OR

The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.

Matrubharti Loading...

Your daily story limit is finished please upgrade your plan
Yes
Matrubharti
  • English
    • English
    • हिंदी
    • ગુજરાતી
    • मराठी
    • தமிழ்
    • తెలుగు
    • বাংলা
    • മലയാളം
    • ಕನ್ನಡ
    • اُردُو
  • About Us
  • Books
      • Best Novels
      • New Released
      • Top Author
  • Videos
      • Motivational
      • Natak
      • Sangeet
      • Mushayra
      • Web Series
      • Short Film
  • Contest
  • Advertise
  • Subscription
  • Contact Us
Publish Free
  • Log In
Artboard

To read all the chapters,
Please Sign In

Dani ki kahaani by Pranava Bharti | Read Hindi Best Novels and Download PDF

  1. Home
  2. Novels
  3. Hindi Novels
  4. दानी की कहानी - Novels
दानी की कहानी by Pranava Bharti in Hindi
Novels

दानी की कहानी - Novels

by Pranava Bharti Matrubharti Verified in Hindi Children Stories

(114)
  • 44.8k

  • 174.1k

  • 8

दानी अक्सर अपनी तीसरी पीढ़ी के बच्चों को अपने ज़माने की कहानियाँ सुनाती हैं | बच्चों को भी बड़ा मज़ा आता है क्योंकि उनके लिए आज का माहौल ही सब कुछ है | वो कहाँ जानते हैं दानी के ...Read Moreमें क्या होता रहा है ? नहीं जी ,ये दानी नाम नहीं है ,यह तो जबसे वे दादी-नानी बनी हैं बच्चों ने उनका नाम दानी रख लिया है --यानि दादी और नानी ,दोनों को यदि शॉर्ट में कहें तो दानी ! यह बड़ी मज़ेदार बात है ,जब गर्मी की छुट्टियों

