Do balti pani book and story is written by Sarvesh Saxena in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Do balti pani is also popular in Comedy stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
दो बाल्टी पानी - Novels
by Sarvesh Saxena
in
Hindi Comedy stories
"अरे नंदू… उठ के जरा देख घड़ी में कितना टाइम हो गया है " मिश्राइन ने चिल्ला कर कहा| "अरे मम्मी सोने भी नहीं देती सोने दो ना" नंदू अपनी दोनों बाहें और मुंह फैलाते हुए बोला l "हे भगवान, आजकल के बच्चे रात भर मोबाइल को लुगाई की तरह चिपकाए रहेंगे और सुबह घोड़े जैसे सो जाएंगे, इन मुए बिजली वालों को भी मौत नहीं आती, ना आंधी आया ना पानी कल से बिजली काट कर रखी है", मिश्राइन पैर पटकते हुए गुसलखाने में घुस गईं कि तभी दरवाजे पर किसी ने आवाज लगाई तो मिश्राइन झुंझला कर बोलीं, " अब
"अरे नंदू… उठ के जरा देख घड़ी में कितना टाइम हो गया है " मिश्राइन ने चिल्ला कर कहा| "अरे मम्मी सोने भी नहीं देती सोने दो ना" नंदू अपनी दोनों बाहें और मुंह फैलाते हुए बोला l "हे ...Read Moreआजकल के बच्चे रात भर मोबाइल को लुगाई की तरह चिपकाए रहेंगे और सुबह घोड़े जैसे सो जाएंगे, इन मुए बिजली वालों को भी मौत नहीं आती, ना आंधी आया ना पानी कल से बिजली काट कर रखी है", मिश्राइन पैर पटकते हुए गुसलखाने में घुस गईं कि तभी दरवाजे पर किसी ने आवाज लगाई तो मिश्राइन झुंझला कर बोलीं, " अब
कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि खुसफुस पुर गांव में दो दिन से बिजली ना आने के कारण पानी की बड़ी किल्लत है, ऐसे में सिर्फ मिश्राइन का घर है जहां बाहर नल में थोड़ा-थोड़ा पानी आ ...Read Moreहै पड़ोस में रहने वाली ठकुराइन और वर्माइन भी दो दो बाल्टी पानी लेने आ जाती हैं और तीनों औरतें जुट जाती हैं, पूरे गांव की खबर सुनाने में…. अब आगे… " हाय राम… अब उस मुए लड़के को भरी जवानी में वो मोटी गुप्ताइन भाई है, अरे उससे तो अच्छी मैं ही हूँ " ठकुराइन ने कहा |वर्माइन ने झटपट अपनी
कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा खुसफुस पुर में पानी ना आने के कारण ठकुराइन मिश्राइन और वर्माइन पानी भरते हुए पूरे गांव की पंचायत करने लगती हैं और वापस अपने घर आतीं हैं, घर आकर मिश्राइन और ...Read Moreजी की नोकझोंक होती है |अब आगे…. " अरे स्वीटी…. अभी तक सो रही है, अब उठ ना.. " ठकुराइन पानी की बाल्टी रखते हुए चिल्लाने लगीं |"हे भगवान.. भैंस पता नहीं कब तक सोएगी, गांव की सबइ लड़कियां अपनी मां का कितना हाथ बटाटी हैं, पर यहां देखो, अब हम पानी भर भर के मरी जा रहीं है और ये
कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा मिश्राइन ठकुराइन और वर्माइन कैसे अपने दिन की शुरुआत करते हैं और नोकझोंक और प्यार से उनकी जिंदगी बड़े आराम से कट रही है, बस किल्लत होती है तो पानी की और ...Read Moreके चाल ढाल और रुतबे से सबको चिढ़न होती है |अब आगे… "अजी सुनते हो… कितनी देर हो गई? क्या करते रहते हो अंदर? अब निकलो भी, हमें ड्यूटी पर जाने की देरी हो रही है, अरे क्या बड़बड़ करते हो? सुबह-सुबह अपनी ये रामकहानी हमारे जाने के बाद गाया करो, हमें रोज लेट हो जाता है" | ये कहकर गुप्ताइन अपने
कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा की गुप्ताइन गुप्ता जी को सुबह सुबह पानी खत्म करने के कारण खूब सुना देती हैं और पिंकी बाहर पानी लेने चली जाती है |अब आगे… मोहल्ले में मिश्राइन के अलावा एक ...Read Moreका घर ही ऐसा था जिसके नल में बिजली जाने पर या पानी चले जाने पर भी थोड़ी देर तक पानी आता रहता था क्योंकि इन दोनों के नल बहुत नीचे और घर के बाहर लगे हुए थे | यूँ तो गांव में हैंडपंप भी लगे थे लेकिन सालों पहले उनमें सब में पानी सूख गया था |पिंकी कुछ गुनगुनाती अपने