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Bharosa by किशनलाल शर्मा | Read Hindi Best Novels and Download PDF

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भरोसा--अनोखी प्रेम कथा by किशनलाल शर्मा in Hindi
Novels

भरोसा--अनोखी प्रेम कथा - Novels

by किशनलाल शर्मा Matrubharti Verified in Hindi Love Stories

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  • 3.1k

  • 6.6k

  • 6

"वाह--ब्यूटीफुल-अतिसुन्दर-बेमिसाल",बाएं हाथ मे लगी मेहंदी को देखकर प्रफ्फुलित होते हुए दाया हाथ आगे करते हुए रीना बोली,"राजेश देखेगा तो खुश हो जाएगा।""राजेश कौन?""हसबेंड--मेेरा पति।"आज करवा चौथ थी।सुहागनों का त्यौहार।औरतो ने अपने सुुहग की सलामती के लिए करवा चौथ का ...Read Moreरखा था।सुबह से भूखी प्यासी थी।पानी भी नही पी रही थी।फिर भी उनमे ज़बरदस्त जोश,उमंग,उत्साह,उल्लास था।बाजारों में आज चारो तरफ औरते ही औरते नज़र आ रही थी।चूूूडी की दुकानें, ज्वेलरी ,गिफ्ट सेेेटर, कपडे की दुकान, ब्यूटी पार्लर सब जगह औरते ही औरते।रीना की पहली करवा चौथ थी।यू तो बाजारों मे जगह जगह लड़के लड़कियों सड़कों के किनारे बैठकर मेहंदी

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भरोसा--अनोखी प्रेम कथा - 1

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  • 1.8k

"वाह--ब्यूटीफुल-अतिसुन्दर-बेमिसाल",बाएं हाथ मे लगी मेहंदी को देखकर प्रफ्फुलित होते हुए दाया हाथ आगे करते हुए रीना बोली,"राजेश देखेगा तो खुश हो जाएगा।""राजेश कौन?""हसबेंड--मेेरा पति।"आज करवा चौथ थी।सुहागनों का त्यौहार।औरतो ने अपने सुुहग की सलामती के लिए करवा चौथ का ...Read Moreरखा था।सुबह से भूखी प्यासी थी।पानी भी नही पी रही थी।फिर भी उनमे ज़बरदस्त जोश,उमंग,उत्साह,उल्लास था।बाजारों में आज चारो तरफ औरते ही औरते नज़र आ रही थी।चूूूडी की दुकानें, ज्वेलरी ,गिफ्ट सेेेटर, कपडे की दुकान, ब्यूटी पार्लर सब जगह औरते ही औरते।रीना की पहली करवा चौथ थी।यू तो बाजारों मे जगह जगह लड़के लड़कियों सड़कों के किनारे बैठकर मेहंदी

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भरोसा-- अनोखी प्रेम कथा - (भाग 2)

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जैसा निकाह से पहले नाज़िया ने सुना था,निकाह के बाद ठीक वैसा ही शौहर को पाया था।आजकल के युवकों को शराब,सिगरेट, गुटके की लत लग जाती है।लेजिन वह इन सब बुराइयों से दूर था।वह बेहद शरीफ और सच्चा इंसान ...Read Moreनाज़िया जैसी सूंदर बीबी पाकर बेहद खुश था।वह उसे बहुत चाहता था।प्यार करता था और उसका ख्याल रखता था।उसकी हर ख्वाहिश को पूरी करने के लिए हमेशा तैयार रहता था।नाज़िया भी शरीफ, जहीन प्यार करने वाला शौहर पाकर बेहद खुश थी।उसके दिन हंसते खेलते गुज़र रहे थे।लेकिन न जाने किसकी नज़र लग गई।निकाह के साल भर बाद ही शौहर के

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भरोसा- -अनोखी प्रेम कथा (भाग 3)

  • 636

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वह जाती तो कहा जाती?वह अपने अब्बा के पास लौट आयी।तलाक की बात सुनकर रहीस बहुत दुखी हुआ।पर कर कुछ नही सकता था।उसके धर्म मे ऐसा करना जायज था।मर्द को अख्तियार था कि तीन बार तलाक़ बोलकर बीबी से ...Read Moreतोड़ सकता था।तलाक से नाज़िया का दिल टूट गया। वह उदास, गुमसुम रहने लगी।बेटी के दुख से रहीस भी दुखी था।लेकिन दुखी रहकर कुछ हासिल होने वाला नही था।नाज़िया अभी जवान थी।पूरी जिंदगी उसके सामने पड़ी थी।जिंदगी के लंबे सफर को तय करने के लििि मर्द औरत को हमसफर की ज़रूरत होती है। इसीलिए निकाह करते है। रहीस ने

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भरोसा- -अनोखी प्रेम कथा (भाग 4)

  • 516

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वह कुछ समझ पाती उससे पहले दोनो ने उन्हें पकड़ लिया।"कौन हो तुम?छोड़ो मुझे"।नाज़िया दोनो आदमियों की पकड़ से छूटने का प्रयास करने लगी।लेजिन उनकी पकड़ से छूटने में सफल नही हुई तब वह जोर से चीखी थी।रात के ...Read Moreको चीरती हुई उसकी चीख दूर तक चली गई थी।नाज़िया को बिल्कुल उम्मीद नही थी कि इतनी रात को उसे बचाने के लिए कोई आएगा।पर ऐसा नही हुआ।सड़क से गुजरते हुए विवेक ने उसकी चीख सुन ली।यू तो आजकल कोई फालतू में,बेमतलब किसी के पचड़े मे पड़ना नही चाहता।लोग सहायता की पुकार को अनसुनी कर देते है।मुसीबत में फसे की

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भरोसा -- अनोखी प्रेम कथा (भाग5 अंतिम)

(18)
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"तो फिर तुम लोगो ने कोर्ट मैरिज कर ली?"नाज़िया की बात सुनकर रीना बोली।"नही",मेहंदी लगाना भूलकर नाज़िया अपने अतीत मैं फिर खो गई,"अब्बा के मना करने पर मैं विवेक से कोर्ट मैरिज करने को तैयार हो गई थी।लेकिन विवेक ...Read Moreनही हुआ।वह मेरे अब्बा की मर्ज़ी के बिना शादी करने के लिए तैयार नही था।।""फिर तुम लोगो की शादी कैसे हुई?"रीना की उत्सुकता बढ़ती जा रही थी।"मेरे तलाक के बाद- -और नाज़िया के अतीत का एक और पन्ना चलचित्र की तरह उसकी आँखो के सामने साकार हो उठा। बेटी के तलाक से रहीस को गहरा सदमा लगा था।इस सदमे से

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किशनलाल शर्मा

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