Read Full Story
Download on Mobile

दानी की कहानी - Novels

मीठी सुपारी (दानी की कहानी )
मीठी सुपारी --------- दानी अक्सर अपनी तीसरी पीढ़ी के बच्चों को अपने ज़माने की कहानियाँ सुनाती हैं | बच्चों को भी बड़ा मज़ा आता है क्योंकि उनके लिए आज का ...Read Moreही सब कुछ है | वो कहाँ जानते हैं दानी के ज़माने में क्या होता रहा है ? नहीं जी ,ये दानी नाम नहीं है ,यह तो जबसे वे दादी-नानी बनी हैं बच्चों ने उनका नाम दानी रख लिया है --यानि दादी और नानी ,दोनों को यदि शॉर्ट में कहें तो दानी ! यह बड़ी मज़ेदार बात है ,जब गर्मी की छुट्टियों
  • Read Free
पापा वो रहे (दानी की कहानी )
पापा वो रहे (दानी की कहानी ) --------------------------- दानी जब कहानी सुनाने बैठतीं तब या तो अपने ज़माने की या फिर कोई पौराणिक कथा सुनाने लगतीं ,जिससे बच्चे अब तक बोर हो चुके ...Read More| इसलिए जब चॉयस की बात आती तो सबकी एक ही राय होती कि दानी अपनी ही कहानी सुनाएँ| दानी भी खूब मज़े लेकर अपने बीते दिनों में पहुँच जातीं | यह तबकी बात है जब दानी लगभग पाँच वर्ष की रही होंगी | उन दिनों उनके पिता दिल्ली में सरकारी नौकरी करते थे ,दानी उनके पास रहतीं व वहीं एक मॉन्टेसरी
  • Read Free
आप झूठ क्यों बोले ?(दानी की कहानी )
आप झूठ क्यों बोले ?(दानी की कहानी ) ------------------------------------ दानी की एक चचेरी बहन थीं शीलो जीजी (दीदी )जिनकी उम्र दानी की मम्मी के बराबर थी और बच्चे दानी से कोई छोटा ,कोई बड़ा | जिनके बच्चों की ...Read Moreसे प्रगाढ़ मित्रता थी यानि शैतानी वाली दोस्ती ! उनके घर भी आसपास थे अत: दानी उन बच्चों की मौसी होते हुए भी दोस्त अधिक थीं | दानी अपनी बहन के बच्चों के साथ खूब उधम मचाती थीं | जीजी के पति यानि दानी के जीजा जी कस्टम में कमिश्नर थे | भारी रौब-दाब ! हाँ ,उन दिनों ऐसे पदों पर
  • Read Free
प्रार्थना (दानी की कहानी )
प्रार्थना (दानी की कहानी ) ----------------------- दानी की एक पक्की दोस्त हुआ करती थी चुन्नी ,जो आज भी अमेरिका के ओहायो से उनसे अक्सर बात करती रहती हैं | उस दिन ...Read Moreपर दोनों ठहाके लगाकर हँस रही थीं | अब बच्चों से कुछ छिप जाए ,ये संभव है क्या ? "ज़रूर दानी की उन्हीं बचपन की दोस्त का फ़ोन है ---" "हमें भी बताइये न दानी ,क्यों हँस रही थीं?" दानी ने जो कहानी सुनाई वो यह थी | उन दिनों हम दोनों सहेलियाँ शायद पाँच/छह साल की रही होंगी | एक दिन शाम को
  • Read Free
चंपक की माँ (दानी की कहानी )
चंपक की माँ (दानी की कहानी ) ---------------------------- नन्ही कुनमुन खाने की बड़ी चोर थी | उसकी मम्मी उसका खाना दानी के पास रख जातीं | दानी उसे छोटी-छोटी कहानियाँ ...Read Moreखाना खिलातीं | एक दिन कुनमुन को खाना खिलाते समय बड़ी प्यारी सी कहानी सुनाई दानी ने और कुनमुन रानी ने गपगप करके सारा खाना ख़त्म कर लिया | वह कहानी कुछ ऎसी थी --- चंपक चूहा खाना खाने में अपनी मम्मी को बड़ा परेशान करता| और तो और उसे तो स्कूल में भी टिफ़िन ले जाना पसंद नहीं था | स्कूल जाते समय हमेशा माँ
  • Read Free
पहलवान दी हट्टी (दानी की कहानी )
पहलवान दी हट्टी (दानी की कहानी ) ------------------------------------- काफ़ी छोटी थीं दानी तब जब 'दिल्ली पब्लिक स्कूल' में अपने पिता के पास दिल्ली में पढ़तीं थीं | तबकी एक मज़ेदार घटना बच्चों को सुनाईं उन्होंने | ...Read Moreछुटियों में कभी-कभी उनके चाचा के बच्चे भी दिल्ली घूमने आ जाते | उन दिनों उनकी एक चचेरी बहिन व एक भाई गाँव से आए हुए थे | दानी के पिता ने पीछे की जाफ़री जो उन दिनों लोधी कॉलोनी के सभी क्वार्टर्स में पीछे की ओर बनी रहती थी ,उस पर ख़सख़स के पर्दे लगवा दिए थे | जिससे बच्चे भयंकर धूप और लू
