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शेष जीवन - Novels
by Kishanlal Sharma
in
Hindi Moral Stories
1--प्यार"आप अंदर जा सकते है।"नर्स के कहने पर रमेश अंदर चला गया।इला पलँग पर लेटी थी।उसकी बगल में उसका नवजात शिशु सो रहा था।रमेश बच्चे की तरफ देखते हुए बोला,"इसकी आंखे तुम्हारी जैसी है और होंठ तो---रमेश बच्चे को देखकर उसकी तुलना इला से कर रहा था।उसको बच्चे में खोये देखकर इला भी सोचने लगी थी"क्या पर्सनालिटी है।कितना खुशनसीब होगा वह मर्द जिसकी यह जीवन संगनी बनेगी,"रमेश ऑफिस के बाहर खड़ा था तभी उसकी नज़र प्लेटफॉर्म से गुजरती एक युवती पर पड़ी थी।उस युवती को देखकर रमेश अपने सहकर्मी से बोला था।"यह परित्यक्ता है," रमेश की बात सुनकर कमल बोला
1--प्यार"आप अंदर जा सकते है।"नर्स के कहने पर रमेश अंदर चला गया।इला पलँग पर लेटी थी।उसकी बगल में उसका नवजात शिशु सो रहा था।रमेश बच्चे की तरफ देखते हुए बोला,"इसकी आंखे तुम्हारी जैसी है और होंठ तो---रमेश बच्चे को ...Read Moreउसकी तुलना इला से कर रहा था।उसको बच्चे में खोये देखकर इला भी सोचने लगी थी"क्या पर्सनालिटी है।कितना खुशनसीब होगा वह मर्द जिसकी यह जीवन संगनी बनेगी,"रमेश ऑफिस के बाहर खड़ा था तभी उसकी नज़र प्लेटफॉर्म से गुजरती एक युवती पर पड़ी थी।उस युवती को देखकर रमेश अपने सहकर्मी से बोला था।"यह परित्यक्ता है," रमेश की बात सुनकर कमल बोला
रमेश कुछ देर तक इला को देखता रहा।जब वह कुछ नही बोली तब वह फिर बोला,"मैं तुम्हे प्रपोज करना चाहता हूँ"।"क्या शादी और मुझसे?"रमेश की बात सुनकर इला चोंक्की थी।"हां।शादी करके मैं तुम्हे अपनी जीवन संगनी बनाना चाहता हूँ।""यह ...Read Moreनही।""क्यो?क्या मुझ में कोई कमी है।मेरे खानदान, मेरे बारे में,मेरे चरित्र के बारे में,तुम चाहो जिस बारे में पता कर लो।फिर जवाब दो।""रमेश तुम सोच रहे हो ऐसी कोई बात नही है।तुम मेरा अतीत नही जानते इसलिए मुझसे शादी की बात कर रहे हो।मेरी सुंदर देह को पाना चाहते हो।अगर मेरा अतीत जान लोगे तो मुझ से बात करना भी
2--बदला"साहब है/""नही।गाज़ियाबाद गए है।रात तक लौट आएंगे।कोई काम है?"रचना ने राम दीन से पूछा था।"नही।काम तो कुछ भी नही है।साहब के नाम एक लिफाफा आया था।साहब छुट्टी पर है।मैने सोचा शायद जरूर हो इसलिए देने चला आया।""लाओ मुझे दे ...Read Moreदीन, रचना को लिफाफा देकर चला गया।रचना ने लिफाफा उलट पलट कर देखा।भेजने वाली कोई सपना थी।लिफाफे पर भेजने वाले के नाम की जगह औरत का नाम देखकर रचना चोंक्की थी।राहुल की रिश्तेदारी या परिचित में सपना नाम की कोई औरत नही थी।फिर लिफाफा भेजने वाली यह सपना कौन है?औरत स्वभाव से ही शक्की होती है।वैसे रचना पति के नाम
और दोस्ती होने के बाद रचना और राहुल मिलने लगे।दोनो साथ घूमते,पिक्चर देखते,खाते पीते और पार्क के एकांत कोने में बैठकर घण्टो बाते करते।समय गुज़रने के साथ राहुल और रचना एक दूसरे के करीब आते गए।एक दिन पार्क में ...Read Moreके नीचे बैठे थे तब राहुल ने रचना का हाथ अपने हाथ मे लेकर कहा," रचना मुझे तुम से प्यार हो गया है।"राहुल की बात सुनकर रचना चुप रही।तब राहुल फिर बोला,"अब घर मे अकेले मन नही लगता।जी चाहता है कोई साथी हो।""शादी कर लो""मैं भी यही चाहता हूँ।""तो कर लो।कौन है वो।""तुम।तुम से शादी करना चाहता हूँ।""मैं तो कब
"तुम किसी सपना को नही जानते?"रचना ने लिफाफा पति की तरफ बढ़ाते हुए कहा,"अगर तुम किसी सपना को नही जानते,तो तुम्हे पत्र भेजने वाली यह सपना कौन है/"राहुल ने पत्नी के हाथ से पत्र लेकर पढा तो सारी घटना ...Read Moreचित्र की तरह उसकी आँखों के सामने घूम गयी थी।राहुल के मौसाजी के बेट की शादी थी।उस शादी में जाने का प्रोग्राम राहुल ने रचना के साथ बनाया था।राहुल ने कई दिन पहले ही फर्स्ट क्लास का केबिन बुक करा लिया था।जिस दिन उन्हें जाना था।उस से दो दिन पहले रचना की तबियत खराब हो गयी।उसे बुखार,सर्दी जुकाम हो गया