Tasvir ka sach book and story is written by Saroj Verma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Tasvir ka sach is also popular in Horror Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
तस्वीर का सच - Novels
by Saroj Verma
in
Hindi Horror Stories
अच्छा तो बच्चों कैसा लगा घर? समीर ने सारांश और कृतज्ञता से पूछा।। घर तो बहुत ही अच्छा है पापा लेकिन आपको नहीं लगता कि शहर से थोड़ा दूर है,सारांश ने अपने पापा समीर से कहा।। हां दूर तो है लेकिन इतना बड़ा घर शहर के अंदर मिलना आसान नहीं था और ना शोर ना शराबा, एकदम शांत जगह है और फिर इतना बड़ा बगीचा भी तो है,बगीचे में झूला भी डला है और सामने इतना खूबसूरत तालाब है जिसमें बतखें तैर रही है अभी रह लो,तुम लोगों का मन ना लगे तो फिर से शहर वाले घर में वापस
अच्छा तो बच्चों कैसा लगा घर? समीर ने सारांश और कृतज्ञता से पूछा।। घर तो बहुत ही अच्छा है पापा लेकिन आपको नहीं लगता कि शहर से थोड़ा दूर है,सारांश ने अपने पापा समीर से कहा।। हां दूर तो ...Read Moreलेकिन इतना बड़ा घर शहर के अंदर मिलना आसान नहीं था और ना शोर ना शराबा, एकदम शांत जगह है और फिर इतना बड़ा बगीचा भी तो है,बगीचे में झूला भी डला है और सामने इतना खूबसूरत तालाब है जिसमें बतखें तैर रही है अभी रह लो,तुम लोगों का मन ना लगे तो फिर से शहर वाले घर में वापस
समृद्धि कार से उतरी और आकर बोली,देखो तो मैं क्या क्या लाई हूं!! लेकिन समीर का चेहरा देखकर उसका सारा उत्साह खत्म है गया।। उसने पूछा,क्या हुआ समीर ऐसा उतरा हुआ सा चेहरा क्यो है? तभी,सारांश बोल ...Read Moreमैं बताता हूं,पता है पापा को वहम हो गया था कि उनकी उंगली कट गई और फर्श पर खून बिखरा पड़ा है, मुझसे नैपकिन लाने को कहा और मैं ने देखा वहां कुछ भी नहीं था, उंगली पर पापा ने रूमाल लपेटा था, रूमाल हटाया तो कोई भी चाकू से कटे का निशान नहीं था।। समृद्धि में सुनकर हंस पड़ी बोली,
शाम को समीर ने टी वी फिक्स कर दिया, समृद्धि ने शाम को चाय और ब्रेड-पकौड़े बनाए और सबसे कहा कि बालकनी में चलो वहीं बैठकर चाय पियेंगे और पकौड़े खाएंगे।। सब बालकनी में ...Read Moreको डूबते सूरज का नज़ारा भी बहुत अच्छा लग रहा था,सब मिलकर बातें कर रहे थे और पकौड़ों का आनन्द ले रहे थे।। तभी अचानक एक मरा हुआ बड़ा सा चमगादड़ समृद्धि की गोद में जा गिरा, समृद्धि डर के मारे जोर से चीख पड़ी__ समीर कहा ने रिलैक्स समृद्धि..... रिलैक्स और समीर ने उस चमगादड़ को उठाया, वहीं दूर ले जाकर
उस बूढ़े को किचन में ना देखकर समीर के तो जैसे होश ही उड़ गए, उसने एक बार फिर सबसे पूछा कि सच में तुम लोगों ने किसी बूढ़े को नहीं देखा।। सबने कहा हां.... ...Read Moreदेखा.... लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है,जिसे मैंने देखा उसे कोई क्यो नही देख पाया, बहुत ही उलझन में था समीर यही सोचकर।। थोड़ी देर बाद शाम हुई हल्का हल्का अंधेरा सा था,समीर और समृद्धि बालकनी में चाय पीने बैठे और दोनों बच्चे तालाब किनारे खेल रहे थे,समीर बोला बहुत ही अच्छा लग रहा, मैं कैमरा लेकर आता हूं और समीर ने
समृद्धि ने कहा, अच्छा कृतु अब तुम अपने बेडरूम में जाओ.. यस मम्मा!!कृतज्ञता इतना कहकर , अपने कमरे में जाने लगी लेकिन वो बार बार किसी को देखकर मुस्कुरा रही थी और बार बार पीछे मुड़कर देख रही थी।। ...Read More समृद्धि ने देखा कि वहां तो कोई नहीं फिर कृतु किसे देखकर मुस्कुरा रही है,ये सब देखकर उसका दीमाग चकरा रहा था कि ये सब क्या हो रहा है।। वो कुछ समझ ही नहीं पा रही थीं और यही सोचते सोचते वो अपने बेडरूम में चली गई,एक बार को उसने सोचा कि समीर को सब बता दें लेकिन समीर