  • Read Free
वो ही है (दानी की कहानी )
वो ही है (दानी की कहानी ) ------------------------ दानी की झोली में दिल्ली की बहुत सी कहानियाँ जैसे उनकी साड़ी के पल्ले में बँधी रहती थीं | वो एक-एक करके उनको निकालतीं लेकिन ...Read Moreपल्लू की कहानियाँ खत्म ही नहीं होती थीं | जब दानी दिल्ली में पढ़ रही थीं तब बेहद शरारती थीं ,जी हाँ --यह सब वो अपने आप बताती थीं | वहाँ सब ब्लॉक्स में अर्धगोलाकार में दोमंजिले सरकारी फ्लैट्स टाइप के क्वार्टर्स बने होते थे | ऊपर -नीचे अलग-अलग परिवार रहते थे | उन दिनों दानी के पिता 'मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉमर्स' में 'सेक्शन ऑफ़िसर' थे |
  • Read Free
बंदर पढ़ लेंगे (दानी की कहानी )
बंदर पढ़ लेंगे (दानी की कहानी ) -------------------------- दानी के दो बच्चे हैं ,दानी अपने बच्चों के बालपन की कहानी भी अपनी तीसरी पीढ़ी से साँझा करती रहती हैं | ...Read Moreबच्चों को बड़ा मज़ा आता ,सोचते ---जब हमारे मम्मी-पापा इतने शैतान थे तो अगर हम शैतानी करें तो क्या बात है | दानी बच्चों को समझातीं--"बच्चों को शैतान होना चाहिए ,बल्कि हम बड़े भी बच्चों के साथ बच्चे बन जाते हैं ,यह कितनी अच्छी बात है |" "तो फिर आप हमारी शैतानी पर हमें क्यों डाँटतीहैं ?" "डाँटती नहीं बच्चों ,मैं तुम्हें समझाना चाहती हूँ कि हमें
  • Read Free
मर्द की ज़ुबान (दानी की कहानी )
मर्द की ज़ुबान (दानी की कहानी ) ------------------------------ दानी बहुत बातूनी ! दादी,नानी बन गईं थीं लेकिन उनका बच्चा उनके भीतर कभी भी कुनमुनाने लगता | सभी बच्चों ...Read Moreबुलातीं ,बच्चे समझ जाते दानी की अपने बचपन की कहानी शुरू होने वाली है | इस बार की कहानी तो और भी मज़ेदार थी ,साथ ही एक प्रश्न भी खड़ा कर रही थी और साथ ही संदेश भी दे रही थी | वह कुछ यूँ थी | एक बार दानी के मम्मी-पापा कुछ बात कर रहे थे | दानी की मम्मी दानी के पापा
  • Read Free
व्हाट इज़ दिस ? !(दानी की कहानी )
व्हाट इज़ दिस ? !(दानी की कहानी ) ------------------------------ बात बड़ी बहुत पुरानी है | जब दानी की शादी हुई थी तब दानी बीस वर्ष की थीं | उन दिनों हर घर ...Read Moreफ्रिज और टेलीफ़ोन नहीं होते थे | खाना भी पहले स्टोव पर बनता जिसे प्राइमस कहा जाता था | मज़े की बात की दानी को प्राइमस जलाना भी नहीं आता था| दानी के घर पर तो कच्चे-पक्के कोयलों की अँगीठी पर खाना बनता था |उनके यहाँ एक सेविका थी विमला ,वो घर का सारा काम करती सो उन्हें अँगीठी जलानी भी नहीं आती थी | "वैसे ,आप
  • Read Free
धरती तो हरी हुई (दानी की कहानी )
धरती तो हरी हुई (दानी की कहानी ) ------------------------------- दानी की एक बहुत क़रीबी दोस्त हैं | उनकी दोनों बेटियाँ विदेश में रहती हैं | जब भी उनके बच्चे भारत आते ,यहाँ का पर्यावरण ...Read Moreबहुत दुखी हो जाते | दानी की मित्र की बड़ी बेटी सिंगापूर में तो छोटी बेटी जेनेवा में रहती हैं | बड़ी वाली के एक बेटा ,एक बेटी हैं तो छोटी के दो बेटियाँ हैं | लगभग हर वर्ष भारत आने से वो दानी के बच्चों की दोस्त भी बन गईं हैं | इसलिए जब भी दानी अपनी दोस्त से बात करती हैं वे अपनी बेटी के
  • Read Free
थोड़ा गरम कर दो न !(दानी की कहानी)
