मायावी सम्राट सूर्यसिंग - Novels
by વિષ્ણુ ડાભી
in
Hindi Fiction Stories
आज का दिन जस्न का दिन था | क्योंकी सुल्ताना —ए—सूर्यगढ़ मित्रा ने एक सुंदर और आकर्षक पुत्र को जन्म दिया था| सुल्ताना मित्रा के पति धर्मदेव जी थे…
जैसा उनका नाम ...Read Moreवैसे ही उनके तेवर थे| पूरे सूर्यगढ़ में जस्न हुआ। सुल्तान धर्मदेवजी एक भले इंसान थे , और उनकी पत्नी मित्रा वो एक जादूगरनी थी। पर वो भी नेक इंसान थी। उनकी छ बेटियां भी। प्यारा,सुंदरी, नमिना, देवदी,भाविका और मुसरी
उन में नमीना क्रूर थी । और बाकी की अच्छे स्वभाव की थी।
पांचों बहेनो ने नमीना को सुधारने की बहुत कोशिश की पर सब ना कामियाब रहे
पर उनका छोटे भाई का नाम देने के लिए सब झगड़ते थे ।वह अचानक से उनकी मां मित्रा प्रगट हुई।क्यों की वो मायावी थी|
आज का दिन जस्न का दिन था | क्योंकी सुल्ताना —ए—सूर्यगढ़ मित्रा ने एक सुंदर और आकर्षक पुत्र को जन्म दिया था| सुल्ताना मित्रा के पति धर्मदेव जी थे… जैसा उनका नाम ...Read Moreवैसे ही उनके तेवर थे| पूरे सूर्यगढ़ में जस्न हुआ। सुल्तान धर्मदेवजी एक भले इंसान थे , और उनकी पत्नी मित्रा वो एक जादूगरनी थी। पर वो भी नेक इंसान थी। उनकी छ बेटियां भी। प्यारा,सुंदरी, नमिना, देवदी,भाविका और मुसरी उन में नमीना क्रूर थी । और बाकी की अच्छे स्वभाव की थी। पांचों बहेनो ने नमीना को सुधारने की
भाग :–2 सूर्या थोड़े बड़े हो गए थे। उसको मालूम नहीं था कि उनके पास जादुई शक्तियां हैं। ...Read More वो एक दिन नदी किनारे खेल रहे थे। और जोर से फटका मारने की वजेसे उनकी गेंद नदी में गिर गई थी। सूर्या ने नदी के किनारे आ कर नदी में देखकर बोले कि काश मेरी गेंद मेरे पास वापस लौट आए। ये बोलते ही गेंद अचानक से उनके हाथों में आ गई। ये देख कर सब बच्चे चकित हो गए। उनमें से एक बच्चे ने ये
सुल्तान महमूद मदनी साहब ने कई दिनों तक चाल बाजी की पर वो सूर्या को नहीं मार पाए। पर उल्टा सूर्या पर हमले करवाके सूर्या को और ज्यादा शक्तिशाली बना दिया। सूर्या की तालीम हो गया। हजरत अली खान ...Read Moreदिन वो अपने गुरु को मिलने के लिए बाहर गए थे। रास्ते में एक बड़ी गुफा अली खान को दिखी। इस गुफा को अनदेखा कर के केसे ही अली खान आगे की ओर बढ़े तो उस गुफा से आवाज आई अली खान यहा आओ जरा। अली खान
हा वो उनकी बहन नमीना ने उन्हें दिया था। सोभाग्या बोली। थोड़ी देर तक दोनो में बातचीत होती रही। बाद में वो अपने घर यानी अली खान के घर पहुंच गए। अली खान ने ...Read Moreको पुकारा .. सूर्या ..सूर्या बेटा तू घर पे है क्या .. घर में से कोई नहीं बोला । सोभाग्या बोली भाई लगता वो कई खेलने गए है। अली खान बोले हा वो खेलने ही जाहेंगे क्यों की वो अभी दो साल के बच्चे जो है। यू कहेकर हसने लगा। थोड़ी देर के बाद सूर्या
उन दोनों को दफनाने के बाद सोभाग्या वापस लौट आई। सूर्या और अलीखान दोनो वहा पर रुक कर सोभाग्या का इंतजार करते थे। सोभाग्या हवा में प्रगट हुए और दोनो को बोली कि अब घर भी ...Read Moreया यही पर बैठ कर बातें बनाओगे।सूर्या ने अपने हाथो से चुटकी बजाई तो वो तीनो हवा में गायब हो गई और अपने घर में प्रगट हुए। सोभाग्या बोली अरे वाह सूर्या तुमतो अच्छी तरह जादू कर लेते हो। सूर्या ने हस कर बोले मोसी आपका नाम कितना अजीब है ना सोभाग्या।
