Me chor nahi hu book and story is written by Kishanlal Sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Me chor nahi hu is also popular in Adventure Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मैं चोर नही हूं - Novels
by Kishanlal Sharma
in
Hindi Adventure Stories
"सबने अपनी अपनी कहानी सुना दी,"गबन के आरोप में सजा काट रहे देव ने जयराम के कंधे पर हाथ रखा था,"दोस्त तुम नही बताओगे तुम्हे कैसे यहाँ आना पड़ा?"यहां लोग क्यो आते है?सजायाफ्ता जेबकट चन्दर ने फ़िकरा कसा था,"इसी ने भी किसी का माल मारा होगा या तुम्हारी तरह सरकारी पैसे का गबन किया होगा?"तुम चुप रहो।हर समय जुबान कतरनी सी चलाते रहते हो।"देव ने चन्दर कक डांटा थादेव, जयराम के सामने ज़मीन पर आलती पालती मारकर बैठ गया।देव को देखकर चन्दर, सोना और कल्लू भी जयराम को घेरकर बैठ गए।पुलिस के घण्टे ने टन टन करके रात के गयारह
"सबने अपनी अपनी कहानी सुना दी,"गबन के आरोप में सजा काट रहे देव ने जयराम के कंधे पर हाथ रखा था,"दोस्त तुम नही बताओगे तुम्हे कैसे यहाँ आना पड़ा?""यहां लोग क्यो आते है?सजायाफ्ता जेबकट चन्दर ने फ़िकरा कसा था,"इसी ...Read More भी किसी का माल मारा होगा या तुम्हारी तरह सरकारी पैसे का गबन किया होगा?""तुम चुप रहो।हर समय जुबान कतरनी सी चलाते रहते हो।"देव ने चन्दर कक डांटा थादेव, जयराम के सामने ज़मीन पर आलती पालती मारकर बैठ गया।देव को देखकर चन्दर, सोना और कल्लू भी जयराम को घेरकर बैठ गए।पुलिस के घण्टे ने टन टन करके रात के गयारह
आगे की पढ़ाई के लिए उसके गांव में स्कूल नही था।उसे जोबनेर के स्कूल में भर्ती करा दिया गया।जोबनेर उसके गांव से दो मील दूर था।वह गांव के लड़कों के साथ स्कूल जाने लगा।वह गन्दे लड़को की ...Read Moreमेंं पड़ गया ।उसका पढ़आई से ज्यादा ध्यान खेल में रहनेे लगा।जिसकी वजह से वह पढ़ाई में पिछड़ने लगा।आठवी क्लास तक तो वह जैसे तैसे पास होता रहा लेेेकीन नवी क्लास में आकर अटक गया।जब वह लगातार दो साल तक फेल हुआ।तब उसकेे कारनामे सामने आए।उसका मन पढ़ाई में न देख कर उसका स्कूल छुड़ा दीया गया।स्कूल जाना बंद
चम्पा ने दो टूक शब्दों में अपना फैसला सुना दिया था।जयराम ने चम्पा को समझाना चाहा।पर व्यर्थ।चम्पा कोरे आश्वासन पर समर्पण के लिए तैयार नही थी।जयराम की समझ मे चम्पा का व्यहार नही आया था।सुहागरात को औरत पहली बार ...Read Moreसे मिलन के लिए उत्सुक रहती है।लेकिन चम्पा अपनी मांग को लेकर ज़िद्द पर अड़ गयी।चम्पा का मानना था कि अगर वह आज समर्पण कर देगी तो फिर अपनी मांग कभी पूरी नही करा पाएगी।इसलिए उसने समर्पण से पहले शर्त रख दी थी। सुहागरात का सपना हर औरत और आदमी देखता है।क्योंकि सुहागरात हर औरत मर्द की ज़िंदगी मे सिर्फ