थोड़ा गरम कर दो न !(दानी की कहानी) ------------------------------------ अब तो दानी की शादी को पचास साल से ऊपर हो चुके हैं लेकिन यह बात तबकी है जब दानी की शादी ...Read Moreथी , उनकी उम्र शादी बीस वर्ष थी | दानी के पति यानि बच्चों के दानू एक बड़ी कंपनी में इंजीनियर थे| तीन वर्षों में दानी के बेटे और बेटी का जन्म हो गया और जैसा दानी अपनी तीसरी पीढ़ी को बताती हैं ,उनकी नाक में दम हो गया क्योंकि दानी एक बच्चे को सुलाती थीं तो दूसरा उठ जाता था | जब वे थोड़े
  • Read Free
दानी की कहानी
दानी की कहानी -------------------- दानी की नानी बड़ी बोल्ड थीं लोग कहते हैं कि दानी अपनी नानी पर गईं हैं अँग्रेज़ों का ज़माना था तब और दानी ...Read Moreनानी अपने एक ड्राइवर के साथ दिल्ली से बंबई गईं थीं बीच में वे अहमदाबाद भी रुकीं ,जहाँ उनकी दोस्त रहती थीं दानी बताती हैं कि उनकी नानी बिलकुल कस्तूरबा बाई जैसी लगती थीं हम बच्चों ने तो उनके मुँह से बात सुनी है वरना बच्चों को कैसे पता चलता कि दानी की नानी ऎसी थीं दानी अपनी कहानी में अपने चरित्रों का ऐसा
  • Read Free
दानी की कहानी - 2 - महाशिवरात्रि पर कुछ प्रश्न !
दानी की कहानी ------------------ महाशिवरात्रि पर कुछ प्रश्न ! ------------------------- दानी हर घर में होती हैं यदि परिवार एकसाथ,एकजुट होकर रहे बच्चों की उनसे बहुत ...Read Moreमित्रता होती है और वे बच्चों से घिरी रहकर कहानी या खेल के माध्यम से बच्चों को बहुत सी महत्वपूर्ण सूचनाएँ पहुँचाती रहती हैं --लेकिन यदि बच्चे एकल परिवार में पल रहे हों तो वे उस आनंद व ज्ञान से वंचित रह जाते हैं समझे न ? दानी का अर्थ है -----दादी-नानी ! और दादू-नानू भी ! ये ऐसे माया में डूबे बंदे हैं
  • Read Free
दानी की कहानी - 3 - गोलू--मुन्ना
गोलू--मुन्ना (दानी की कहानी ) --------------------------- दानी की अम्मा जी भी एक स्कूल की प्रधानाचार्य थीं | पूरा पढ़ाकू माहौल ! अब भला बच्चों की तो ऐसी-तैसी होगी ही न ऐसे में | ...Read Moreकितनी उम्मीदें पालने लगते हैं ऐसे परिवार के बच्चों से लोग ! "ठीक है ,ज़रूरी थोड़े ही है परिवार में सारे ही पढ़ाकू हों--" आठ साल के गोलू ने कहा | जब दानी अपने ज़माने की ,अपने परिवार की बातें सुनातीं नन्हा गोलू भुनभुन करता | "पर,आप हर समय ये ही कहानी सुनाती रहती हैं --" "अच्छी बात तो है ,हम सबको यह बात समझनी चाहिए न ---" मुन्ना बड़ा
  • Read Free
दानी की कहानी - 4 - मूल से प्यारा ब्याज़
दानी की कहानी(मूल से प्यारा ब्याज़ ) -------------------------------- समय के गुजरने के साथ दानी हमें तो और भी सचेत लगती हैं | मम्मी कहती हैं ; "हमने अपनी दादी-नानी को देखा ,इतनी उम्र में वो ...Read Moreमें माला लिए बैठी रहती थीं ,जो खाना मिल गया ,वो चुपके से खा लिया | और ये तुम्हारी दानी हर समय रसोईघर के चक्कर मारती रहती हैं | आज भी ज़बान चटकारे मारती है इनकी --!" पता ही नहीं चलता --मम्मी इनसे क्यों नाराज़ रहती हैं | दानी सबको अच्छी बातें सिखाती हैं ,सब बच्चों से एक्स व्यवहार करती
  • Read Free
दानी की कहानी
दानी की कहानी -------------- दानी बहुत दिनों बाद बच्चों से मिल सकीं | दानी कुछ दिनों के लिए अपनी सहेलियों के साथ पर्यटन पर चली गईं थीं | जैसे ही वे वापिस ...Read More,बच्चों ने उन्हें अपने झुरमुट में घेर लिया | सबकी आँखों में कई अन्य सवालों के साथ एक बड़ा सवाल भरा हुआ था | दानी हमारे लिए क्या लाई होंगी ? लेकिन यह नहीं पूछा ,उन्होंने कहा ; "दानी ! आप नहीं थीं तो हमें किसी ने कहानी भी नहीं सुनाई --" " अब मैं आ गई हूँ न ! अब ससुनाउंगी न कहानी---" दानी व
  • Read Free
दानी की कहानी
