हमसफर - Novels
by Kishanlal Sharma
in
Hindi Moral Stories
"तुम्हारे पिता का नाम क्या है।खानदान?जाति?"नरेश को देखते ही देवेन ने कई प्रश्न दाग दिए थे।अप्रत्याशित प्रश्नों को सुनकर पहले तो वह घबराया लेकिन फिर घबराहट पर काबू पाते हुए बोला,"यह सब बातें मैं पहले ही आपको बता ...Read Moreहूँ।""मतलब तुम्हे अपने पिता,खानदान के बारे में कुछ पता नही है।""लेकिन अब आप ये सब कयो पूछ रहे है?""समाज मे रहने के लिए ये सब जरूरी है।जिसे अपने पिता और खानदान का पता न हो।ऐसे आदमी के हाथ में मैं अपनी बेटी का हाथ नही दे सकता।" पश्चिमी सभ्यता,सस्कृति के समर्थक और अपने को मॉडर्न कहलवाने मे गर्व अनुभव करने वाला
"तुम्हारे पिता का नाम क्या है।खानदान?जाति?"नरेश को देखते ही देवेन ने कई प्रश्न दाग दिए थे।अप्रत्याशित प्रश्नों को सुनकर पहले तो वह घबराया लेकिन फिर घबराहट पर काबू पाते हुए बोला,"यह सब बातें मैं पहले ही आपको बता ...Read Moreहूँ।""मतलब तुम्हे अपने पिता,खानदान के बारे में कुछ पता नही है।""लेकिन अब आप ये सब कयो पूछ रहे है?""समाज मे रहने के लिए ये सब जरूरी है।जिसे अपने पिता और खानदान का पता न हो।ऐसे आदमी के हाथ में मैं अपनी बेटी का हाथ नही दे सकता।" पश्चिमी सभ्यता,सस्कृति के समर्थक और अपने को मॉडर्न कहलवाने मे गर्व अनुभव करने वाला
उसका देखा सुनहरा सपना भी आज टूट गया था।काफी दिनों से सजोये सपने के टूटने से वह हताश था और हारे हुए जुआरी की तरह ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन लौट रहा था।उसे दिल्ली के लिए ट्रेन पकड़नी थी।अचानक ...Read Moreनज़र पड़ते ही वह ठिठक कर खड़ा रह गया।दूर खम्बे के सहारे कोई औरत खड़ी थी।इतनी रात गए सुनसान जगह में एक औरत को देखकर वह चोंका था।कौन है,वह?यहाँ क्यो खड़ी है?उस औरत को देखकर उसके मन मे अनेक प्रश्न उभरे थे।जिनका उत्तर वह औरत ही दे सकती थी।कुछ देर तक वह उस औरत के बारे में सोचता रहा।फिर कुछ
"हो सकता है तुम्हारी मौत से तुम्हारे जीवन का दर्द मिट जाता।लेकिन यह तो दर्द मिटाने का कोई तरीका नही हुआ।अगर दर्द मिटाने का यही सही तरीका है,तो फिर हर इंसान को आत्महत्या कर लेनी चाहिए,"उसकी आवाज में जोश ...Read Moreसुख दुख का मेल है।सुख दुख तो आते रहते है।वह इंसान ही क्या जो जरा से दुखो से घबराकर मौत का आलिंगन करने के लिए तैयार हो जाये।"युवती ने उसे पैनी नज़रो से देखा।उसकी बात सुनकर जैसे मानो उसे होश आया गया हो।तभी उसका सोया हुआ दर्द फिर से जाग उठाऔर वह कराह उठी।उसने अपने चेहरे को दोनो हाथो से