Mayavi Emperor Suryasing - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

मायावी सम्राट सूर्यसिंग - 2

भाग :–2
सूर्या थोड़े बड़े हो गए थे। उसको मालूम नहीं था कि उनके पास जादुई शक्तियां हैं।
वो एक दिन नदी किनारे खेल रहे थे। और जोर से फटका मारने की वजेसे उनकी गेंद नदी में गिर गई थी। सूर्या ने नदी के किनारे आ कर नदी में देखकर बोले कि काश मेरी गेंद मेरे पास वापस लौट आए। ये बोलते ही गेंद अचानक से उनके हाथों में आ गई।
ये देख कर सब बच्चे चकित हो गए। उनमें से एक बच्चे ने ये बात जा कर हजरत अली खान को बताई । उनको विश्वास हो गया कि ये वही शक्तियां हैं जो उनकी मां यानी सुल्ताना –ए–सूर्यगढ़ मित्रा के पास थी।
जब सूर्या लॉट कर घर आए तब हजरत अली खान ने ऐसा नाटक किया की मानो उनको कुछ भी पता नहीं चला हो। सभी बच्चे अपने अपने घर चले गए थे। हजरत अली खान ने सोचा कि अब मुझे सूर्या की सभी शक्तियां को जगाना होगा।
ये सोच कर उन्होंने सूर्या को बुला कर कहा कि तुम मेरे लिए जंगल में से एक पोधा ले आओ। सूर्या पोधा लेने जंगल में चले गए। तब अली खान ने अपना तीर कामठा लेकर सूर्या के पीछे गए ।
हजरत अली खान ने छुपकर सूर्या पर तीर चलाया । जब वो तीर सूर्या को लगने वाला था की सूर्या ने अपने हाथ अपने आंखों पर ढक दिया। अचानक से उनके हाथों में से एक के
जादुई रोशनी निकली और उस तीर को तोड़ दिया।
दूसरी बार अली खान ने एक बड़ा पत्थर उठाया और जोर से सूर्या की ओर फेका पत्थर को आता देख सूर्या की आंखे फटी की फटी रह गई। तब तेज हवा चलने लगी और सूर्या की आंखो मे से चिंगारी निकली और आते पत्थर को चकना चूर कर दिया। सूर्या कुछ समझ नहीं आता थी कि मेरे साथ क्या हो रहा है।
थोड़े देर की परीक्षण के बाद अली खान वहा से चले गए। सूर्या थोड़े बख्त के बाद एक पोधा ले कर लौटे। घर आने के बाद सूर्याने अली खान को सब बात बताई।
दूसरे दिन सूर्या को तलवार सीखने को कहा गया। अली खान को लगता था की आने वाले कल में सूर्या बड़ा इंसान बनेगा।
हजरत अली खान ने अपनी तलवार से सूर्या को तलवार चलाना सिखाना शुरू किया।
थोड़े दिन में सूर्या तलवार बाजी में निपुण हो गया।
वो चलते घोड़े पर से घोड़े के कंधो पर सब वाल काट दिया करता था।
उसके बाद अली खान ने सूर्या को तीर अंदाज और भाला फेंक जैसी तालीम दी। सूर्या एक साल में सभी दाव पेंच में निपुण हो गया था।
वो जान गया था कि उनके पास जादुई शक्तियां हैं। और वो उसे भी चलाना सीख गया । बाद में वो पूरे सूर्यगढ़ में मसूर हो गया।
सूर्यगढ़ का नया सुल्तान महमूद मदनी साहब को ये बात पता चली की सूर्या कोई बड़ा खिलाड़ी हैं और वो जादुई शक्तियां भी जानता है।
फिर उसने जांच परताल करवाई तब पता चला कि सूर्या और कोई नही पर पहले सुल्तान धर्मदेव जी का पुत्र था। और इसने सूर्या को मरवाने लिए थोड़े हत्यारे भेजे ।
सूर्या और उन हत्यारो के बीच धमाशन लड़ाई हुई । बाद में सूर्या ने अपनी जादुई शक्तियां का प्रयोग करके उन हत्यारो को मार गिराया।
जब ये बात सुल्तान महमूद मदनी साहब को पता चला तो उनके दिमाग में सूर्या का खोफ बैठ गया। वो किसी भी तरह से सूर्या को किसी हालत में मारना चाहता था।