दानी की कहानी -------------- " मम्मा ! चलो न ,कब से प्रौमिज़ करती हैं पर पूरा नहीं करतीं --" चुनमुन ठुमक रही थी | अब वो क्या समझे माँ की ...Read More! उसे अपनी शॉपिंग से काम ! कुमुद को एक ही दिन मिलता था छुट्टी का | स्कूल मैं पढ़ाती थीं वे ! शनीवार को भी अध्यापिकाओं को आधे दिन के लिए जाना पड़ता | हर रोज़ सुबह का समय तो पता ही नहीं चलता था | पूरे घर के लिए नाश्ते-खाने की तैयारी में कहाँ बीत जाता !! महाराज खाना बनाने आते ,दानी के व
  • Read Free
दानी की कहानी ----आपको सोचना चाहिए न !
दानी की कहानी ----आपको सोचना चाहिए था न ! ------------------------------------------- दानी बच्चों के लिए कुछ न कुछ करने को हर समय तत्पर रहतीं | कभी बच्चों को कहानी सुनातीं ,कभी उनके लिए ...Read Moreकविता ही लिख डालतीं | जो वे कहते ।उनके लिए खाने के लिए भी बना देतीं जबकि मम्मी थकी रहतीं थीं | छोटा चीनू बड़े पाशोपेश में रहता ,मम्मा तो इतनी यंग हैं फिर भी थक जाती हैं | दानी इतनी बड़ी हैं ,बुज़ुर्ग हो रही हैं फिर भी हर समय सभी बच्चों के लिए कुछ न कुछ करने को तैयार रहती हैं |
  • Read Free
दानी की कहानी
दानी की कहानी -------------- दानी की ज़िंदगी में छोटे बच्चे बड़ी अहमियत रखते हैं | वैसे ये कोई नई बात नहीं है | एक उम्र के बाद बच्चों का साथ ही ...Read Moreलगता है | ये वही बात है न 'मूल से ज़्यादा ब्याज़ प्यारा ' "अच्छा दानी एक बात बताइए ---" मीनू अब बड़ी हो रही थी | और बच्चों के साथ मीनू भी दानी की कहानियों,लोरियों के बीच बड़ी हो रही थी | 'टीन-एज' की अपनी एक उड़ान होती है | नए -नए पंख मिल रहे होते हैं ,उड़ान के लिए सीमा में बंधी इजाज़त
  • Read Free
दानी की कहानी
दानी की कहानी -------------- दानी कुछ ज़्यादा ही संवेदनशील थीं | अपनी सब बातें भी बच्चों से साझा करतीं | उन्होंने अपनी तीसरी पीढ़ी से अपनी बेटी की एक बात ...Read Moreकी | एक दिन उनकी बड़ी बेटी रीनी ऑफिस से अपनी गाड़ी से घर आ रही थी | वह घर के मेन गेट से गाड़ी अंदर रख ही रही थी कि बगीचे में लगे हुए पेड़ पर से एक डव पक्षी का बच्चा न जाने कैसे उसकी गाड़ी के आगे के टायर से टकरा गया | पक्षी के मुख से हल्की सी चीं की आवाज़
  • Read Free
दानी की कहानी
दानी की कहानी --------------- दानी की बातें जैसे मलाई कोफ़्ते ! बड़े ही मस्त ! बच्चे खाने से तो क्या चटकारे लेते होंगे जो दानी की कहानी से चटकारे लेते हैं | ...Read Moreदिन बारिश बहुत तेज़ी से पद रही थी | लाइट आती,फिर चली जाती | सारे बच्चे दानी के कमरे में मस्ती कर रहे थे | "अच्छा ! तुम लोग एक बात बताओ ,कौन है जो अंधेरे से नहीं डरता ?" दानी भी कैसी बात करती हैं !अंधेरे से तो सभी डरते हैं | दानी भी तो --- "दानी ! क्या आप भी ---हम
  • Read Free
दानी की कहानी
दानी की कहानी ----------------- दानी के बगीचे में रंग-बिरंगे फूल और उन फूलों में खेलते हम सब बच्चे ! कभी तितलियाँ पकड़ते कभी उनके पीछे भागते और न पकड़ ...Read Moreपर गंदा सा मुँह बनाकर रोते | दानी बेचारी आतीं और हम रोते हुए बच्चों को चुप करने में उनका कितना ही समय खराब हो जाता | उस दिन शिवांग भैया दानी की बात सुना रहे थे कि सोनू जी चुप न रह सके | "दानी को समय की क्यों परवाह थी ? उन्हें क्या कोई काम करना पड़ता था ?" "अरे ! करना पड़ता
  • Read Free
दानी की कहानी
दानी की कहानी --------------- शायद --नहीं शायद नहीं , अवश्य ही यह हर हर समय होता है ,होता रहा है ,होता रहेगा | कुछ सत्य शाश्वत होते हैं जैसे सूरज का ,चाँद का निकलना,जैसे स्नेह का पनपना ...Read Moreकी चिंता --- दानी इन्हीं बातों को लेकर कुछ न कुछ सुनाती ,सिखाती रहीं | अब कौन कितना सीख पाया ,यह तो कुछ पता नहीं लेकिन यह स्वाभाविक है कि जीवन में कई स्थितियाँ ऐसी होती हैं जिनमें कठिनाई के बावजूद भी हमें संभलकर आगे चलना होता है | बच्चे दानी से कई बार कहते --- "दानी ! आप हमें कितना सिखाती,समझाती
