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राजपुरा के जंगल ...रहस्य या कोई साजिश? - (भाग 2)

अकीरा की बात सुन कर मान के चेहरे पर परेशानी के भाव आ जाते हैं लेकिन वो उन्हे छिपा लेता है और कहता है "क्या तुम पागल हो गयी हो? भला डेट पर कोई ऐसी जगह भी जाता है।अरे लोग तो किसी अच्छी और सुरक्षित जगह जाते है आउटिंग के लिये और तुम दोनो अपनी सनक में राजपुरा के जंगलो में जा रहे हो जहाँ जंगली जानवर तो है ही साथ ही साथ न जाने कितनी बुरी आत्माओ का साया है।बताया तो था कल कि उस जंगल में जो भी जाता है और अगर वो भटक जाये तो फिर वापस लौट कर नही आ पाता है।यहाँ तक कि दिन मे उस जंगल में सूरज की रोशनी भी मुकम्मल तरीके से नही पहुंचती है।और तुम वहाँ खुद जाने की बात कर रही हो।



मान अकिरा को समझाते हुए कहता है जिसे सुन अकीरा बोली "सही कहा था विवान ने कि अगर तुझसे इस बारे में बात की न तो तू अपनी वही घिसी पिटी फिलोसॉफी झाड़ने लगेगा कि वहाँ खतरा है वो जगह सेफ नही है वहाँ से कोइ लौट कर नही आया है वगैरह वगैरह...। बी प्रैक्टिकल मैंन्॥ वहाँ से जो लौट कर नही आये न वो रात के सन्नाटे में गये हुये थे हम लोग तो दिन के उजाले में जायेंगे। फिर कौन सा खतरा है वैसे भी तुझे तो पता है कि मुझे तो कुछ नया ट्राय करने में कितना मजा आता है।और फिर भूत वूत जैसा कुछ नही होता ये सिर्फ हमारे मन का डर,या वहम होता है"।


ठीक है फिर अब मैं क्या बोलूं तुम्हारा जो मन हो वो करो। हम सबको बताया ही क्यूं तुमने जब डिसाइड कर लिया था तो।और वैसे भी भूत हो या न हो उए अलग बात है लेकिन जान बुझ कर रिस्क क्यों लेना।कहते हुए मान गुस्से में उठ खड़ा होता है और वहाँ से जाने लगता है।


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क्यूं मान जब तुम्हारी बहन वहाँ जा कर जिंदा आ सकती है तो भला हम लोग क्यूं नही आ सकते"। विवान ने तंज कसते हुए मान से कहा। "क्या मतलब है तेरा विवान"? मान ने रुक कर मुड़ते हुए विवान से सीधा सवाल किया।विवाह बोला "ऐ ले अनजान तो एसे बन रहा है जैसे तुझे कुछ पता ही नही है कल दिन में ही तो मैंने तेरी बहन रीना को उस जंगल वाले हाइवे की ओर जाते हुए देखा था। और हाँ वो अकेली भी नही थी उसके साथ एक लड़का और एक लड़की भी थे।लड़की को तो मै पहचानता हूँ अपने ही कॉलेज की है वो सेकंड ईयर वाली क्या नाम है उसका मंदिरा वही थी"। विवान की बात सुन कर मान को गहरा धक्का लगता है।लेकिन वो बिना किसी को जताये वहाँ से चला जाता है।


मान रुको मै भी आ रही हूँ।मान. अरे रुको बाबा..।कह टीना भी उसके पीछे उठ कर चली जाती है।उन दोनो के जाते ही अकीरा और विवान हंसते हुए एक दूसरे को हाइ फाइव करते है।विशाल उन दोनो को देखता है तो झुंझालाता हुआ वहाँ से चला जाता है।



ये लड़की कभी किसी की सुनती क्यू नही है।बस विवान ने जो कहा उसे झट से मान लेती है मै क्या इसका कोई दुश्मन हूँ जो इसे वहाँ जाने से यून्ही रोकूंगा। अरे मेरी बहन वहाँ गयी है तभी तो लौट कर नही आयी है अब तक।इन सब में एक काम तो अच्छा हुआ कम से कम मुझे मेरी बहन के बारे में पता तो चला कि वो कहाँ गायब हो गयी है ।अब इनके साथ मै भी जाऊंगा तभी तो मुझे अपनी बहन के बारे में कुछ सुराग मिलेगा और मैं मोहल्ले वालो का मुंह बंद कर पाउंगा। सभी मेरी बहन के बारे में कितना कुछ भला बुरा कह रहे है।हाँ तभी मै अपने करीबी दोनो की खबर रख पाउंगा। हाँ ये सही रहेगा मान खुद से बड़बड़ाते हुए कहता है और अकीरा से बात करने के लिये पीछे पलटता है जहाँ उसके सामने टीना खड़ी होती है।


तो इसका मतलब तुमने सबसे झूठ बोला मान? टीना ने हैरान होकर मान से पूछा?

