बेशक इश्क - Novels
by Vandana thakur
in
Hindi Love Stories
" यह जो हल्का हल्का सुरूर है,, मेरा इश्क , मेरा फितूर है,,, यह जो हल्का,,,!!!! कहते हुए वो लडका अचानक रूक गया । उसकी आंखो से बेतहांशा,,, दर्द के साथ एक नमी उभर आयी । वो लडका एकटक ...Read Moreकी तरफ देख रहा था ,और दिवार की तरफ देखकर उसकी आंखो से एकाएक आंसू बह रहे थे , जैसे दिवार पर उसे कुछ दिख रहा हो, जो उसकी गहरी नील झील सी आंखो में आंसू ला रही थी । " तुम कहा हो,,,, तुम्हारे बिना यह जिंदगी जैसे जिंदगी नही लगती,,, तुम्हारी कमी हर पल सताती है,,, प्लीज वापस
" यह जो हल्का हल्का सुरूर है,, मेरा इश्क , मेरा फितूर है,,, यह जो हल्का,,,!!!! कहते हुए वो लडका अचानक रूक गया । उसकी आंखो से बेतहांशा,,, दर्द के साथ एक नमी उभर आयी । वो लडका एकटक ...Read Moreकी तरफ देख रहा था ,और दिवार की तरफ देखकर उसकी आंखो से एकाएक आंसू बह रहे थे , जैसे दिवार पर उसे कुछ दिख रहा हो, जो उसकी गहरी नील झील सी आंखो में आंसू ला रही थी । " तुम कहा हो,,,, तुम्हारे बिना यह जिंदगी जैसे जिंदगी नही लगती,,, तुम्हारी कमी हर पल सताती है,,, प्लीज वापस
उतराखण्ड, देहरादून पहाड़ और हरीयाली भरी खूबसूरती के बीच बसा हुआ एक खूबसूरत शहर देहरादून । यहां के पहाड़ और हरियाली इसकी खूबसूरती हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है वही यहां के महादेव के मंदिर, महादेव की ...Read Moreऔर इतनी खूबसूरती के साथ बसी हुई यह जगह अपने आप में ही सुंदरता का एक अनुपम सौंदर्य रखती है । देहरादून केवल खूबसूरती के लिए ही नहीं बल्कि यहां पर मौजूद अपनी टॉप लेवल कॉलेजस के लिये भी प्रसिद्ध है और इसमें ही एक है " वीर पथिक कॉलेज ऑफ न्यू सब्जेक्ट स्टीडीज " " यह कैसा नाम है
एक महीने बाददेहरादून उत्तराखंड " गार्गी कहां है तू,,,, मैंने सारा लगेज पैक कर लिया है,,,, बाकी कुछ बचा हो तो भी देख ले,,,,, हमे एयरपोर्ट के लिये निकलना है,,,,," रूपिका नें अपने बालो का जुडा बांधते हुए कहा ...Read Moreमानावत को गये एक महिना हो चुका था, और उन दोनो बहनो नें इस एक महिने में खुद को कैसे सम्भाला था यह तो वह दोनो ही जानती थी और इब वो दोनो अपने डैड मनावत का सारा बिजनेस अमेरिका से ही सम्भालना चाहती हैं, क्योंकि वह दोनों ही देहरादून में बिल्कुल भी नहीं रहना चाहती थी । उनकी पढाई
अगली शाम सीटी हॉस्पिटल ऑफ देहरादून " गार्गी,,,,, !!!! लगभग चीखते हुए रूपिका बैड से उठ खडी होती है । " डॉक्टर,,,, डॉक्टर,,, पेसेन्ट को होश आ गया है,,,!!!नर्स नें डॉक्टर को बुलाते हुए कहा । नर्स की आवाज ...Read Moreडॉक्टर अन्दर आती है । रूपिका जोर-जोर से गार्गी का नाम लेते हुए चीख रही होती है । " सिस्टर, पेसेन्ट को इंजेक्शन लगाओ,,, यह पैनिक हो रही है,,,,, !!!!! फास्ट,,,,, " डॉक्टर के कहने पर नर्स रूपिका को इंजेक्शन लगा देती है । इंजेक्शन लगाते ही कुछ देर में रूपिका वापस बेहोश हो जाती है । रूपिका नें अपने
