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A tour in forest . by Apoorva Singh | Read Hindi Best Novels and Download PDF

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राजपुरा के जंगल ...रहस्य या कोई साजिश? by Apoorva Singh in Hindi
Novels

राजपुरा के जंगल ...रहस्य या कोई साजिश? - Novels

by Apoorva Singh Matrubharti Verified in Hindi Adventure Stories

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कहते है जहां शैतान होता है वहां भगवान भी होता है।अगर भगवान का अस्तित्व है तो शैतान का भी है।जीवन के इस सफ़र में कभी कुछ ऐसा हमारे सामने आकर घटित हो जाता है कि हमारे पास सहर्ष विश्वास ...Read Moreके अलावा और कोई ओर विकल्प शेष ही नहीं बचता।ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है।।हमारी इस कहानी के किरदार भी इन नकारात्मक शक्तियां, या कह लीजिए भूत प्रेत या फिर कोई हवा व्यार इन सब पर विश्वास नहीं करते थे।लेकिन फिर जीवन ने ऐसा मोड़ लिया जिसने इन सब की जिंदगी बदल दी।

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राजपुरा के जंगल ...रहस्य या कोई साजिश? - (भाग 1)

  • 627

  • 1.4k

कहते है जहां शैतान होता है वहां भगवान भी होता है।अगर भगवान का अस्तित्व है तो शैतान का भी है।जीवन के इस सफ़र में कभी कुछ ऐसा हमारे सामने आकर घटित हो जाता है कि हमारे पास सहर्ष विश्वास ...Read Moreके अलावा और कोई ओर विकल्प शेष ही नहीं बचता।ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है।।हमारी इस कहानी के किरदार भी इन नकारात्मक शक्तियां, या कह लीजिए भूत प्रेत या फिर कोई हवा व्यार इन सब पर विश्वास नहीं करते थे।लेकिन फिर जीवन ने ऐसा मोड़ लिया जिसने इन सब की जिंदगी बदल दी। सीन - 1 राजपुरा एक ऐसा

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राजपुरा के जंगल ...रहस्य या कोई साजिश? - (भाग 2)

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अकीरा की बात सुन कर मान के चेहरे पर परेशानी के भाव आ जाते हैं लेकिन वो उन्हे छिपा लेता है और कहता है "क्या तुम पागल हो गयी हो? भला डेट पर कोई ऐसी जगह भी जाता है।अरे ...Read Moreतो किसी अच्छी और सुरक्षित जगह जाते है आउटिंग के लिये और तुम दोनो अपनी सनक में राजपुरा के जंगलो में जा रहे हो जहाँ जंगली जानवर तो है ही साथ ही साथ न जाने कितनी बुरी आत्माओ का साया है।बताया तो था कल कि उस जंगल में जो भी जाता है और अगर वो भटक जाये तो फिर वापस

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राजपुरा के जंगल ...रहस्य या कोई साजिश? - (भाग -3)

  • 360

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लाइब्रेरी में ‌- किताबो की दुनिया में मान एक खोजी राहगीर की तरह भटक रहा है।जैसे एक खोजी राहगीर तब तक चलता जाता है जब तक कि उसकी इच्छा के अनुसार मंजिल नही मिल जाती है। उसी तरह ...Read Moreभी राजपुरा के उस भयावह जंगल के बारे में जानकारी जुटाने के लिये भट्क ही तो रहा है।कभी इस रो की किताबों का नाम पढता है तो कभी किसी दूसरे रो की ओर बढ जाता है इस उम्मीद से कि शायद उसे वहाँ कुछ जानकारी मिल जाये।लेकिन उसे कुछ नसीब नही होता थक हार कर वो वही पड़ी एक बेंच

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राजपुरा के जंगल ...रहस्य या कोई साजिश? - (भाग 4)

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राजपुरा के जंगल में सभी एक साथ कदम रखते हैं।दिन के उजाले में सड़क के किनारे से कुछ दूर होने भी मान को वहां एक अजब सी खामोशी का एहसास होता है।वहीं विवान की नजर जंगल की खूबसूरती पर ...Read Moreहै।जहां चारो ओर बस हरियाली ओढ़े पेड़ पौधे ही खड़े हैं।ये दृश्य देख विवान अकीरा का हाथ पकड़ लेता है और कहता है बेबी देखो न कितनी खूबसूरत जगह है ये पता नहीं लोग क्यूं इसके बारे में मनहूस बाते कहते है। शायद उनकी आंखे ही खराब होगी अकीरा ने हंसते हुए पलट कर कहा। हा हा हा हा बिल्कुल

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राजपुरा के जंगल ...रहस्य या कोई साजिश? - (भाग 5)

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मान,टीना,और विशाल तीनो अलग अलग जगह जाकर गिरते हैं।वो जगह देखने मे तो बिल्कुल साधारण लग रही हैं,लेकिन असलियत में अनगिनत माया से रची हुई हैं। इस घटना को घटित हुए कुछ पल बीत जाते हैं। मान मूर्छित अवस्था ...Read Moreबाहर आता है।और आंखे खोल अपने चारों ओर देखता है।आसपास का दृश्य देख वो अपनी आंखे मींचता है और फिर खोलता है।ये क्या माजरा है।कहीं ये स्वप्न तो नही है दिवास्वप्न।मैं जल के मध्य इतनी आसानी से श्वांस कैसे ले पा रहा हूँ..!और ये क्या मेरे वस्त्र मुझे इतने हल्के प्रतीत हो रहे है और मेरी पॉकेट में ये काले

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राजपुरा के जंगल ...रहस्य या कोई साजिश? - (भाग 6)

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ये क्या माजरा है यहां दिख तो कुछ नही रहा फिर भी न जाने किस अदृश्य शक्ति से टकरा जाती हूँ।कहते हुए अकीरा अपने हाथ को आगे करते हुए बढ़ती है।जहां वो उसे किसी वस्तु के सामने होने का ...Read Moreमहसूस होता है।वो आगे बढ़ती है और टटोलते हुए एक तरफ हटती चली जाती है।थोड़ा सा एक तरफ हो उसे स्पर्श महसूस होना बंद हो जाता है तो वो उस तरफ से आगे बढ़ जाती है। जलीय संसार में --- मान अपने माथे पर हाथ रख बैठा है।वहां घटित होने वाली घटनाएं उसे उसकी समझ से परे होती हुई महसूस

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