Visarjan - 4 in Hindi Motivational Stories by Sarvesh Saxena books and stories PDF | विसर्जन - 4

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विसर्जन - 4

टीटू ने सिसकते हुए कहा “ लेकिन पापा .... मैं तब तक खड़ा रहूंगा जब तक मैं देख नहीं लेता” । इस पर गौरव ने हंसते हुए कहा “ ठीक है बेटा..” ।

यह कहकर सारे लोग घर से गणपति विसर्जन के लिए चल दिए लेकिन जब टीटू समंदर किनारे आया तो वह घबरा गया क्योंकि जो उसने सपना देखा था वह उसकी आंखों के आगे सच होता हुआ दिख रहा था । वह फिर जोर जोर से रोने लगा । गौरव और रेनू को अपने इस बेटे की करतूत पर बहुत गुस्सा आ रहा था, उन्हें लग रहा था कि यह सब हरकतें वो उसकी मानसिक कमजोरी की वजह से कर रहा है ।

टीटू ने गणपति बप्पा की मूर्ति पापा के हाथों से छीन ली और रोता हुआ इधर-उधर भागने लगा । रेनू घबरा गई, वह भी उसके पीछे भागने लगी तभी एक पुलिस वाले ने इन लोगों को इतना परेशान देखा तो पूछा कि आखिर क्या बात है ? टीटू ने रोते हुए कहा कि “ गणपति बप्पा को यह लोग क्यों मार रहे हैं...? प्लीज अंकल इन्हें रोकिए.... यह लोग गणपति बप्पा को क्यों मार रहे हैं”?

पुलिसवाला हैरान था टीटू की बात सुनकर । उसने एक नजर लोगों पर दौड़ाई तो वह अंदर तक हिल गया और मन ही मन में बोला कि जो मैं इतने सालों से भी यहां होकर देख नहीं पाया वह इस जरा से बच्चे ने कैसे देख लिया, यह सच ही तो कह रहा है, जिस गणेश भगवान की हम पूजा करते हैं उनको घर में लाते हैं उनसे प्रेम करते हैं उनका सम्मान करते हैं उन्हीं को इतनी बुरी तरीके से यहां वहां कूड़े के ढेरों में लोगों के पैरों के नीचे ऐसे रोने के लिए कैसे छोड़ देते हैं, विसर्जन का मतलब यह तो नहीं होता ।

पुलिस वाले ने टीटू को बड़े प्यार से अपने पास बिठाया और न जाने उसको क्या समझाया फिर उन्होंने सारे लाउडस्पीकर सब कुछ बंद करवाने के बाद एक अनाउंसमेंट किया और कहा “ भाइयों और बहनों एक छोटा सा बच्चा है आप लोग उसकी गुजारिश सुन लीजिए जो कि सभी को सुननी बहुत जरूरी है” ।

सारे लोग एकदम स्तब्ध हो गए थे, यह सोच कर कि आखिर ऐसी क्या बात है जो एक बच्चा हमें बताएगा, ऐसा तो कभी नहीं हुआ कि गणपति विसर्जन में.... ।

कुछ लोग तो चिल्ला चिल्ला कर कहने लगे “ हमे कुछ नही सुनना, हमारा समय मत खराब करो, अरे चलो चलो बजाओ ढोल, बेकार की बकवास मत करो, अरे नाचो नाचो, सब चलो ”।

टीटू सिसकती हुई आवाज में बोला “ मेरे गणपति बप्पा को मत मारो...मेरे गणपति बप्पा को मत मारो...उन्हें बड़े प्यार से मैं घर लाया था और उन्हें मेरी ही तरह दर्द होता है, वह देखिए गणपति बप्पा का सर कैसे टूटा हुआ पड़ा है... वह कितना रो रहे होंगे, प्लीज ऐसा मत कीजिए.... उधर देखिये उनका हाथ कैसे टूटा हुआ पड़ा है... जिस पर कई लोग तो चढ़ भी रहे हैं.. प्लीज उन्हें ऐसे मत मारिए... उनको घर में ही रखिए... प्लीज.. प्लीज.. प्लीज.. मैं आप सबके हाथ जोड़ता हूं... गणपति बप्पा को छोड़ दीजिए... उन्हें.... उन्हें कुछ मत कीजिए” ।