  • Read Free
दानी की कहानी
दानी की कहानी -------------- बच्चों के साथ का दानी का सफ़र बड़े मज़े में कट रहा है | बच्चों के साथ दानी को सदा अपने बालपन की याद आ जाती | वे बच्चों में बच्ची ही तो बन जातीं ...Read Moreखूब ठाठ से रहती थीं दानी ! कोई नहीं समझ पाता कि उनके मन में क्या चल रहा है ? सब बच्चे उनके साथ खेलना चाहते ,उनकी बातें सुनना चाहते | उनकी इच्छा रहती कि वे दानी के पास ही बने रहें | लेकिन यह संभव कहाँ था ? बच्चों के अपने कार्यक्रम ! अपनी व्यस्तताएँ ! अपने होम-वर्क !
  • Read Free
दानी की कहानी
दानी की कहानी - ---------------- दानी इस बार बहुत दिनों बाद अपने नाती से मिल सकीं थीं | अधिकतर वे यहीं रहतीं थी लेकिन बीच में उनका मन हुआ कि वे कुछ दिन हरिद्वार रहकर आएँ | उन्होंने हरिद्वार ...Read Moreकनखल स्थान में गंगा के किनारे बने हुए आर्य समाज के आश्रम में एक दो कमरों की कुटिया बनवा ली थी | उनका मन होता तो वे परिवार में आ जातीं ।मन होता तब अपनी कुटिया में रहने चली जातीं | सभी बच्चे उनके साथ खेलना ,उनकी बातें सुनना बहुत मिस करते | दानी को भी परिवार में रहना अच्छा
  • Read Free
दानी की कहानी
-------------------- बड़े दिन हो गए बच्चों ने दानी की कहानी नहीं सुनी | चलें आज तो उनको कहानी सुनानी ही होगी वरना बच्चे दानी से नाराज़ होने में कहाँ टाइम लगते हैं | मुँह फुलाकर कुप्पा हो जाते हैं ...Read Moreआज जब बच्चे आए तो दानी मन से तैयार ही बैठी थीं कि इन्हें कहानी सुनाई जाए तो कौनसी ? उन्होंने अपने मन में सोच लिया था कि आज उन्हें नई बात बताएँगी | "चलो, बहुत दिन हो गए, तुम सबको कहानी सुनाती हूँ |"दानी ने कहा तो बच्चे खिल उठे| "अच्छा बताओ, कौनसी कहानी सुनोगे ?"दानी ने बच्चों के
  • Read Free
दानी की कहानी
"क्या ढूंढ रही हो राधा" दानी ने पूछा तो राधा ने मुस्कुरा कर कहा : "दानी मैं नौ मन तेल ढूंढ रही हूँ " दानी ने हंसकर पूछा : "क्या करोगी नौ मन तेल का?" राधा ने कहा : ...Read Moreछुटकी कह रही थी कि ना नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी तो मैं नौ मन तेल ढूंढ रहे हैं जिससे मैं नाचने लगूं।" और राधा खिलखिला कर हंसने लगी। राधा इस घर में काम करने वाले लड़की थी जो बच्चों से हर समय मजाक करती रहती बच्चे भी उसे बहुत प्यार करते थे दानी ने कहा था ऐसी
  • Read Free
दानी की कहानी
"अकल बड़ी या भैंस? इसका अर्थ मालूम है" दानी ने पूछा। "जी, दानी इसका अर्थ तो बहुत आसान है।" " ठीक है तो रोजी जी आप बता दीजिए।" "अब अकल का मतलब बुद्धि और भैंस वह जिसका हम दूध ...Read Moreहैं, चाय बनाते हैं।" " बिल्कुल ठीक, हमारी रोजी़ तो बहुत होशियार हो गई है।" दानी ने खुश होकर कहा। " दानी, अकल तो दिखाई नहीं देती ना इसलिए भैंस जब दिखाई देती है तो कितनी बड़ी होती है। इसका मतलब यही हुआ ना कि भैंस बड़ी है। " " हत तेरे की मुझे तो लगा था मेरी रोजी बड़ी
  • Read Free
दानी की कहानी
------------------------ रवि -शशि के कमरे में से आज फिर शोर आ रहा था | दोनों जुड़वाँ, दोनों की आदतें एक सी ही | दोनों एक ही कक्षा में और दोनों के बीच चकर-चकर एक जैसी ही | न एक ...Read Moreको तैयार, न दूसरा रुकने को | दानी से दोनों ही बहुत प्यार करते, बहुत सम्मान भी ! बहुत कुछ सीखते थे उनसे ! कहानियाँ सुनने का भारी शौक ! और दानी --उनका बस चलता तो सारे बच्चों को गले में चिपकाए घूमतीं | दानी पर यह बात सौ फ़ीसदी सही बैठती थी, 'मूल से ज़्यादा ब्याज़ प्यारा |' कभी-कभी