मान मन ही मन सोचता है अब मै इससे क्या कहूं कैसे इसे समझाऊं, कि मेरी बहन किसी के साथ भागी नही है बल्कि वो लापता हो गयी है इन्ही राजपुरा के जंगलो में,जो खुद में एक भूलभूलैया है। मान को खामोश देख वो फिर से कहती है, “ मान तुमने सबसे झूठ क्यूं कहा कि तुम्हारी बहन नानाजी के यहाँ गयी है” ।जबकि अभी अभी तुमने कहा कि वो लापता है टीना ने धीमी आवाज लेकिन थोड़े सख्त लहजे में मान से पूछा।


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टीना ये बात तो तुम समझ सकती हो कि मेरे झूठ बोलने के पीछे क्या कारण हो सकता है।तुम भी एक लड़की हो"मान ने सपाट लहजे में टीना से कहा तो टीना भी कुछ पल के लिये खमोश हो जाती है।


“ तो मान अब आगे क्या” टीना ने कहा।

मां :- आगे तो अब मै अपनी बहन की तलाश और अकीरा की सुरक्षा के लिये उन जंगलो मे उनके साथ जाउंगा क्यूंकि मुझे उस विवान पर रत्ती भर भी भरोसा नही है।कह कर मान चुप हो जाता है और वहाँ से जाने लगता है।




मान रुको। टीना ने पीछे से आवाज दी। जिसे सुनकर मान रूक जाता है और पलट कर देखता है

मान तुम्हे अकीरा के साथ जाना है न उस जंगल में” टीना ने मान के पास आकर पूछा।


ये प्रश्न पूछने के लिये तुमने मुझे रोका।मान ने टीना से सवाल किया।

अरे नही मै कह रही थी कि अगर तुम्हे उनके साथ जाना है तो तुम नही मै जाउंगी उनसे बात करने।क्यूंकि अगर तुमने उनसे साथ चलने के लिए कहा तो ये बात तय है वो तुम्हारी इस फिक्र का भी मजाक बनाने से नही चूंकेंगे और उन्हे लगेगा कि तुम अब भी अकीरा के पीछे पड़े हो। टीना ने कुछ सोचते हुए मान से कहा।



शायद तुम ठीक कह रही हो टीना। ऐसा हुआ तो हमारी सारी मेहनत बर्बाद हो जायेगी।मान ने जल्द्बाजी में कहा।


“थैंक गॉड समझ गये तुम” तो अब तुम एक काम करो यहाँ से लाइब्रेरी में जाओ मै जाकर अकीरा और विवान से मिलती हूँ और उन्हे बातों में उलझा कर साथ चलने के लिये राजी करने की कोशिश करती हूँ। और हाँ परेशान नही होना सब ठीक ही होगा हम रीना के बारे में अवश्य पता लगा लेंगे।वो हमें मिल जायेगी।तीन ने मान से कहा।

हालांकि टीना ये बात अच्छी तरह से समझ रही है कि कुछ ही सूरतो में रीना का मिलना सम्भव है। क्यूंकि ऐसा सुना है कि वो जंगल एक भूल भुलैया है जो उसी बीच में घुमाती रहती है और वहाँ आये हुए किसी भी इंसान को निकलने नही देती है।लेकिन इस समय मान को आश्वस्त करना भी तो आवश्यक है और फिर रीना के साथ क्या हुआ ये भी वहाँ जंगल में ही जाकर पता चलेगा।टीना इन्ही ख्यालो को मन ही मन सोचती है।


टीना वहाँ से विवान के पास जाने के लिये निकल जाती है। और मान सीधे जाकर वहाँ से लाइब्रेरी के लिये निकल जाता है।


क्र्मश.....