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बकरी और बच्चे - Novels
by Abhinav Bajpai
in
Hindi Children Stories
बकरी और बच्चे (भाग-०१)बच्चों की सूझबूझएक बकरी थी, उसके चार बच्चे थे। नाम थे - अल्लों, बल्लो, चेव और मेव। चारो बड़े ही नटखट और शैतान थे। बकरी रोज सवेरे बच्चो को घर में छोड़ कर बाहर चरने जाती और शाम को घर लौटती थी, जब वो बाहर जाती तो बच्चो को समझा के जाती कि - वे लोग दरवाजा बंद कर ले, और किसी अनजान के लिए दरवाजा ना खोलेें और जब बकरी खुद दरवाजा खुलवाने के लिए दरवाजा खटखटा कर एक गीत गाए तब ही दरवाजा खोलें क्योंकि बिना किसी को जाने और इस बात की पुष्टि हुए
बकरी और बच्चे (भाग-०१)बच्चों की सूझबूझएक बकरी थी, उसके चार बच्चे थे। नाम थे - अल्लों, बल्लो, चेव और मेव। चारो बड़े ही नटखट और शैतान थे। बकरी रोज सवेरे बच्चो को घर में छोड़ कर बाहर चरने जाती ...Read Moreशाम को घर लौटती थी, जब वो बाहर जाती तो बच्चो को समझा के जाती कि - वे लोग दरवाजा बंद कर ले, और किसी अनजान के लिए दरवाजा ना खोलेें और जब बकरी खुद दरवाजा खुलवाने के लिए दरवाजा खटखटा कर एक गीत गाए तब ही दरवाजा खोलें क्योंकि बिना किसी को जाने और इस बात की पुष्टि हुए
बकरी और बच्चे (भाग -०२) बकरी की सींग जब शेर दोबारा फिर मुंह की खा कर लौट जाता है और रात में बच्चों की मां बकरी आती है तो, सभी बच्चे उसे दिन में शेर के दोबारा आने की ...Read Moreदेते हैं और यह भी बताते हैं कि किस प्रकार मेव की चालाकी से वे सब बच जाते हैं बकरी यह सुनकर सभी बच्चों को शाबाशी देती है और आगे से उन्हें और अधिक सतर्क रहने के लिए कहती है, बकरी सभी बच्चों को सुला देती है, लेकिन उसे रात भर नींद नहीं आती और वह बच्चों की सुरक्षा के
बकरी और बच्चे (भाग -०३) मेव का चूना जब बकरी ने शेर का पेट अपने सींगो पर लगे तेज, नुकीले चाकू से चीर दिया, तो बहुत दिनों तक शेर के घाव भरे ही नहीं और घाव भर जाने ...Read Moreबाद वह बहुत कमजोर हो गया था, लेकिन जब शेर कई वर्षों के बाद ठीक हुआ तब भी वह बकरी के सींगो पर लगे चाकू को याद करके उसके घर की तरफ नहीं जाता था। वह जानता था कि अपने बच्चों की रक्षा करती मां से अधिक हिंसक और कोई नहीं हो सकता उस समय उसका मुकाबला कोई नहीं कर सकता