सीटी हॉस्पिटल देहरादून, उतराखण्ड " क्या हुआ तुम्हें,, तुम,,, तुम ठीक तो हो,,,???"वदान्य नें कहा । "मैं,,,, ठीक हूं,,,, पर तुम,,, तुम कौन हो "रूपिका ने डरते हुए कहा । " वो मैं,,,, "वदान्य आगे कुछ कहता तभी एक ...Read Moreडॉक्टर के साथ अन्दर आते है । " वदान्य,,,, रूपिका हो क्या हुआ,,,, उसकी चीखने की आवाज,,? " पता नही बुआ,,, अचानक ही उठते ही चीखने लगी,,, " " लेट जाइये, मिस रूपिका,,,,!!! आप इतना कांप क्यो रही है,,,, डॉक्टर नें रूपिका को लेटाते हुए कहा । " नो डॉक्टर मुझे नही लेटना,,, मुझे बस यह बताइये मेरी बहन, गार्गी
चन्दानी हाऊस देहरादून, उतराखण्ड " आज से यह रूम तुम्हारा है,,, , रूपी,,,,!!! तुम जब तक चाहो यहां रह सकती हो,,,!!!! निवेदिता नें रूपिका को बैड पर बैठाते हुए कहा । रूपिका नें निवेदिता को देखकर अपना सिर हिला ...Read More। " औके बेटा,,, अब तुम रेस्ट करो अगर तुम्हें कोई जरूरत हो तो मुझे या किसी को भी आवाज देकर बुला लेना,,,," " ठीक है आंटी,,,, ,!!! रूपिका ने कहा तो निवेदिता ने एक हल्की मुस्कान के साथ उसके सिर पर हाथ फेरा और वहां से चली गई । निवेदिता बैड पर लेट गयी , उसनें पूरे रूम में
रूपिका का घर..... शाम का समय....... वो नीली आंखो वाला लडका मुस्कुराते हुए रूपिका के पास आकर सोफे पर बैठ जाता है-: तेरा मेरा रिश्ता है कैसा,,,, एक पल दूर गवारा नहीं तेरे लिए हर रोज है, जीते तुझको ...Read Moreमेरा वक्त सभी,,,,,!!!! उस लड़के ने अपनी मदहोश आवाज में आगे की लाइन में रूपिका के चेहरे को देखते हुए कही । रूपिका के चेहरे पर चोट के निशान थे और सिर पर पट्टी बंधी हुई थी, जिस कारण रूपिका का चेहरा काफी जख्मी और घायल दिख रहा था । लडके नें अपना हाथ धीरे से रूपिका के चेहरे के
रात का समय.... रूपिका का घर...... चारो तरफ अंधेरा ही अंधेरा है, हर तरफ इतना अंधेरा कि कुछ भी दिखाई देना नामुमकिन सा है वही रूपिका सीढियो से उतरकर नीचे की तरफ आती है उसनें हाथ में मोबाइल पकड़ा ...Read Moreजिसकी टॉर्च ऑन है रूपिका इतना अंधेरा देख कर थोड़ी घबराई हुई है । " अचानक लाइट कैसे चली गयी,,,,माधवी आंटी भी चली गयी है,,,, और यहां हॉल से भी पता नहीं कैसी आवाज आ रही है,,,,,," रूपिका ने सीढ़ियों से नीचे उतरते हुए खुद से कहा । वो हॉल में आती है और जनरेटर वाले रूम की तरफ बढती
