Aaina Sach Nahi Bolta book and story is written by Neelima Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Aaina Sach Nahi Bolta is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
आइना सच नहीं बोलता - Novels
by Neelima Sharma
in
Hindi Fiction Stories
“रिश्ते सीमेंट और ईंटों की मज़बूत दीवारों में क़ैद हो कर नहीं पनपते... उन्हें जीने के लिये खुली बाहों का आकाश चाहिये। क्या विवाह हो जाना ही एक स्त्री की पूर्णताहैं आइना सपने दिखाता हैं और सपने हमेशा सच नही होते आइना कहाँ सच बोलता हैं सपनों को सच बनाती हैं हिम्मत और इस कथाकड़ी की नायिका के आईने के सामने देखे सपनो का सच कितना सच्चा हैं कितना झूठा आएये पढ़ते हैं हम सब ...
“रिश्ते सीमेंट और ईंटों की मज़बूत दीवारों में क़ैद हो कर नहीं पनपते... उन्हें जीने के लिये खुली बाहों का आकाश चाहिये। क्या विवाह हो जाना ही एक स्त्री की पूर्णताहैं आइना सपने दिखाता हैं ...Read Moreऔर सपने हमेशा सच नही होते आइना कहाँ सच बोलता हैं सपनों को सच बनाती हैं हिम्मत और इस कथाकड़ी की नायिका के आईने के सामने देखे सपनो का सच कितना सच्चा हैं कितना झूठा आएये पढ़ते हैं हम सब ...
“रिश्ते सीमेंट और ईंटों की मज़बूत दीवारों में क़ैद हो कर नहीं पनपते... उन्हें जीने के लिये खुली बाहों का आकाश चाहिये। विवाह दो प्राणियों का नही दो परिवारों का भी होता हैं बारात की रस्मो में ...Read Moreकी उहापोह दर्शाती दूसरी कड़ी कविता वर्मा जी की कलम से
“रिश्ते सीमेंट और ईंटों की मज़बूत दीवारों में क़ैद हो कर नहीं पनपते... उन्हें जीने के लिये खुली बाहों का आकाश चाहिये। मायके के आँगन से सासरे की दहलीज़ का सफ़र पढ़िए डॉ संध्या तिवारी की कलम से
, तुम बहुत सुंदर हो और साथ ही समझदार भी मुझे उम्मीद है तुम माँ पिताजी और घरवालों को निराश नही करोगी।खुद भी संयुक्त परिवार से हो तो परिवार की अहमियत तो समझती होगी।लेकिन मुझसे बहुत ज्यादा की ...Read Moreन रखना क्युकी तुम्हारी और मेरी आदते बहुत अलग होंगी और एक चुम्बन उसके माथे पर टांक दिया।
पर्दे के पीछे हल्के बादलों से अठखेली करता चाँद,मुस्कुराती हौले-हौले गुज़रती रात,महकते मोगरे के फूल,ख़ुशी-ख़ुशी पिघलती मोमबत्तियां साथी रहे और नंदिनी दीपक के आगोश में पिघलती चली गयी।
आइना कैसी दुनिया से रूबरू करा रहा नंदिनी को आइयेपढ़े प्रियंका pandey की कलम से ....
कमोबेश हर लड़की जो पराये घर जाती है वह कितनी आशंकाएं , डर और झिझक साथ लाती है। ऐसे में एक सास को ही आगे बढ़ कर उसका मन समझना होता है। जो कि मेरी सास ने नहीं किया ...Read Moreमेरी सास की सास ने भी नहीं किया यानि आपकी दादी ने ! तो मैं यह परम्परा नहीं निभाऊंगी कि जो परायापन मुझे विरासत में मिला है वह मैं अपनी बहू को दूँ ! मैं उसे सिर्फ प्यार और इज़्ज़त ही दूंगी जो कि समय आने पास वह मुझे लौटा सके। जैसे मैं आपकी माता जी की दिल से कभी इज़्ज़त नहीं कर पाई। हाँ ! निभा गई कि वह आपकी माँ थी और मुझे आपसे बहुत ज्यादा प्यार है !
वाह ! पत्नी जी ! आपकी बात में दम है ! अब मेरी स्वर्गवासी माँ को मत जगाओ आधी रात को !