  • Read Free
दानी की कहानी
-------------------- शाम का समय था | दानी बरामदे में और बच्चे बागीचे में ,हर रोज़ की तरह से | " चलो ,आज पड़ौस के पेड़ से चीकू तोड़ेंगे --" बच्चों में फुसफुसाहट हो रही थी | "दानी को पता ...Read Moreगया न तो बस -----" "तुम बहुत डरपोक हो --भला दानी को कौन बताएगा ?" "हम हर बार यही तो सोचकर शरारत करते हैं कि दानी को पता ही नहीं चलेगा --" "हाँ--पर होता क्या है ? हर बार तो दानी को पता चल ही जाता है |" "ये कोई चुगलख़ोर हमारे बीच में ही पल रहा है ---" सबसे
  • Read Free
दानी की कहानी
-------------------- कुछ साल पहले दानी यू.के मित्रों के पास गईं थीं | उनके वहाँ बहुत सारे मित्र हैं | बहुत पहले जब वे युवा थीं तब गईं थीं इसलिए उनके मित्र उन्हें बार-बार बुला रहे थे | दानी के ...Read Moreने सोचा कि उम्र के ढलते दानी जाने में मज़बूर हो जाएँगी इसलिए उन्हें जाना चाहिए | दानी मन से खुश भी थीं क्योंकि उनके मित्र उनसे मिलने कई बार आ जाते थे लेकिन दानी का जाना ही टल जाता था | उनके सारे मित्रों की उम्र उनके ही बराबर थी इसलिए सभी को लगता ,साथ में कुछ दिन गुज़ारने
  • Read Free
दानी की कहानी
दानू ने कढ़ी बनाई ------------- दानी अपनी बातें सुनाते हुए हर बार किसी न किसी ऎसी बात का ज़िक्र करतीं जिससे बच्चों को कोई न कोई सीख मिलती | इसके लिए हमने कभी उनको डाँटते हुए नहीं देखा | ...Read Moreबात को इस प्रकार से घुमाकर मनोरंजक तरीके से बातें सुनतीं कि हमें लगता कि हमें भी कुछ ऐसा तो करना चाहिए जो किसी न किसी के लिए उपयोगी हो | समाज के लिए हम कुछ कर सकें | हमें हमेशा दानी या तो झूले पर बैठी हुई मिलतीं या फिर बरामदे में अपनी उस कुर्सी पर जिस पर पहले
  • Read Free
दानी की कहानी
दानी की कहानी---खुल जा सिमसिम ------------------------ अलंकार कितना सुंदर नाम है। दानी ने ही तो रखा था लेकिन सारे बच्चे उसे अल्लू अल्लू कहते। कभी-कभी तो अल्लू से वह उल्लू हो जाता | वह चिढ़ जाता और कई दिनों ...Read Moreखेलने न आता। "अलंकार ठीक तो है न? जाओ उसके घर देखकर आओ।" दानी आदेश देतीं और फिर खुलती उनकी पोल.और दानी का सुनना पड़ता व्याख्यान | दानी के परिवार के बच्चों के लिए ही वह केवल दानी नहीं थीं दानी वह सबके लिए थीं यानि पूरे मुहल्ले के लिए | किसी के घर में नवजात शिशु का आगमन होता
  • Read Free
दानी की कहानी
------------------- बच्चे दानी से बहुत सी बड़ी-बड़ी बातें भी करते रहते थे | उन बच्चों में सभी उम्र के बच्चे होते| कई बार बच्चे दानी से बहुत सी बड़ी बड़ी बातें पूछ बैठते जो दानी को उन्हें समझानी ज़रा ...Read Moreही हो जातीं फिर भी वे कोशिश करतीं कि उन्हें समझा सकें | " दानी ! मेहनत बड़ी या भाग्य ? समझ में नहीं आता !" सौम्य ने उस दिन पूछा | एक बच्चा कुछ पूछता तो सारे बच्चे उसके साथ दादी के पास आकर खड़े हो जाते और ऐसे समझने की कोशिश करते मानो सब समझ जाएँगे | इसीलिए
  • Read Free
दानी की कहानी
----------------- दानी को बिलकुल पसंद नहीं था कि छोटे बच्चे चाय पीएँ | उनका कहना था कि आज का व्यवहार ऐसा हो गया है कि जब हम मित्रों या रिश्तेदारों के घर जाते हैं अब सब लोग ही अधिकतर ...Read Moreया कॉफ़ी पिलाते हैं | आजकल छोटे बच्चों को भी चाय पिलाने लगे हैं जबकि उन्हें चाय पिलाने की कोई ज़रूरत नहीं है | उनके विकास के दिन होते हैं और उन्हें कैल्शियम की बहुत ज़रूरत होती है इसलिए उन्हें दूध देना चाहिए | "तुम लोगों को पता है, हमारे जमाने में तो चाय-वाय होती ही नहीं थी बल्कि तुम
  • Read Free

