Manzil Apni Apni book and story is written by Awantika Palewale in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Manzil Apni Apni is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मंजिल अपनी अपनी - Novels
by Awantika Palewale
in
Hindi Short Stories
मोहन खासते-खासते बोला दरवाजा खोलो सूरज बेटा।
चंदा एकदम बौखला गई उसको लगा इस वक्त कौन आया होगा।
मोहन बोला मैं चाचा मोहन आया हूं।
चंदा झलाए हुए स्वर में कहा अच्छा-अच्छा रुको कपड़े बदल रही हूं बडबडाते हुए बोली लो फिर यह बुड्ढा आ गया।
मोहन बोला कोई बात नहीं बहू मैं बहार ही खड़ा हूं।।
चंदा ने कहा कपड़े बदल रही थी सुन नहीं सकते थे।
मोहन बोला जरा ऊंचा सुनता हूं। पर सुन लिया था खुश होना आज तुम्हारी शादी की वर्षगांठ है इस थैली में फल लाया हूं रख लो।।
चंदा भी चिल्ला के बोली इसकी क्या जरूरत थी जो थैला उठाकर चले आए।।
मोहन बोला तुम दोनों के लिए केले और संतरे हैं मुझे पता है तुम्हें पसंद है।
मोहन बोला अपनी बहू के लिए काहे की तकलीफ हाफने लगता है मोहन और नजदीक की कुर्सी में जाकर बैठ जाता है आज तो तुम दोनों की शादी की सालगिरह है। है ना चंदा बेटा।।।।
मोहन खासते-खासते बोला दरवाजा खोलो सूरज बेटा।चंदा एकदम बौखला गई उसको लगा इस वक्त कौन आया होगा।मोहन बोला मैं चाचा मोहन आया हूं।चंदा झलाए हुए स्वर में कहा अच्छा-अच्छा रुको कपड़े बदल रही हूं बडबडाते हुए बोली लो फिर ...Read Moreबुड्ढा आ गया।मोहन बोला कोई बात नहीं बहू मैं बहार ही खड़ा हूं।।चंदा ने कहा कपड़े बदल रही थी सुन नहीं सकते थे।मोहन बोला जरा ऊंचा सुनता हूं। पर सुन लिया था खुश होना आज तुम्हारी शादी की वर्षगांठ है इस थैली में फल लाया हूं रख लो।।चंदा भी चिल्ला के बोली इसकी क्या जरूरत थी जो थैला उठाकर चले
घसीटा बोला था और गौर करता हुआ बोला वाकई में लाजवाब है ।नीला लाल फूलों तो जैसे कपड़ों पर रखे हुए लगते हैं और इन चारों कोनों पर सूरज लिखा है बिना चंदा के सूरज अधूरा है। चंदा बोली ...Read Moreज्यादा मत बातें बनाओ। मैं तो शॉपिंग के लिए कब से तैयार बैठी हूं। हाथ पकड़ते हुए बोली चलो अब। सूरज बोला चाय।चंदा बोली क्या चाय पियोगे?सूरज बोल पिला दो तुम्हारा राज के गुणगान गाएंगे।चंदा बोली फिर वही झूठी चापलूसी।तो फिर और किसकी चापलूसी काम आएगी तुम चाय बनाओगी तब तक मैं जरा सज धज लूंगा। क्रीम पाउडर लगा लूंगा।
चंदा ने कहा पूछी थी बोले एक ही बार शाम को आकर पी लूंगा ।है मेरे भगवान वह हमारी मैरिज एनिवर्सरी की डेट भूलते भी तो नहीं। सूरज ने कहा तुम समझती क्यों नहीं चंदा आज की भाग दौड़ ...Read Moreकिस किसी के जन्मदिन या सालगिरह की याद रहती है या उनका अपनापन है ही तो है कि निसंकोच अपने आप आकर हमें संभल जाते हैं।चंदा बोली यही तो कमाल है सूरज !जिन्हें हम बुलाना चाहते हैं वह तो ना आए और जिसे ना चाहे.......सूरज ने बीच में टोकते हुए कहा बस बस इस बहस को यही बंद करो और
चंदा बोली आपको पता है सभी देशों में सरकार ने ओल्ड हाउस खोल रखे हैं सारे बूढ़े वही एक साथ रहते हैं।सूरज बोला तुम उन्हें सभ्य समाज कहती हो जहां सभी औलाद मां-बाप को न पूछे।चंदा बोली अगर कोई ...Read Moreको किसी की जान की आफत बन जाए तो.... ।सूरज टोकते हुए बोला बस बस रहने दो अब बत्ती बंद कर रहा हूं।दूसरे दिन सूरज उत्साहित होकर बोला हेलो चंदा डार्लिंग इतनी देर लगा दी दरवाजा खोलने में आज मैं बहुत खुश हूं आज सारा दिन स्टाफ कल की हमारी पार्टी के फूल बांधता रहा पार्टी दो तो सूरज की
सूरज बोला आईए चाचा जी आईए।मोहन चाचा बोले बहुत दिन हो गए ।सोचा आज इतवार है दोनों मिल ही जाएंगे।सूरज बोला बहुत अच्छा किया आपने हमारी शुद्ध बुद्ध ले जाते हैं।मोहन चाचा बोले चंदा की चारपाई की ओर बढ़ते ...Read Moreअरे हमारी बहु रानी को क्या हुआ इस वक्त लेटी क्यों है।सूरज बोला इसकी तबीयत ठीक नहीं है कमर में दर्द है आप बैठिए आपके लिए चाय बना कर लाता हूं।मोहन चाचा बोला तुम क्यों तकलीफ करते हो रहने दो चाय बाय।सूरज बोला इसमें तकलीफ कैसी? आज नौकरानी नहीं आई है! बूढी औरत है !उसे भी तो कभी छुट्टी चाहिए!(