज सुबह उठते ही किस मनहूस का मुंह देख लिया था कि वह दो बजे ड्यूटी पर आया तब से अब तक तीन ट्रेनें जा चुकी थी।लेकिन कोई भी यात्री उसके पास माल बुक कराने के लिए नही आया था।मानाकि आज शहर में हड़ताल थी।हमारे देश मे हड़ताल होना
रिश्वत,भरस्टाचार,ऊपरी कमाई या गलत तरीके से कमाया पैसा आदमी को व्यसनों की तरफ अग्रसित करता है।शराब पीने की आदत,वेश्यागमन,जुआ आदि की लत ऐसे पैसे से ही पड़ जाती है।वह सर्विस में आया तब बेहद ईमानदार और सच्चरित्र था।रिश्वत से ...Read Moreसख्त चिढ़ थी।लोगो को रिश्वत लेते और बेईमानी के पैसे से गुलछर्रे उड़ाते हुए देखकर बेहद दुख होता था।साथियों को वह समझाता।उन्हें उपदेश देता।भरस्टाचार से होने वाले नुकसान के बारे में वह अपने साथियों को बताता।उसने अपने सहकर्मियों को सुधारने का भरसक प्रयास किया था।पर वह उन्हें नही सुधार पाया था।उल्टे समय बीतने के संग वह उनके रंग में ही