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चुड़ैल वाला मोड़ - Novels
by VIKAS BHANTI
in
Hindi Horror Stories
घनी सी रात में वो थरथराई सी हाइवे पर खड़ी थी , हर आते जाते मुसाफिर को हाथ देती l उसके बिखरे से बाल और स्याह सफेद सलवार सूट शायद राहगीरों को रुकने नहीं देना चाहता था l कई कहानियाँ थीं इस सड़क पर होने वाले हादसों के बारे में , कई बुजुर्गों के मुँह से लोगों ने सुनी थी उस हाइवे वाली चुड़ैल की कहानी l सफेद से कपडों में वो लोगों को हाथ देती है उनकी गाडियो में बैठती है और फिर अगले चौराहे से पहले उस गाड़ी का एक्सीडेंट हो जाता है l हालाँकि सुबूत तो कोई
घनी सी रात में वो थरथराई सी हाइवे पर खड़ी थी , हर आते जाते मुसाफिर को हाथ देती l उसके बिखरे से बाल और स्याह सफेद सलवार सूट शायद राहगीरों को रुकने नहीं देना चाहता था l कई ...Read Moreथीं इस सड़क पर होने वाले हादसों के बारे में , कई बुजुर्गों के मुँह से लोगों ने सुनी थी उस हाइवे वाली चुड़ैल की कहानी l सफेद से कपडों में वो लोगों को हाथ देती है उनकी गाडियो में बैठती है और फिर अगले चौराहे से पहले उस गाड़ी का एक्सीडेंट हो जाता है l हालाँकि सुबूत तो कोई
शीशा नीचा होते ही लड़की ने सर भीतर की ओर डाल दिया और कुछ पलों के लिए भीतर मुआयना सा करने लगी | संकेत सहमा सा ड्राईवर सीट पर चिपका हुआ था, बोलने की लाख कोशिशों के बाद भी ...Read Moreलगता था जम से गए थे | लड़की ने भी कुछ बोलने की कोशिश की पर कोई शब्द फूट ही नहीं रहा था | रात इतनी घनी थी कि सूरतें देखने का एक मात्र जरिया कार की छत पर लगी लाइट ही थी | इससे पहले कि वो लाइट बुझ पाती संकेत ने बटन को दाई तरफ पुश कर दिया
संकेत की आँखें बंद ही थीं अभी, रात का सारा वाकया उसकी बंद आँखों में एक फिल्म की तरह चल रहा था और साथ ही एक ख्याल भी कि क्या ये सब एक सपना था ! "पर इतनी हकीकत ...Read Moreक्यों थी इस सपने में ?" यही सब सोचते हुए संकेत ने आँखें खोल दीं । एक पल के लिए तो कुछ समझ नहीं आया पर फिर आस पास लगी मशीनों, हरे पर्दों, हलके नीले रंग की पोशाकों में ऊपर एक सफ़ेद कोट पहने घूमते फिरते लोगों को देख कर समझते देर न लगी कि वो अस्पताल में है और
संकेत सिहर सा गया था, ऐसा एहसास था कि जैसे ये कोई इशारा सा हो । एक उपस्थिति भी मौजूद थी उस कमरे में । फारुखी चाचा की श्राप वाली बात को मज़ाक में टाल गया था संकेत और ...Read Moreभी उसकी नज़र में किसी पागल से ज्यादा कुछ था नहीं । पर सोचने वाली कुछ बातें ज़रूर थीं, चुड़ैल वाले मोड़ का उस 12 साल पुरानी घटना से सम्बन्ध क्या है? "12, यहाँ भी 12 का नंबर पीछा छोड़ नहीं रहा और उस एक्सीडेंट वाले दिन तारीख क्या थी.........? अरे हाँ 12 ही तो थी l" संकेत खुद से
संकेत के दिल की धड़कन बढ़ गई थी । उसका खौफनाक एक्सीडेंट और सुशान्त का सुसाइड अटेम्प्ट । संकेत सोच रहा था कि इससे अच्छा तो मर ही गया होता कम से कम सुशान्त पर तो मुसीबत न आती ...Read Moreशायद श्राप भी ख़त्म हो जाता । सोचते हुए संकेत को घड़ी का ख्याल आया, देखता तो रोज़ था पर कभी ध्यान नहीं दिया कि घड़ी उस पहली होश वाली रात के बाद अपनी जगह से गायब थी । आखिर वो घड़ी गई तो गई कहाँ ? माँ वो घड़ी कहाँ गई । संकेत ने माँ से पूछा ।