Arman dulhan k book and story is written by एमके कागदाना in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Arman dulhan k is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
अरमान दुल्हन के - Novels
by एमके कागदाना
in
Hindi Fiction Stories
अरमान दुल्हन के भाग -1नई नई दुल्हन ढे़रों अरमान लिए ससुराल में आई। सोच रही थी कि माता -पिता,भाई-बहनों को छोड़ कर जा रही हूं तो क्या वहां भी सास -ससुर मेरे माता-पिता के समान होंगे।बहन-भाईयों की जगह ननद,देवर, जेठ होंगे। अपनों को छोड़ने का गम जरूर था किंतु नये रिश्ते में बंधने की खुशी भी तो थी। मायके से विदा हो ससुराल के सपने बुनती रही रास्ते भर। आजतक देखा था नई दुल्हन के आगमन पर कैसा खुशी का माहौल होता है।सास उतारने आती है औरतें के झुरमुट के साथ और लोकगीतों की मिठास कितनी प्यारी लगती है ।आज वो
अरमान दुल्हन के भाग -1नई नई दुल्हन ढे़रों अरमान लिए ससुराल में आई। सोच रही थी कि माता -पिता,भाई-बहनों को छोड़ कर जा रही हूं तो क्या वहां भी सास -ससुर मेरे माता-पिता के समान होंगे।बहन-भाईयों की जगह ननद,देवर, ...Read Moreहोंगे। अपनों को छोड़ने का गम जरूर था किंतु नये रिश्ते में बंधने की खुशी भी तो थी। मायके से विदा हो ससुराल के सपने बुनती रही रास्ते भर। आजतक देखा था नई दुल्हन के आगमन पर कैसा खुशी का माहौल होता है।सास उतारने आती है औरतें के झुरमुट के साथ और लोकगीतों की मिठास कितनी प्यारी लगती है ।आज वो
अरमान दुल्हन के भाग -2हम सब बहन भाई भी नई नवेली भाभी को कितनी देर तक घेरकर बैठे उटपटांग सवाल किये जा रहे थे ।भाभी भी चार-पांच घंटे का सफर करके आई थीं और थकी हुई थी ...Read More भी हमारे साथ जबरन मुस्कुरा रही थीं।तभी मां ने आकर हम सबको कित्ती जोर से डांट दिया था। तभी किसी के पास बैठने आहट से वह वर्तमान में लौटी। सरजू पास आकर बैठ गए थे और धीरे से फुसफुसाते हुए पूछा- "तन्नै कुछ खाया पीया सै के न्हीं।"(तुमने कुछ खाया पीया है या नहीं) नई दुल्हन कुछ जवाब देती उससे पहले ही एक दनदनाती हुई
अरमान दुल्हन के भाग-3"ए छोरियो थम्मै इस बहू नै भूखी मारोगी के, टैम देख्या सै ग्यारा (ग्यारह)बज्जण नै होरे सैं।बेरा ना रोटी इसनै कोडबै (कब )की खा राख्खी सैं?जिम्माओ(खाना खिलाओ) इसनै।"बूआ नै भतीजियों को डांटते हुए कहा।"ए बूआ तैं ...Read Moreदे हाम्म के ठाली (फ्री) बैठी सां" एक सुंदर सी लड़की ने नाक सुकोड़ते हुए बोली और मुंह पिचकाकर बाहर चली गई।दुल्हन का किसी के साथ कोई परिचय नहीं हुआ था।सरजू के जरिए बूआ का पता चल चुका था कि ये इकलौती बूआ हैं और सब पर रौब भी जमा रही हैं।हां बाकी सबके वार्तालाप से पता चल रहा था
अरमान दुल्हन के भाग 4कविता बिस्तर से उठकर खड़ी हो जाती है। सरजू उसे बैठने के लिए कहता है। कविता फिर भी सकुचाई सी खड़ी रहती है मानो उसे कुछ सुनाई ही न दिया हो। सरजू हाथ पकड़ कर ...Read Moreलेता है और उसे अपने पास बैठा लेता है।कविता सरजू से थोड़ी दूर सरक कर असहज सी बैठ जाती है।थोड़ी देर कमरे में खामोशी छाई रहती है। घड़ी की टिक टिक रात की खामोशी को चीरकर दो बजने का इशारा दे रही है।सरजू भी बेहद थका हुआ है क्योंकि घर का इकलौता पुत्र होने नाते सारी जिम्मेदारी उसी पर तो
अरमान दुल्हन के भाग 5सरजू कविता से बहुत सारी बात कर लेना चाहता था मगर तभी भाभी चाय लेकर आ गयी। सब लोग चाय पीने लगे। कविता ने भाभी से जाने की इजाजत मांगी। सरजू का ...Read Moreकर रहा था कि कविता थोड़ी देर और बैठ जाये। तभी कविता की बूआ ने आकर कविता को पुकारा -"मीनू ..ए मीनू , कित्त मरग्गी ( कहाँ चली गयी) ए।""हां बूआ""बेटी मन्नै एक काम सै, जाके आऊं सूं मैं, अर घरां कोय कोनी तेरा जी (मन)ना लागैगा ऐकली का। तेरी भाभी धोरै ए बतळा (बातें करना) लिये।""ठीक सै बूआ""आपका नाम मीनू सै, या