Murti ka Rahasy book and story is written by रामगोपाल तिवारी (भावुक) in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Murti ka Rahasy is also popular in Children Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मूर्ति का रहस्य - Novels
by रामगोपाल तिवारी (भावुक)
in
Hindi Children Stories
पुराने किलांे और महलों के बारे में कई तरह की अफवाहें प्रचलित हैं, ऐसी ही एक इमारत का रोचक और रहस्यपूर्ण किस्सा आज हम आपको सुनाते हैं। ..तो हो जाइये तैयार किस्सा सुनने के लिये !
ग्वालियर जिले में हरसी से भितरवार जाने वाली सड़क पर ग्राम सालवई नाम की एक छोटी सी बस्ती है। बस्ती से एक किलोमीटर की दूरी पर ऊंची पहाड़ी के शिखर पर प्राचीन और जीर्णशीर्ण सा एक किला दिखता है। यही किला सालवई के प्रसिद्ध किले के रूप में विख्यात है।
मूर्ति का रहस्य 1 बाल उपन्यास ...Read More रामगोपाल भावुक सम्पर्क- कमलेश्वर कोलोनी (डबरा) भवभूतिनगर जि0 ग्वालियर ;म0 प्र0 475110 मो0 9425715707, 8770554097 एक पुराने किलांे और महलों के बारे में कई तरह की अफवाहें प्रचलित हैं, ऐसी ही एक इमारत का रोचक और रहस्यपूर्ण किस्सा आज हम आपको सुनाते हैं। ..तो हो जाइये तैयार किस्सा सुनने के लिये ! ग्वालियर जिले में हरसी से भितरवार जाने वाली सड़क पर ग्राम सालवई नाम की एक छोटी सी बस्ती है। बस्ती से एक किलोमीटर की दूरी पर ऊंची पहाड़ी
मूर्ति का रहस्य - दो गाँव में तीज-त्यौहार आते हैं तो लोग सारे डर और आतंक भूल कर उनमें रम जाते हैं। ऐसा ...Read Moreहुआ। दशहरे का पर्व बीता तो हर वर्ष की तरह गाँव की लड़कियाँ सुअटा का खेल खेलने लगी। सेठ बैजनाथ की पुत्री चन्द्रवती अपनी सहेलियों के साथ सुअटा सजाने लगी। उन सबने पहले गीली-मिट्टी सान कर दीवाल के सहारे एक पुतला बनाया। कोड़ियाँ लगा कर उसकी दोनों आँखें बना दी। उसके पैरों में महावर लगा दिया। सुअटा सजाने की जिम्मेदार कृष्णा ने उसके माथे पर रोरी का सुन्दर तिलक लगाया। उसको जनेऊ पहनाया। उसके माथे
मूर्ति का रहस्य तीन फरवरी का महीना था । बसन्त ऋतु थी एक दिन एक जीप सालवाई गाँव के हनुमान चौराहे पर आकर ...Read Moreजीप पर लिखा था-‘‘पुरातत्व सर्वेक्षण दल ग्वालियर’’ जीप देखकर लोग सिमट आये। पता चला-किले की खोज में पुरातत्व विभाग वाले अफसर आये हैं। लोगों ने पहचाना उनमें एक व्यक्ति तो वो था जो इस गाँव में पिछले एक वर्ष से चक्कर काट रहा है। यहाँ के लोग इन्हें त्यागी जी के नाम से जानते हैं। इनका पूरा नाम है विश्वनाथ त्यागी। वे इस वक्त खादी का पाजामा एवं कत्थई रंग का नेताओं जैसे
मूर्ति का रहस्य चार गाँव में नया सरकारी हाई स्कूल शुरू हुआ था जिसमें विज्ञान के नये शिक्षक अशोक शर्मा, एक दिन पहले ही ...Read Moreहुऐ थे। उस दिन वे विज्ञान के पीरियड में कक्षा में आये। शुरू में छात्रों से परिचय जानने के बाद, वे अपने विषय पर आते हुए बोले-‘‘विज्ञान का अध्ययन हमारे चित्त में जन्मे अन्धविश्वासों को निकाल देता है। विज्ञान के कारण हमारी जो प्रगति हुई है उससे आप सब परिचित ही हैं। चन्द्रावती ने अपनी सीट से खड़े होकर उत्सुकता प्रगट की-’’सर जी भूत-प्रेतों की बातें विज्ञान की दृष्टि में कितनी सार्थक है।’’
मूर्ति का रहस्य 5 रमजान किले के ऊपर सीधा दरगाह पर जा पहँुचा। उसने वहाँ अगरबत्ती लगाई ...Read Moreनमाज की मुद्रा में सलाम करने बैठ गया। उसी समय पीछे से आकर किसी ने उसे जकड लिया। वह जान रहा था यही होगा। कुछ ही क्षणों में उसने अपने आपको कैदखाने में पाया उसे स्वास लेने में कष्ट का अनुभव हो रहा था सीड़न की बदबू से उसका मस्तिष्क फटा जा रहा था। अंधेरे कमरे में कुछ भी नहीं सूझ रहा था। उसके हाथ पाँव बंधे थे, और वह हिल डुल भी नहीं पा रहा था सो