Best Hindi Stories | Hindi Books PDF | Hindi Children Stories | Pranava Bharti Books PDF Matrubharti Verified

More Interesting Options

  • Hindi Short Stories
  • Hindi Spiritual Stories
  • Hindi Fiction Stories
  • Hindi Motivational Stories
  • Hindi Classic Stories
  • Hindi Children Stories
  • Hindi Comedy stories
  • Hindi Magazine
  • Hindi Poems
  • Hindi Travel stories
  • Hindi Women Focused
  • Hindi Drama
  • Hindi Love Stories
  • Hindi Detective stories
  • Hindi Moral Stories
  • Hindi Adventure Stories
  • Hindi Human Science
  • Hindi Philosophy
  • Hindi Health
  • Hindi Biography
  • Hindi Cooking Recipe
  • Hindi Letter
  • Hindi Horror Stories
  • Hindi Film Reviews
  • Hindi Mythological Stories
  • Hindi Book Reviews
  • Hindi Thriller
  • Hindi Science-Fiction
  • Hindi Business
  • Hindi Sports
  • Hindi Animals
  • Hindi Astrology
  • Hindi Science
  • Hindi Anything

Best Novels of 2023

  • Best Novels of 2023
  • Best Novels of January 2023
  • Best Novels of February 2023
  • Best Novels of March 2023

Best Novels of 2022

  • Best Novels of 2022
  • Best Novels of January 2022
  • Best Novels of February 2022
  • Best Novels of March 2022
  • Best Novels of April 2022
  • Best Novels of May 2022
  • Best Novels of June 2022
  • Best Novels of July 2022
  • Best Novels of August 2022
  • Best Novels of September 2022
  • Best Novels of October 2022
  • Best Novels of November 2022
  • Best Novels of December 2022

Best Novels of 2021

  • Best Novels of 2021
  • Best Novels of January 2021
  • Best Novels of February 2021
  • Best Novels of March 2021
  • Best Novels of April 2021
  • Best Novels of May 2021
  • Best Novels of June 2021
  • Best Novels of July 2021
  • Best Novels of August 2021
  • Best Novels of September 2021
  • Best Novels of October 2021
  • Best Novels of November 2021
  • Best Novels of December 2021
Pranava Bharti

Pranava Bharti Matrubharti Verified

Follow

Welcome

OR

Continue log in with

By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"

Verification


Download App

Get a link to download app

  • About Us
  • Team
  • Gallery
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
  • Refund Policy
  • FAQ
  • Stories
  • Novels
  • Videos
  • Quotes
  • Authors
  • Short Videos
  • Free Poll Votes
  • Hindi
  • Gujarati
  • Marathi
  • English
  • Bengali
  • Malayalam
  • Tamil
  • Telugu

    Follow Us On:

    Download Our App :

Copyright © 2023,  Matrubharti Technologies Pvt. Ltd.   All Rights Reserved.