Badri Vishal Sabke Hain book and story is written by डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Badri Vishal Sabke Hain is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
बद्री विशाल सबके हैं - Novels
by डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना
in
Hindi Fiction Stories
पंडित विभूति नारायण सर्दियों में क्षेत्र के यजमानों के पास आए थे।
उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी सांस चलने लगी थी वे ठीक से सो नहीं पाए थे । उनके यजमान पटेल साहब, उन्हें शहर के प्रसिद्ध डॉक्टर अहमद साहब के पास उन्हें ले आए ,वे सरकारी अस्पताल के इन्चार्ज / प्रमुख डॉक्टर थे पटेल साहब के परिचित भी थे ।
उन्होंने पंडित जी का परीक्षण किया ,उन्हें दवा लिख कर दी ,कुछ अस्पताल से दिलवाई ।
दो-तीन दिन बाद वे पुन:आए अब तकलीफ कम थी आराम था उन्हें डॉक्टर ढींगरा हृदय रोग विशेषज्ञ के पास भेजा गया, उन्होंने उनकी जांच की ई. सी. जी. किया, दो दिन बाद रिपोर्ट मिली, उन्होंने भी उन्हें स्वस्थ बताया ,अब वे ठीक थे।
बद्री विशाल सबके हैं 1 कहानी ...Read More स्वतंत्र कुमार सक्सेना पंडित विभूति नारायण सर्दियों में क्षेत्र के यजमानों के पास आए थे। उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी सांस चलने लगी थी वे ठीक से सो नहीं पाए थे । उनके यजमान पटेल साहब, उन्हें शहर के प्रसिद्ध डॉक्टर अहमद साहब के पास उन्हें ले आए ,वे सरकारी अस्पताल के इन्चार्ज / प्रमुख डॉक्टर थे पटेल साहब के परिचित भी थे । उन्होंने पंडित जी का परीक्षण किया ,उन्हें दवा लिख कर दी ,कुछ अस्पताल से दिलवाई । दो-तीन दिन बाद वे पुन:आए अब तकलीफ कम
बद्री विशाल सबके हैं 2 कहानी स्वतंत्र कुमार सक्सेना ...Read More पटेल साहब सपरिवार पिता पत्नी बेटा ,डा. माथुर सपरिवार उनकी पत्नी श्रीमती डा. माथुर उनका बेटा -बेटी उनके पिता जी व उनके ससुर साहब व सास साथ थे ।इस तरह बीस- बाईस लोगों का ग्रुप चला बहुत सारा सामान साथ था । डा.अहमद के साथ उनकी पत्नी डा.शैलजा अहमद उनकी मां (डा. अहमद की सास) श्रीमती सुमंगला बनर्जी उनकी बेटी नईमा वह भी कॉलेज से आ गई थी ,बेटा कॉलेज टूर में गोवा गया था ।पहले तो रेल से जाना तय था फिर एक पूरी लक्जरी बस
बद्री विशाल सबके हैं 3 कहानी ...Read More स्वतंत्र कुमार सक्सेना तब तक श्रीमती डा.माथुर अंदर आईं वे हाथ में एक डिब्बा लिए थीं वे डिब्बा आगे बढ़ाते बोलीं ईद मुबारक एक एक ले लें अहमद साहब बोले-‘ सब लोग लें ।‘तो मिसेज डा. माथुर ने कहा-‘ अभी नहाया नहीं है, हम सब यहां गर्म पानी के कुंड में नहाने जाएंगे ,फिर मंदिर जाएंगे तभी कुछ खाएंगे जो आप कर रहे वही समस्या मेरे साथ है ससुर साहब हैं फिर पिताजी- माता जी हैं, अभी माता जी साक्षात काली माई बन जाएंगी-‘ डाक्टर बन गईं तो धरम करम
बद्री विशाल सबके हैं 4 कहानी ...Read More स्वतंत्र कुमार सक्सेना भीड़ ज्यादा नहीं थी सर्दी का समय था अत:कम लोग थे ।वे तनाव में आ गए । पंडा जी अतिव्यस्त थे थोड़ा समय मिलते ही डा. साहब के करीब आए धीरे से बोले –‘रिलेक्स डोन्ट बी टेन्स ।‘ वे थोड़ा सहज हुए ।पर संकोच में थे ।तब तक पंडा जी का बेटा उनसे बोला –‘सर डोन्ट बॉदर यहां कोई किसी को नहीं देखता सब अपने में डूबे हुए हैं ।आराम से खड़े हों हाथ जोड़ लें भगवान के दर्शन करें ।‘ तब तक डा. शैलजा अहमद
बद्री विशाल सबके हैं 5 कहानी ...Read More स्वतंत्र कुमार सक्सेना साजिद भाई की पत्नी को प्रसव होना था।‘ तो अहमद साहब बोले –‘ अब मैं बताता हूं । साजिद भाई की पत्नी को प्रसव होना था उन्हें ब्लड की जरूरत पड़ी उनका ब्लड ग्रुप निगेटिव था, किसी का ब्लड ग्रुप मिल नहीं रहा था, तो अपने पटेल साहब ने बीच में हस्तक्षेप कर कहा –‘मेरा देख लो,।‘ वहां बात चल रही थी –‘मायके वालों को बुलवा लो।‘ , वे सब इनकी बात पर हंस दिए।, पर डाक्टर ने कहा –‘ठीक है देख लेते हैं।‘ संयोग से मिल