पर इन दोनों में से पहले किसे लाना होगा? सूर्या ने आदर से उन जादूगर ध्यानचंद को पूछा. जादूगर ध्यानचंद ने कहा की इसमें से पहले उस टूटे हुए भाले को लाना होगा फिर उस जिन को ...Read Moreवही सिर्फ टूटे भाले को जोड़ सकता है।।पर जादूगर ध्यानचंद ने कहा कि तुम मुझसे एक वादा करो की तुम इस मोहिम के बारेमें किसको कुछ भी नहीं बताओगे. सूर्या ने थोड़ी देर तक सोचा और थोड़ा मुस्कुराकर कहा कि आप बे फिकर रहो
सूर्या उस बाग में लहराते फूलो में उस टूटे भाले के हिस्सेको ढूंढता रहा थोड़ी देर बाद सूर्या हवा में गायब हो गया. सूर्या त्या थोड़ी गड़बड़ लगी।और अचानक ...Read Moreओर से बड़े बड़े पत्थर निकल कर सूर्या की ओर आने लगे। सूर्या ने अपनी जादुई शक्तियां से उन पत्थरों को रोकने की कोशिश की तो उल्टा उन पत्थरों की गति दुगनी हो गई. उनसे बचने के लिए सूर्या ने अपने चारो ओर एक जादुई दायरा बनाया . जेसे ही वो पत्थर उस जादुई दायरे को टकराते वही
सूर्या उस टूटे भाले के पहले हिस्से को लेकर आ गए थे। जब सूर्या को पता चला कि जादूगर ध्यानचंद ने अब्बू और सीतल को बचाया तो वो थोड़ा अचंबित हो गया। सूर्या को लगा की ध्यानचंद मुफ्तमे किसको ...Read Moreभी ना पिलाए उसने मेरे अब्बू और सीतल को बचाया. जब जादूगर ध्यानचंद को पता चला कि सूर्या वो टूटे भाले के पहले हिस्से को लेकर आ गया है तो वो तुरंत सूर्या के पास आया . सूर्या भी तैयार था जब वो सूर्या
उस दिन सूर्या और सीतल दोनो भाले का टुकड़ा लेकर आ गए.... ऐसे करेके सूर्या ने सारे टुकड़े जमा कर दिए .. फिर उन टुकड़ों को जोड़ने के लिए बोतल ...Read Moreजिन की आवश्यकता थी ।उस जिन को लेने के लिए सूर्या को परलोग जाना था . पर वह जाना वाला कभी लौटकर वापस नहीं आया. ये सब कहते थे फिरभी सूर्या ने अपने जादुई शक्तियां का प्रयोग करके सूर्या परलोग की राह पर चल पड़ा।। पर एक दिक्कत थी की परलोग में सब कुछ मिल सकती है पर जो जादुई जिन
दूसरे दिन का सुबह था । चारो ओर शांति और मधुर वातावरण था । गांव के लोग अपने अपने काम के लिए घर से निकले थे । तब अचानक चारो और से धूल उड़ने लगी। तेज हवाएं चलने लगी। ...Read Moreजोर से बिजली कड़कने लगी और वहा पर सूर्या के साथ बोतल के जिन का आगमन हुआ ।... लोगी की भीड़ इकट्ठा हो गई और उनके साथ सूर्या के अब्बू हजरत अली खान और उनकी बहन सीतल दोनो एक साथ खड़े थे । उन्होंने देखा की सूर्या एक जिन को
इस और राक्षस राजा अपनी मोज में जुट गया था। वो युद्ध की तैयारी छोड़ ऐयासी में डूब गया। ओर वो युद्ध को भूल ही गया था । अब राक्षस राजा की सेना उनसे घ्रेणा करने लगी थी की ...Read Moreदिनों बाद होने वाले युद्ध की राजा को कोई परवा नहीं है। ओर इस और सूर्यगढ़ में सभी सेना पति और सैनिकों की जोर शोरो से युद्ध की तैयारी देख कर लगता था की वो अब ये जीत कर ही मानेंगे। धर्मदेव और सुल्ताना–ए– सूर्यगढ़ मित्रा के
सूर्यगढ़मे खुशी का माहौल था। सम्राट की शादी होने वाली थी। गांव के लोग कुछ न कुछ सम्राट के लिए लेकर सम्राट की शादी में आए। एक सप्ताह तक सम्राट ...Read Moreशादी पूर्ण हुई और सब अपने अपने घर पर चले गए। गांव वालो का इतना प्यार देख सूर्या के मन में थोड़ा अभिमान और घमंड का संचार हुआ । सम्राट सूर्यसिंग अब अपनी मन मानी करने लगे । लोगो को धमकाना , कभी कभी पिटवा देना ये सब होने लगा । अपनी जादुई शक्तियों का गलत इस्तमाल करने