उसी रात, रहैजा हाऊस, " वदान्य,,,,, आज तुम रूपिका के घर गए थे क्या,,,,, !!!! निवेदिता ने डिनर टेबल पर चेयर पर बैठते हुए कहा । " हां बुआ गया था मैं पर,,, " " पर क्या,,,,, क्या तुम ...Read Moreमिले नहीं कैसी है वो,,,??? अपना ख्याल रख रही है ना,,,,,???? " बुआ मैं उससे नहीं मिल पाया क्योकि जब मैं उसके घर गया वो घर पर नही थी,,,,,,," " क्या घर पर नही थी,,,,?? फिर,,,,??? " हां वो मैने उनके घर की केयर टेकर से पूछा था, माधवी आंटी करके कुछ नाम है उनका,,,, मैं शाम को रूपिका के
रूपिका यह सारा नजारा देखकर चौंक उठती है, उसे कुछ समझ नही आता, कि गार्गी और मानव उसे मारना क्यो चाह रहे थे और यह लडका कौन था । रूपिका लडके के हाथ से बह रहे खून की तरफ ...Read Moreहै, वही मानव और गार्गी उस लडके को गुस्से से घूर रहे होते है । " तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई बीच में आने की, अब तुम नही बचोगे,,,,!!!! गार्गी ने भयानक आवाज में कहा । वो लडके के हाथ से तलवार निकालने की कोशिश करती है पर नहीं निकाल पाती तभी उसकी तलवार को लगाओ हुआ सारा खून हवा में
वीर पथिक कॉलेज देहरादून, उतराखण्ड रूपिका उस लडकी के जाने के बाद कुछ देर तक वही खडी रहती है फिर वहां से कॉलेज के अन्दर बढ जाती है, वो जैसे-जैसे कॉलेज के अन्दर बढती जाती है, रूपिका को कुछ ...Read Moreलगने लगता है । रूपिका कॉलेज को चारो तरफ देखती है तो कॉलेज में काफी भीड थी, कॉलेज में कुछ स्टुडेन्टस पेड के पास खडे थे, तो कुछ स्टुडेन्टस ग्राउड में खेल रहे थे, कुछ लडकियां रंगोली वगैरे बना रही थी, तो कुछ लडकियां बास्केटबॉल, फुटबॉल और कुछ अन्य एक्टिविटी कर रही थी । रूपिका यह सब देखकर थोडी हैरान
वदान्य, रूपिका को लेकर अपने घर पहुचता है, जहां हॉल में राव्या बैठी हुई थी । राव्या वदान्य को किसी लडकी के सैथ देखकर हैरान रह जाती है, वो तुरन्त उठकर खडी हो जाती है । " मॉम,,, नीचे ...Read Moreदेखिये भाई किसे लेकर आये है,,, मॉम,,,,, " राव्या चिल्लाते हुए कहती है । राव्या को नही पता था कि रूपिका से सब पहले भी मिल चुके है, वो तो बस वदान्य की इमेज खराब करने और अपना बदला निकालना चाह रही होती है । " मॉम, मामाजी जल्दी आइये,,, देखिये वदान्य भाई किसी लडकी को बांहो में उठाकर लाये
धीरे-धीरे रूपिका की तबियत सही होने लगती हैं, अब उसे समझ गया था कि वो आत्माओ को देख सकती है, और कॉलेज ऑफ ने जो कुछ भी देते था वह एक अलग दुनिया थी । रूपिका को अब हर ...Read Moreकोई ना कोई आत्मा सफेद या काले कपडो में दिख जाया करती थी । बस वदान्य के घर के अन्दर उसे कोई दिखाई नही देता था, इस बात की उसे खुशी थी, जब भी वह निवेदिता के साथ कहीं बाहर जाती तो हर जगह उसे कोई ना कोई आत्मा दिख जाया करती थी, शुरूआत में रूपिका उन्हें देखकर डरती थी