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अर्थ पथ - Novels
by Rajesh Maheshwari
in
Hindi Motivational Stories
अर्थ पथ प्रस्तावना हमें परमात्मा ने एक निश्चित समय सीमा प्रदान कर अनंत शुभ कर्मो को करने के लिए धरती पर भेजा है। यह हम पर निर्भर करता है कि सीमित समय में अपनी बुद्धि, धैर्य, विवेक आदि का समुचित प्रयोग कर कैसे हम सफलता की ओर अग्रसर हो सकते है। मानव समाज में धन का महत्वपूर्ण स्थान है। समाज को समृद्धशाली एवं मजबूत बनाने के लिए वाणिज्य का महत्वपूर्ण योगदान है, ’वाणिज्य वस्ते लक्ष्मी।’ एक कुशल कुम्हार जिस तरह मिट्टी से सुंदर बर्तन या मूर्तियाँ बनाता है, उसी तरह एक कुशल व्यापारी या उद्योगपति, उद्योग के माध्यम से
अर्थ पथ प्रस्तावना हमें परमात्मा ...Read Moreएक निश्चित समय सीमा प्रदान कर अनंत शुभ कर्मो को करने के लिए धरती पर भेजा है। यह हम पर निर्भर करता है कि सीमित समय में अपनी बुद्धि, धैर्य, विवेक आदि का समुचित प्रयोग कर कैसे हम सफलता की ओर अग्रसर हो सकते है। मानव समाज में धन का महत्वपूर्ण स्थान है। समाज को समृद्धशाली एवं मजबूत बनाने के लिए वाणिज्य का महत्वपूर्ण योगदान है, ’वाणिज्य वस्ते लक्ष्मी।’ एक कुशल कुम्हार जिस तरह मिट्टी से सुंदर बर्तन या मूर्तियाँ बनाता है, उसी तरह एक कुशल व्यापारी या उद्योगपति, उद्योग के माध्यम से
आशाओं से आच्छादित मानव जीवन ईश्वर की महिमा अपरम्पार हैं। उनकी कृपा से ही जीवन में सफलता एवं लक्ष्य की प्राप्ति होती है। यह संसार गति, चिन्तन एवं चेतना पर निर्भर है। जब तक गति और चेतना ...Read Moreतब तक जीवन है। गति में विराम ही मृत्यु है। सभ्यता, संस्कृति, संस्कार ही हमारे जीवन का आधार होते हैं और हमारे जीवन को सार्थकता प्रदान करते हैं। जीवन में शिक्षा से ज्ञान प्राप्त होता है परंतु सभ्यता और संस्कृति से संस्कार आते है। हमारा वास्तविकता से सामना होने पर क्षण भर में हमारी मनोदशा बदल जाती है। उसमें आकाश पाताल
ज्योतिष, कुंडली, ग्रहों और कर्मों का प्रभाव हमारा जीवन हमारे कर्म के साथ ही हमारी कुण्डली, भाग्य की रेखाओं, नक्षत्रों और गृह-दशाओं पर भी निर्भर करता है, कि हम जीवन में कितनी उन्नति कर पाते हैं। ये ...Read Moreप्रकृति और हमारी प्रवृत्तियों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका रखते हैं। इस संबंध में प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य, भुवन विजय पंचांग के संपादक इंजीनियरिंग स्नातक पंडित रोहित दुबे के अनुसार- ‘ग्रहाधीनं जगत्सर्वं ग्रहाधीना नरावरा, कालज्ञानं ग्रहाधीनं ग्रहा कार्य फल प्रदाः।’’ अर्थात यह समस्त संसार ग्रहों के आधीन है और मानव भी ग्रहों के आधीन है। कर्म का फल, पुरूषार्थ का फल, व्यापार
वाणी की मधुरता हमें हमारा चिन्तन, मनन और उन पर मन्थन सही मार्गदर्शन दे तभी हमें सफलता प्राप्त होती है। हम दिशा से भटकते हैं इस कारण असफल होते हैं। ऐसी स्थिति में हम भाग्य और समय ...Read Moreदोष देने लगते हैं। हमें सफलता के लिये धैर्य रखते हुए समय पर विश्वास रखना चाहिए। यह हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि नैतिकता, आस्था और विश्वास जीवन के आधार स्तम्भ हैं। इनके अभाव में जीवन उस वृक्ष के समान होता है जिसके पत्ते झड चुके होते हैं और अब उसमें न तो शीतलता देने वाली छाया होती है और न ही
व्यवसाय और हमारी भावनायें हम जब उद्योग, ...Read Moreया नौकरी में किसी एक का चयन करते है तो हमें बहुत सावधानीपूर्वक निर्णय लेना चाहिए क्योंकि हम अपने भविष्य का निर्धारण कर रहे होते है। आज इन तीनो क्षेत्रों में अनेक अवसर उपलब्ध है। हमें इनमें से चयन करना होगा कि हम किस उद्योग, कैसे व्यापार और किस प्रकार की नौकरी में जाना चाहते है। जीवन में सफलता के लिए कोई आवश्यक नही है कि आपके पास पूंजी का बहुत बडा भंडार हो। ऐसे अनेक उदाहरण है जिनमें थोडे से संसाधन जुटा कर ही कडी मेहनत और परिश्रम के बल